e-रिक्शा चलाता था दिलदार, राहुल बन कर 8वीं की लड़की को ले भागा: पहले से थी 2 शादी, एक को बताता था बहन

खुद को राहुल बताने वाला आरोपित दिलदार कुरैशी

देश में लगातार लव जिहाद के मामले सामने आ रहे हैं। ताज़ा मामला देश की राजधानी दिल्ली का है। इस मामले में दिलदार कुरैशी नाम के युवक ने 13 साल की लड़की को प्यार के झाँसे में फँसाया और इसके बाद 18 अक्टूबर को उसे लेकर फ़रार हो गया।

पीड़ित नाबालिग लड़की दिल्ली के छतरपुर की रहने वाली है और आठवीं कक्षा में पढ़ती है। घटना की जानकारी के बाद लड़की के परिजनों ने युवक के विरुद्ध मामला दर्ज कराया। फ़िलहाल पुलिस दिलदार कुरैशी की तलाश में जुटी हुई है।

दैनिक जागरण में प्रकाशित ख़बर के अनुसार 18 अक्टूबर की सुबह लड़की अपनी सहेली से मुलाक़ात की बात कह कर घर से बाहर गई थी। रात होने के बावजूद लड़की की वापसी नहीं आई, तब उसके परिवार वालों ने उसे खोजना शुरू किया। इस दौरान लड़की के परिजन उसकी सहेली के घर गए, जहाँ उसने बताया कि वह आई थी पर शाम को घर के लिए निकल गई थी। इसके बाद सीसीटीवी फुटेज सामने आई, जिसमें साफ़ तौर पर नज़र आ रहा था कि वह आरोपित दिलदार के साथ क़ुतुब मेट्रो स्टेशन की तरफ जा रही थी। 

लड़की के परिजनों द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक़ आरोपित दिलदार कुरैशी उनके मोहल्ले में ही रहता था। वह ई रिक्शा चलाता था और उसने सभी को अपना नाम राहुल बताया था। इसके अलावा उसने कई अलग-अलग नाम से अपनी फेसबुक प्रोफाइल बना रखी थी, और वह मूल रूप से उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले स्थित शेगूपुर गाँव का रहने वाला है।

दिलदार ने अपने मोहल्ले में यह बताया था कि वह अपनी दिव्यांग बहन सोनी के साथ रहता था, जिसके दोनों पैर काम नहीं करते थे। 13 साल की लड़की के साथ फरार होने के बाद पता चला कि जिसे वह अपनी बहन बताता था, वह असल में उसकी पत्नी थी।

इस घटनाक्रम पर जानकारी देते हुए सोनी की बहन ने कई हैरान कर देने वाली बातें बताई। सोनी की बहन ने कहा कि 12 सितंबर को सोनी की तबियत बिगड़ गई, जिसके बाद दिलदार ने उसे दिल्ली स्थित सफ़दरगंज अस्पताल में भर्ती कराया। इसके बाद सोनी की हालत में सुधार हुआ, जिसके बाद 24 तारीख़ को दिलदार ने उसे डिस्चार्ज कराया और इसके बाद घर से भाग गया।

इसके कुछ ही दिन बाद 1 अक्टूबर को सोनी की तबियत दोबारा गम्भीर हुई, सोनी गर्भवती भी थी। उसने कई बार दिलदार को फोन किया लेकिन दिलदार उसे देखने तक नहीं आया। 6 अक्टूबर को सोनी और उसके गर्भ में पल रहे 8 महीने के शिशु की मृत्यु हो गई। 

दिलदार अपनी दिव्यांग पत्नी के अंतिम संस्कार में भी शामिल नहीं हुआ था। सोनी का कहना था कि दिलदार ने लगभग 11 महीने पहले सोनी को भी प्रेम का झाँसा देकर उसके साथ विवाह किया था। सोनी के घर वालों ने सुरक्षित भविष्य को देखते हुए उसकी शादी कर दी थी।

इस शादी के कुछ समय बाद ही सोनी को पता चला कि दिलदार ने अपनी पहली पत्नी और दो बच्चों को छोड़ रखा था। यह सब जानने के बाद सोनी की स्थिति बदतर होती गई और एक पड़ाव ऐसा आया, जब सोनी के गर्भवती होने के बावजूद दिलदार उसका खयाल नहीं रख कर दूसरी लड़कियों से बात करता था।

दिलदार कुरैशी का भाई भी संगम विहार कॉलोनी में ही रहता है, उसने भी इस बारे में कई जानकारी दी। उसका कहना था कि कुछ साल पहले दिलदार ने एक लड़की के साथ भाग कर शादी की थी। इसके बाद वह गाँव वापस नहीं आया, उसके दो बच्चे भी हुए थे एक बेटा और एक बेटी। फ़िलहाल वह महिला अपने बच्चों के साथ मायके में रहती है, उसका परिवार फ़िलहाल गाँव में ही रहता है।            

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया