सऊदी अरब के एक इस्लामी मौलाना ने नवरात्री को ‘कुफ्र (काफिरों द्वारा किया जाने वाले कार्य)’ करार देते हुए कहा कि अगर किसी मुस्लिम व्यक्ति की बीवी इसमें हिस्सा लेती है या फिर उपवास रखती है, तो उसे तुरंत तलाक दे देना चाहिए। मौलाना अब्दुल उफ़ कानी नाम के एक मुस्लिम व्यक्ति ने सऊदी अरब के मौलाना असीम अल हकीम से ये सवाल किया था, जिसके जवाब में रविवार (10 सितंबर, 2021) को उक्त मौलाना ने ये बात कही।
मौलाना उफ़ कानी ने पूछा था, “मेरी बीवी नवरात्री में उपवास रखना चाहती है और दुर्गा पूजा मनाना चाहती है। क्या इस्लाम में इसकी अनुमति है?” उसने गुरुवार को ये प्रश्न ट्विटर के माध्यम से किया था, लेकिन 3 दिनों तक कोई जवाब न आने के बाद उसने फिर लिखा, “इंशाअल्लाह, मैं आपके जवाब का इंतजार कर रहा हूँ। मेरी बीवी पिछले 4 दिनों से उपवास रख रही है। इसका क्या इलाज है?”
साथ ही उसने ये भी पूछा कि वो अपनी बीवी को कैसे रोके और क्या उसकी पिटाई करने की अनुमति है? सऊदी अरब के मौलाना असीम अल हकीम ने इसका जवाब देते हुए कहा, “अगर ये हिन्दू त्योहार हैं या हिन्दुओं के धार्मिक रीति-रिवाज हैं, आपको अपनी बीवी को वापस इस्लाम में बुलाना चाहिए और बताना चाहिए कि ये ‘कुफ्र’ है। अगर वो जिद पर अड़ी हुई है, तो उसे तलाक दे दो और कभी उसकी तरफ मुड़ कर भी न देखो।”
https://twitter.com/Assimalhakeem/status/1447040823535734786?ref_src=twsrc%5Etfwमौलाना ने आगे सलाह दी कि कोई भी मुस्लिम किसी गैर-मुस्लिम के साथ इस तरह से नहीं रह सकता। बता दें कि मौलाना असीम अल हकीम सऊदी अरब में जाना-पहचाना नाम है और वो अक्सर टीवी व रेडियो के जरिए अंग्रेजी व अरबी में इस्लाम के बारे में बताता है। ‘हुडा टीवी’ और जाकिर नाइक की ‘पीस टीवी’ के माध्यम से वो कुरान और हदीथ पढ़ाता है। उसने ‘किंग अब्दुल अजीज यूनिवर्सिटी’ से ‘भाषा विज्ञान’ में स्नातक कर रखा है।
इसके बाद उसने ‘उम्म अल कुरा यूनिवर्सिटी’ से ‘इस्लामी अध्ययन’ में डिप्लोमा किया। वो पिछले दो दशकों से जेद्दा मस्जिद में बतौर इमाम कार्यरत है। जून 2020 में उसने ‘विरोध प्रदर्शन’ को इस्लाम में ‘हराम’ करार दिया था। अमेरिका में अश्वेत जॉर्ज फ्लॉयड की हत्या के बाद हुए विरोध प्रदर्शनों के मद्देनजर उसने ये कहा था। उसने बिटकॉइन सहित अन्य क्रिप्टोकरेंसीज को भी इस्लामी कानून के हिसाब से ‘हराम’ बताया था।