संजीव को बनाया अब्बास, संदीप नहीं बना मुस्लिम तो कर दिया केस: रैन बसेरा भी इस्लामी धर्मांतरण का सेंटर, कलीम के कनेक्शन खँगाल रही दिल्ली पुलिस

दिल्ली के रैन बसेरा में इस्लामी धर्मांतरण (प्रतीकात्मक फोटो, साभार: आज तक)

देश की राजधानी दिल्ली के तुर्कमान गेट इलाके स्थित रैन बसेरा (Night Shelter) से इस्लामी धर्मांतरण का मामला सामने आया। मुख्य आरोपित मोहम्मद कलीम के मोबाइल में कई व्हाट्सएप ग्रुप मिले हैं जिनमें मजहब से संबंधित प्रचार प्रसार की सामग्री और वीडियो मिले हैं। दिल्ली पुलिस कलीम के बैंक खातों की जाँच कर रही है। इस बात का भी पता लगाया जा रहा है कि धर्मांतरण के लिए विदेशी फंडिंग तो नहीं हो रही थी।

इस मामले में शिकायतकर्ता रैन बसेरा के केयरटेकर संदीप सागर हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कलीम ने संदीप सागर पर भी इस्लाम कबूलने का दबाव डाला था। धर्मांतरण करने पर उसे पैसे, नौकरी और निकाह का लालच दिया गया था। संदीप के अनुसार जब उसने इससे इनकार कर दिया तो कलीम ने उस पर मोबाइल फोन और कैश लूटने का केस दर्ज करवा दिया। उसे अन्य मामलों में भी फँसाने की धमकी दी। कहा जा रहा है कि कलीम भारत को आने वाले समय का इस्लामिक मुल्क बताते हुए मुस्लिम न बनने वालों का सिर कलम करने की भी धमकी देता था। वह लोगों को ज़ाकिर नाइक के वीडियो भी दिखाया करता था।

संदीप का आरोप है कि कलीम ने कई हिंदुओं का धर्मान्तरण करवाया है। उसने संजीव को अब्बास बनाने के मामले की जानकारी भी दी है। संजीव मूल रूप से गाजियाबाद के लोनी इलाके का रहने वाला है। परिवार वालों ने उसे घर से निकाल दिया था। पुलिस का कहना है कि जाँच में यह बात साबित हुई है कि अब्बास पहले हिन्दू था।

DCP सेंट्रल ने कलीम के मोबाइल फोन में मजहबी प्रचार-प्रसार की चीजें मिलने की जानकारी मीडिया से साझा की है। 5 ऐसे व्हाट्सएप ग्रुपों का पता चला है जिसके द्वारा मजहबी प्रचार किया जा रहा था। इन ग्रुपों का एडमिन खुद कलीम था। कलीम फिलहाल पुलिस की हिरासत में है। DCP का कहना है कि अगर जरूरी लगा तो कलीम को रिमांड पर लेकर पूछताछ की जाएगी। रैन बसेरा संचालकों का कहना है कि कलीम वहाँ गरीब और परेशान लोगों की तलाश में आता था।

संदीप की शिकायत पर कलीम के खिलाफ चाँदनी महल थाने में धार्मिक सौहार्द बिगाड़ने औ धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाने (153- A & 295-A) का मामला दर्ज किया गया है। कलीम मूल रूप से उत्तर प्रदेश के बाराबंकी का रहने वाला है और पेशे से इंजीनियर है। उसने साल 2015 में नोएडा से बीटेक का कोर्स किया था और 2 साल जॉब किया। दावा किया जा रहा है कि पुलिस की जाँच में यह भी निकला है कि कलीम सोशल मीडिया पर नए-नए लोगों से दोस्ती करता था। बाद में वो नए दोस्तों को मज़हबी साहित्य आदि भेजता था।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया