दिल्ली में 1 दिन में 100 बम ब्लास्ट, भारत में खलीफा-राज की स्थापना… ISIS वाले मियाँ-बीवी कम्प्यूटर में एक्सपर्ट, MBA भी कर रखा था: क्रिप्टो में करते थे आतंकी फंडिंग

अलग-अलग नामों से ऑनलाइन सक्रिय थे मियाँ-बीवी जहाँजेब सामी और हिना बशीर बेग, क्रिप्टोकरेंसी के जरिए आतंकी फंडिंग

2019 में राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली में उस समय ठंड का मौसम था, जब जहाँजेब सामी अपनी बीवी हिना बशीर बेग के साथ जम्मू कश्मीर से यहाँ शिफ्ट हुआ। उसी साल 6 अक्टूबर को इन दोनों का निकाह हुआ था, जब अनुच्छेद-370 को निरस्त किए जाने के मोदी सरकार के फैसले के कारण जम्मू कश्मीर में सख्ती थी और कई अलगाववादी नेता नज़रबंद थे। निकाह के 2 सप्ताह बाद ही दोनों दिल्ली के लिए निकल गए। जहाँजेब सामी एक ब्रिटिश कंपनी के लिए काम कर रहा था।

उसने B.Tech और MBA कर रखा है। इसी तरह उसकी बीवी हिना बशीर बेग ने भी कम्प्यूटर एप्लीकेशंस में स्नातक करने के बाद मैनेजमेंट का कोर्स किया था। वो कुछ बैंकों के लिए काम कर चुकी थी और निकाह के दौरान उसने काम से ब्रेक लिया हुआ था। दोनों की उम्र 35 वर्ष के आसपास थी। उन्होंने जामिया नगर के C ब्लॉक में एक फ़्लैट रेंट पर लिया। शुरू में वो मूवी देखते हुए या ओखला बर्ड सैंक्चुरी घूमते हुए वीकेंड्स पर समय व्यतीत करते थे।

उसके तुरंत बाद CAA (नागरिकता संशोधन कानून) के खिलाफ शाहीन बाग़ आंदोलन शुरू हो गया और फिर इस जोड़े को अधिकतर घर में ही रहना पड़ा। इसके अगले साल कोरोना वायरस आपदा दुनिया पर कहर बन कर टूटी और फिर लॉकडाउन में दोनों घर में ही रहे। 8 मार्च, 2020 – ये वो तारीख़ थी जब दिल्ली पुलिस का आतंकरोधी दस्ता उनके दरवाजे पर पहुँचा। गिरफ़्तारी के बाद उन पर UAPA लगाया गया। असल में इंटरनेट पर दोनों की अलग पहचान थी।

हिना बशीर बेग जहाँ ‘Hannabee’ और ‘कतिजह अल कश्मीरी’ नाम से सक्रिय थी, जबकि उसका शौहर ‘जाएब’, ‘अबू अब्दुल्लाह’ और ‘अबू मुहम्मद अल-हिन्द’ नाम से। असल में ये दोनों आतंकी संगठन ISIS के सदस्य थे और सीरिया-अफगानिस्तान में बैठे आका इन्हें आदेश दे रहे थे। मामला NIA को ट्रांसफर किया गया, दोनों जेल भेजे गए। साढ़े 4 महीने बाद वो दोषी साबित हुए। जहाँजेब सामी दिल्ली में एक दिन में 100 बम ब्लास्ट की साजिश रच रहा था।

उसकी मंशा थी कि भारत में खलीफा का राज स्थापित किया जाए और इसके लिए वो ये सब कर रहा था। उसे 20 साल की सज़ा सुनाई गई, जबकि उसकी बीवी को 7-7 साल की। गिरफ़्तारी से कई महीने पहले से दोनों सर्विलांस में थे। 2019 की गर्मियों में ही एक चैटिंग प्लेटफॉर्म से एन्क्रिप्टेड मैसेज के आदान-प्रदान का ट्रेस मिला था। उसी दौरान ISIS ने भारत में आतंकी वारदातों को अंजाम देने के लिए ‘विलायह अल-हिन्द’ मिशन लॉन्च किया था।

‘स्वात-अल-हिन्द’ नामक डिजिटल मैगजीन भी टेलीग्राम जैसे एप्स पर अपलोड किए गए थे। दोनों मियाँ-बीवी मिल कर CAA विरोध की आड़ में मुस्लिम युवाओं को हथियार उठाने के लिए भड़का रहे थे। IS-खोरासन के अबू उस्मान अल कश्मीरी से ये दोनों संपर्क में थे। IS कमांडर हुज़ैफ़ा-अल-बाकिस्तै से वो प्रेरणा लेते थे। उसे अफगानिस्तान के नंगरहार में एक ड्रोन हमले में मार गिराया गया था। इन दोनों ने मैगजीन में एक लेख लिख कर उक्त आतंकी का महिमामंडन किया था

हिना ने पुणे से पढ़ाई की थी, ऐसे में वो पुणे के एक कपल के साथ भी संपर्क में थे। उक्त शख्स जिम ट्रेनर था, जबकि उसकी बीवी सादिया पहले से ही ISIS के प्रति झुकाव को लेकर जाँच एजेंसियों की रडार पर थी। हिना ने सादिया को एक मिशन के लिए सुसाइड बेल्ट पहनने के लिए भी तैयार कर लिया था। सामी-हिना की ऑनलाइन एक्टिविटीज के कारण उन्हें ट्रेस किया गया। वो आतंकी मैगनीज को भी सर्कुलेट कर रहे थे। क्रिप्टोकरेंसी के माध्यम से वो फंड्स का लेनदेन करते थे। अब NIA कोर्ट ने दोनों को दोषी करार दिया है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया