‘आपकी याचिका में दम नहीं’: न्यूजक्लिक के संस्थापक प्रबीर पुरकायस्थ को हाईकोर्ट ने नहीं दी राहत, चीन की दलाली में हुई थी गिरफ्तारी

प्रबीर पुरकायस्थ (साभार: हिंदुस्तान टाइम्स)

चीन और पाकिस्तान से पैसा लेकर देश में प्रोपेगेंडा चलाने वाले न्यूज वेब पोर्टल न्यूजक्लिक के मुखिया प्रबीर पुरकायस्थ को दिल्ली हाईकोर्ट से झटका लगा है। केंद्रीय जाँच एजेंसी CBI द्वारा की गई गिरफ्तारी को उन्होेंने दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। हालाँकि, दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार (13 अक्टूबर 2023) को उनकी याचिका खारिज कर दी।

प्रबीर पुरकायस्थ के साथ ही संस्था के मानव संसाधन विभाग के प्रमुख अमित चक्रवर्ती को भी गिरफ्तार किया गया है। दोनों आरोपितों के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधियाँ (रोकथाम) अधिनियम, 1967 (UAPA Act) के तहत मामला दर्ज किया गया है।

जस्टिस तुषार राव गेडेला की बेंच ने दोनों की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा, “मामले में कोई दम नहीं पाते हुए इसे खारिज किया जाता है”। इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट ने 9 अक्टूबर 2023 को इस मामले में अपने फैसले को सुरक्षित रख लिया था। अब इसे खारिज कर दिया है।

पुरकायस्थ और चक्रवर्ती के ओर से सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल और दया कृष्णन उपस्थित हुए। वहीं, सरकार की ओर से भारत सरकार के सॉलीसीटर जनरल तुषार मेहता उपस्थित हुए। मेहता ने कहा कि यह मामला देश की स्थिरता और अखंडता से समझौता है।

कोर्ट में मेहता ने कहा, “सबसे गंभीर आरोपों में से एक यह है कि वे भारत की उत्तरी सीमाओं के साथ एक नक्शा तैयार करते हैं, जिसमें अरुणाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर को भारत का हिस्सा नहीं दिखाया गया है।” उन्होंने यह भी कहा कि आरोपित को गिरफ्तारी के बारे में सूचित किया गया और विशेष अदालत के समक्ष पेश किया गया।

दरअसल, इन पुरकायस्थ और चक्रवर्ती की गिरफ्तारी का विरोध करते हुए सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने कोर्ट में दलील दी कि पुलिस ने आज तक आरोपियों को गिरफ्तारी का आधार नहीं बताया है। सिब्बल ने कहा कि उन्हें सिर्फ गिरफ्तारी मेमो दिया गया है। इसके पीछे सिर्फ सामान्य कारण बताए गए।

वहीं, कृष्णन ने तर्क दिया कि भारतीय संविधान का अनुच्छेद 22 कुछ मामलों में गिरफ्तारी और हिरासत के खिलाफ सुरक्षा से संबंधित है और सीआरपीसी प्रावधान जो कहता है कि गिरफ्तार किए गए किसी भी व्यक्ति को अवैध हिरासत में नहीं रखा जाएगा, दोनों का इस मामले में उल्लंघन किया गया था। उन्होंने कहा, “मुझे न तो गिरफ्तारी का आधार दिया गया और न ही मुझे अपने वकील को उपस्थित होने की अनुमति दी गई।”

बताते चलें कि न्यूजक्लिक के संस्थापक प्रबीर पुरकायस्थ और अमित चक्रवर्ती इस वक्त न्यायिक हिरासत में हैं। दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट की अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश हरदीप कौर ने 10 अक्टूबर 2023 को दोनों आरोपितों को 10 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजा था।

एफआईआर में कहा गया है कि आरोपितों ने अवैध रूप से विदेशी से करोड़ों रुपए का फंड लिया और इसका इस्तेमाल भारत की संप्रभुता, एकता और सुरक्षा को बाधित करने के इरादे से इस्तेमाल किया। एफआईआर में कहा गया है कि करोड़ों रुपये की ये धनराशि न्यूज़क्लिक को पाँच वर्षों की अवधि में अवैध तरीकों से प्राप्त हुई थी।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया