पोते के लिए दवा लेने निकले थे भोला बाबा, ‘बॉर्डर’ पार करते ही 200 दंगाइयों ने घेरकर मार डाला

भीड़ ने घेरकर विनोद कश्यप की मार डाला (प्रतीकात्मक चित्र)

उत्तर-पूर्वी दिल्ली के हिन्दू विरोधी दंगों में मजहबी हिंसक भीड़ ने निर्मम तरीके से हत्या की घटनाओं को अंजाम दिया। आईबी के अंकित शर्मा की पोस्टमार्टम रिपोर्ट निर्ममता की पुष्टि करते हैं। दिलबर नेगी को हाथ-पैर काट आग में झोंक दिया गया था। अब तक जो तथ्य उभरकर सामने आए हैं वे इन दंगों के पूर्व सुनियोजित होने का इशारा करते हैं। दंगाइयों के हाथों मारे गए लोगों में से एक नाम विनोद कश्यप का भी है। ब्रह्मपुरी में उनकी हत्या की गई थी। इस घटना का विडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था।

दंगा प्रभावित इलाकों का दौरा कर एक फैक्ट फाइंडिंग टीम ने रिपोर्ट तैयार की है। इस टीम में सुप्रीम कोर्ट की वकील मोनिका अरोड़ा, दिल्ली यूनिवर्सिटी के रामलाल आनंद कॉलेज के इंग्लिश डिपार्टमेंट में असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. प्रेरणा मल्होत्रा, मिरांडा हाउस में असिस्टेंट प्रोफेसर सोनाली कानिटकर, पीजीडीएवी कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. श्रुति मिश्रा तथा असिस्टेंट प्रोफेसर दिव्यांशा शर्मा शामिल हैं। इस टीम ने अपनी रिपोर्ट में कई सुझाव दिए हैं। साथ ही कई घटनाओं का ब्यौरा दिया है। रिपोर्ट में विनोद कश्यप की जघन्य हत्या के बारे में भी विस्तार से बताया गया है।

इसके मुताबिक विनोद कश्यप की ब्रह्मपुरी की गली नंबर 1 में मजहबी भीड़ ने पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। उनका बेटा मोनू उस जिहादी उन्मादी बर्बर भीड़ के हमले में बच गया था। कश्यप डीजे का काम करते थे। तमाम मुश्किलों से पार पा एक खुशहाल जिंदगी जी रहे थे। वे हर साल काँवड़ लेकर जाते थे। इसके कारण परिवार और दोस्तों के बीच ‘भोले बाबा’ के नाम से जाने जाते थे।

24 फरवरी की रात लगभग 10:30 बजे विनोद अपने बेटे मोनू के साथ पोते के लिए दवाई लेने निकले। माहौल तनावग्रस्त था। फिर भी कुछ ही दूरी पर स्थित कल्याण मेडिकल स्टोर तक जा कर दवा लाने में कोई खतरा नहीं था। लेकिन जो हुआ वह किसी ने नहीं सोचा था। एक पत्थर आकर विनोद के बेटे मोनू को लगी और बाइक स्लिप कर गई।

सड़क पर मृत पड़े विनोद कश्यप और उनके बेटे के सिर पर लगे टॉंके (साभार: GIA फैक्ट फाइंडिंग रिपोर्ट)

बाप-बेटे के गिरते ही अल्लाह हू अकबर के नारे लगाती 200 लोगों की भीड़ ने उनको घेर लिया। भीड़ ने विनोद कश्यप और उसके बेटे मोनू कश्यप को तब तक पीटा जब तक विनोद की मौत नहीं हो गई। मोनू मरने का नाटक कर बच निकला। सोशल मीडिया के वायरल विडियो में विनोद के शव को घसीटती हुई भीड़ साफ़ नजर आती है। भोले बाबा का शव सड़क पर घसीटा जा रहा था! इस घटना को याद करते ही मोनू की जख्म से लाल हुई आँख से आँसू बहने लगते हैं। मोनू के सिर पर कम से कम 40 घाव हैं। सोशल मीडिया में आई तस्वीरों में खून से लथपथ मोनू मृत पड़े अपने पिता को जगाने के लिए झकझोरता नजर आया था।

टीम ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि इस घटना को लेकर उनलोगों ने काफी विस्तार से स्थानीय लोगों से बात की। उस सड़क को भी देखा जहॉं विनोद कश्यप की पीट पीट कर हत्या कर दी गई थी। स्थानीय लोगों ने टीम को ​बताया कि विनोद ने उस दिन बस एक गलती कर दी थी। वे वजीराबाद इलाके के उस रेखा को लाँघ गए थे जो समुदाय विशेष के लिए ‘बॉर्डर’ है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया