कपिल मिश्रा के बयान से पहले ही दंगाई भीड़ ने शुरू कर दिए थे दंगे: ‘Live Video’ से खुलासा

मोहित ठाकुर (दाएँ) के एक फेसबुक लाइव वीडियो ने खोली वामपंथी नैरेटिव की पोल

दिल्ली में हुए हिन्दू-विरोधी दंगों में कई हिन्दुओं ने अपनी जानें गँवाई। हिन्दू समाज की बहू-बेटियों के साथ अश्लील हरकतें की गईं। आईबी में कार्यरत अंकित शर्मा को बहुत ही दर्दनाक मौत दी गई। मीडिया के एक बड़े वर्ग और लिबरलों के गिरोह ने इन सब के लिए किसे जिम्मेदार ठहराया? कपिल मिश्रा को। दंगे भड़काने और कई हत्याओं के आरोप लगे हैं आम आदमी पार्टी के नेता ताहिर हुसैन पर। शरजील इमाम ने भड़काऊ बयान देकर शहीन बाग़ उपद्रव का कुचक्र रचा, जिसने 3 महीने तक दिल्ली वालों को परेशान किया। लेकिन, आरोपित कौन? कपिल मिश्रा!

अब तक ये स्पष्ट हो चुका है कि इन दंगों में इस्लामी आतताइयों और उनका नेतृत्व करने वालों का हाथ है लेकिन यहाँ हम आपको एक ऐसा सबूत दिखाने जा रहे हैं, जिससे साफ़ हो जाएगा कि कपिल मिश्रा के बयान से पहले दंगे शुरू हो गए थे। हालाँकि, फैसल फ़ारूक़ के राजधानी स्कूल और ताहिर हुसैन की इमारत से हुई पत्थरबाजी और बमबारी की बात करें तो वहाँ कई दिनों की तैयारी और साजिश के बाद ये सब संभव हुआ, ये साफ़ है। अब हम एक ऐसा लाइव वीडियो लेकर आए हैं, जो कपिल मिश्रा के बयान के पहले का है और उसमें देखा जा सकता है कि पत्थरबाजी शुरू हो गई है।

ये वीडियो बनाया है दिल्ली स्थित शाहदरा के निवासी मोहित ठाकुर ने। मोहित ठाकुर फ़रवरी 23, 2020 (सोमवार) को शाम के 4:33 में अपने फेसबुक प्रोफाइल से लाइव हुए और उनके कैमरे में जो भी चीजें क़ैद हुईं, वो आपको सच्चाई बयाँ कर देगी। उस वीडियो की तहकीकात करते हुए हमने मोहित से बातचीत भी की। उन्होंने ऑपइंडिया से बातचीत करते हुए सब कुछ बताया। वो वीडियो भी हम आपको दिखाएँगे, लेकिन पहले बात मोहित ठाकुर के उस लाइव वीडियो की।

कपिल मिश्रा का वो ट्वीट अभी सोशल मीडिया पर उपलब्ध नहीं है क्योंकि उसे डिलीट कर दिया गया है। लेकिन, उस ट्वीट्स के स्क्रीनशॉट्स हैं, जो दिखाते हैं कि उनका बयान शाम 5:11 में सोशल मीडिया पर पहली बार उनके अकाउंट से गया था। यानी, अन्य न्यूज़ पोर्टलों पर भी ये ख़बर सवा 5 के बाद ही आनी शुरू हुई। कपिल मिश्रा ने दिल्ली पुलिस को विरोध प्रदर्शन की चेतावनी दी थी, अगर उपद्रवियों पर नकेल नहीं कसी गई तो। नीचे कपिल मिश्रा के आधिकारिक हैंडल से हुए ट्वीट और उसका समय देखें:

कपिल मिश्रा का वो बयान, जिसे लेकर बात का बतंगड़ बनाया गया और इसे लेकर झूठे आरोप लगाए गए

अब बात मोहित के वीडियो की, जो इससे 28 मिनट पहले का है। इस वीडियो में वो मौजपुर मेट्रो स्टेशन के पास से लाइव हुए थे। जब वो लाइव हुए, तब उन्होंने बताया कि यहाँ इतनी भीषण पत्थरबाजी हो रही है कि लोग इधर से गुजर ही नहीं पा रहे हैं। वो पत्थरबाजी का दृश्य दिखाते हुए हिन्दुओं को चेतावनी देते हैं कि समय रहते एक्शन नहीं लिया गया तो वो उनके घरों तक पहुँच सकते हैं। जब वो सड़क पर चल रहे हैं, तब वहाँ रोड़े-पत्थर बिखरे पड़े हैं। उस समय मोहित की गाड़ी भी वहाँ फँसी हुई थी। समुदाय विशेष के लोगों के डंडे-पत्थरों से लैस होने की बात भी इस वीडियो में कही गई है, जिससे पता चलता है कि कपिल मिश्रा के बयान से पहले ही हथियार उठा लिए गए थे।

स्थिति इतनी भयावह थी कि मोहित ने उस वीडियो में कहा था कि उन्हें आज अपने ही देश में खड़े होने में डर लग रहा है। उन्होंने कई राहगीरों को वहाँ से वापस भी लौटाया, ताकि वो आगे लाठी-डंडे और पत्थर खाने से बच जाएँ। कई लोग वहाँ से वापस लौट गए। उसी समय उस वीडियो में एक रिक्शा वाला भी भागा-भागा आता दिखता है, जो बताता है कि काफ़ी पत्थरबाजी हो रही है और लोगों को मारा जा रहा है। इसके बाद मोहित ने लोगों को चेताया था कि ये डंडे उन तक भी पहुँच सकते हैं।

मौजपुर मेट्रो स्टेशन के नीचे का वीडियो: मिश्रा के बयान से पहले ही दंगे भड़कने हो गए थे शुरू

इसके बाद हमने मोहित ठाकुर से संपर्क किया और उनसे उनकी राय जानी। उन्होंने इस वीडियो की पुष्टि की और बताया कि वो दंगों के समय रात भर जाग कर दंगाई भीड़ को रोकने में लगे हुए थे और आत्मरक्षा के लिए ज़रूरी क़दम उठा रहे थे। मोहित मजहबी दंगाई भीड़ की हिंसा को प्रत्यक्ष देख चुके हैं। जब उन्हें पता चला कि शिव विहार स्थित प्राचीन हनुमान मंदिर के पास दंगाई भीड़ पहुँच गई, तब आत्मरक्षा के लिए कुछेक डंडे लेकर हिन्दुओं ने मोर्चा सम्भाला। राजधानी स्कूल से लगातार फायरिंग की जा रही थी।

https://twitter.com/anupamnawada/status/1234099389334880257?ref_src=twsrc%5Etfw

मोहित ने बताया कि वो इस बात के भी गवाह हैं कि कपिल मिश्रा के बयान से पहले दंगे शुरू हो गए थे। उन्होंने कहा कि अगर 4 व्यक्ति सामने में इस तरीके से मारे जाएँ तो ये पाकिस्तान वाला मंजर बन जाता है। मोहित ने बताया कि मजहबी दंगाई भीड़ ने एक तरह से पूरे क्षेत्र में हिंदुस्तान-पाकिस्तान सीमा बना दिया था। लगातार 48 घंटों तक हमले होते रहे और हिन्दू अपनी जान बचाने के लिए लगे रहे। एक अन्य व्यक्ति नन्हें लाल ने भी कहा कि मजहबी भीड़ के सामने पुलिस भी बेबस नज़र आ रही थी।

मोहित मीडिया पर निशाना साधते हुए कहते हैं कि मीडिया भी हिन्दुओं की हत्याओं को कवर नहीं कर रहा है और समुदाय विशेष के किसी व्यक्ति को थप्पड़ भी लग जाए तो उसे बड़ा मुद्दा बनाया जाता है। उन्होंने मीडिया को भी इस्लामी कट्टरवादियों के कुत्सित ‘गजवा-ए-हिन्द’ मिशन का हिस्सा बताया। बकौल मोहित, अगर दंगों का इल्जाम कपिल मिश्रा पर मढ़ने की बजाए सही दोषियों के ख़िलाफ़ शुरू में ही आवाज़ उठाई जाती तो आज ये नौबत ही नहीं आती। हालाँकि, जावेद अख्तर, सबा नकवी, अभिसार शर्मा, स्वरा भास्कर सहित लिबरल गिरोह के लोग अभी भी कपिल मिश्रा पर दोषारोपण में लगे हुए हैं।

https://twitter.com/anupamnawada/status/1234107120762540039?ref_src=twsrc%5Etfw

इस लाइव वीडियो को देख कर आप भी अंदाज़ा लगाइए कि जब कपिल मिश्रा के बयान से पहले ही लोगों को मारा जाने लगा था, लोग भाग रहे थे, पत्थरबाजी शुरू हो गई थी, डंडे भाँजे जा रहे थे और हमले शुरू हो गए थे- तो क्यों न इस पूरे प्रकरण का दोष शाहीन बाग़ और जाफराबाद में बैठे उपद्रवियों के साथ-साथ उन्हें भड़काने वाले इस्लामी नेताओं और मीडिया के वर्ग को दिया जाए। कपिल मिश्रा को मुद्दा बना दिया गया, वारिस पठान, शरजील इमाम और ताहिर हुसैन जैसों को बचाने के लिए। कपिल मिश्रा को मुद्दा बनाया गया, पुलिस पर गोलीबारी करने वाले मोहम्मद शाहरुख़ को परिदृश्य से गायब करने के लिए।

अनुपम कुमार सिंह: चम्पारण से. हमेशा राइट. भारतीय इतिहास, राजनीति और संस्कृति की समझ. बीआईटी मेसरा से कंप्यूटर साइंस में स्नातक.