दिल्ली में फ़रवरी 2020 के अंतिम हफ़्तों में हुए हिन्दू-विरोधी दंगों पर ऑपइंडिया की रिपोर्ट अब खरीदने के लिए उपलब्ध है। इसे अमेज़न के किंडल पर उपलब्ध कराया गया है, जहाँ आप इसे मात्र 101 रुपए में खरीद कर पढ़ सकते हैं। दिल्ली में हुए जिन दंगों में जानमाल की भारी क्षति हुई और हिन्दुओं को निशाना बनाया गया, ऑपइंडिया की इस रिपोर्ट में उस समय हुए पूरे घटनाक्रम का विस्तृत विवरण है।
हालाँकि, लिबरल गैंग द्वारा पूरा प्रयास किया गया कि इन दंगों के लिए हिन्दुओं को अपराधी दिखा कर पेश किया जाए, असली इस्लामी कट्टरवादी दंगाइयों को बचाया जाए और मजहब के लोगों को पीड़ित घोषित किया जाए। लेकिन, पुलिस की चार्जशीट और हमारे ग्राउंड रिपोर्ट्स ने सच्चाई को सामने ला दिया। हालाँकि, मेनस्ट्रीम मीडिया इसे केंद्र सरकार द्वारा ‘समुदाय विशेष के माँगों की अनदेखी’ का परिणाम बता कर पेश करता रहा है।
ऑपइंडिया ने इन दंगों की ग्राउंड रिपोर्टिंग की थी, इसीलिए हमें इसका भान था कि मेनस्ट्रीम मीडिया और लिबरल गैंग इसे जिस तरीके से पेश कर रहा है, उसमें तनिक भी सच्चाई नहीं है। साथ ही हम ज्यादा से ज्यादा लोगों तक सच्चाई लेकर जाने के लिए भी बेचैन थे। फ़रवरी में क्या हुआ था और इन दंगों की साजिश कैसे काफी व्यवस्थित तरीके से रची गई, हमने अपनी रिपोर्ट में इसे पूरे विवरण के साथ बताया है।
असल में हमारा ये मानना है कि दिसंबर 2019 से ही इन दंगों की तैयारी शुरू हो गई थी और सीएए विरोध के नाम पर हिंसा का दौर प्रारम्भ कर दिया गया था। सच्चाई भी यही सामने आई है कि फ़रवरी के अंतिम हफ्ते में जो भी हुआ, वो उससे पहले के 4 महीनों में हुई घटनाओं का ही प्रतिफल था। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के दौरे के समय अंतरराष्ट्रीय मीडिया का ध्यान खींचने और भारत को बदनाम करने के लिए ये सब किया गया।
इस रिपोर्ट को पढ़ने के बाद आपको पता चलेगा कि दिल्ली में हुए दंगों में हिन्दू दोषी नहीं थे जैसा कि प्रचारित करने का प्रयास किया गया, बल्कि, दंगाइयों के मन में हिन्दूघृणा किस कदर समाई हुई थी, इसके कई उदाहरण आपको मिल जाएँगे। सीएए विरोधी किस कदर हिन्दूफोबिया से ग्रसित थे, जो बाद में इन हिंसा का कारण बनी, उसकी सच्चाई ही आपको ऑपइंडिया की दिल्ली दंगों की रिपोर्ट में मिलेगी।
दंगे भले ही दिल्ली में हुए लेकिन सीएए विरोध के नाम पर हिन्दूघृणा और हिंसा का खेल तो पूरे देश में कई इलाक़ों में कई महीनों से चल रहा था और हमारी रिपोर्ट के अंत में आपको उन सभी घटनाओं का विवरण मिलेगा कि कैसे विरोध प्रदर्शन के नाम पर हिन्दूघृणा को अंजाम दिया गया। दिसम्बर 2019 और जनवरी 2020 में हुए प्रदर्शनों और हिंसा की घटनाओं का विवरण भी आपको इसमें मिलेगा।
हालाँकि, हमारी रिपोर्ट में हम ऐसा दावा नहीं कर रहे कि हमने इन महीनों में ऐसी एक-एक घटनाओं का विवरण इसमें डाला है लेकिन हाँ, हम ये ज़रूर कह सकते हैं कि हमने दिल्ली दंगों को प्रभावित करने वाली ऐसी कई घटनाओं को समेटने का प्रयास किया है और आप तक उसे पहुँचाने में पूरी मेहनत की है। इन 3-4 महीनों में क्या कुछ हुआ, उसे आप इस रिपोर्ट को पढ़ने के बाद आसानी से समझ पाएँगे।
हमारा जोर इस बात पर भी है किस-किस तरह राजनेताओं, गैर-सरकारी संगठनों, और सिविल सोसाइटी के लोगों ने इस्लामी कट्टरवादियों के साथ मिल कर देश में आतंक फैलाने की साजिश रची और दिल्ली में उसे अंजाम दिया। शाहीन बाग के उपद्रवियों को महान बनाने की कोशिश हो या वामपंथी संगठनों द्वारा इन दंगों को भड़काने के लिए कट्टरवादियों के साथ हाथ मिलाना, हमने इन सभी की पोल खोलने की कोशिश की है।
https://twitter.com/UnSubtleDesi/status/1288037711446564865?ref_src=twsrc%5Etfwसबसे ज्यादा जरूरी चीज आपको ये जानने के लिए मिलेगी कि पूरे देश भर में किस तरह हिन्दू-विरोधी इस्लामी कट्टरपंथियों ने आतंक फैलाने की साजिश रची, प्रयास किया और दिल्ली में उसका दुष्परिणाम हमें देखने को मिला। हमारा प्रयास ये है कि प्रोपेगंडा की आड़ मे सच्चाई न छिपे और इसीलिए ये रिपोर्ट हम आपके सामने लेकर आए हैं। हमें आशा है कि आपको हमारी ये रिपोर्ट पसंद आएगी।
अंत में एक और जरूरी बात बतानी जरूरी है। हमें दिल्ली दंगों पर ऑपइंडिया की रिपोर्ट से जितने भी रुपए आएँगे, उसका 20% हिस्सा Nimittekam नामक संस्था को जाएगा। ये संस्था पाकिस्तान के पीड़ित हिंदुओं और सिखों की मदद करती है। आप इस लिंक पर क्लिक कर के हमारी इस रिपोर्ट का किन्डल वर्जन खरीद कर उसे पढ़ सकते हैं। हाँ, आप अपनी समीक्षा से हमें जरूर अवगत कराएँ।