माना आप बच्चे की तरह करते हैं प्यार, पर आदमी नहीं है कुत्ता: बॉम्बे HC ने FIR रद्द कर पुलिस पर लगाया जुर्माना, मोड़ पर टक्कर में ठोक दिया था 279/337

बॉम्बे हाईकोर्ट और कुत्ता (साभार: लाइव लॉ)

बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay High Court) ने एक महत्पूर्ण फैसले में कहा कि कोई व्यक्ति किसी कुत्ते को कितना भी अपनी औलाद की तरह माने, लेकिन वह इंसान नहीं बन सकते। इसलिए उनके लिए IPC की धारा 279 और 337 के तहत किसी पर आरोप नहीं लगाया जा सकता है। ये दोनों धाराएँ मानवीय जीवन को खतरे में डालने पर लगाई जाती हैं।

जस्टिस रेवती मोहिते डेरे और पृथ्वीराज चवन की खंडपीठ ने अपने फैसले में स्विगी फूड डिलीवरी पार्टनर के खिलाफ दर्ज मामले को रद्द कर दिया। कोर्ट ने पाया कि पुलिस अधिकारियों ने आरोपित के खिलाफ IPC की धारा 279, 337 और 449 के तहत मामला दर्ज कर ‘तर्क की अवहेलना’ की है।

इतना ही नहीं, इस तरह के अतार्किक व्यवहार के लिए कोर्ट ने अधिकारियों को दंडित भी किया है। बॉम्बे हाईकोर्ट ने पुलिस अधिकारियों के खिलाफ 20,000 रुपए का जुर्माना भी लगाया है। इस जुर्माने की वसूली अधिकारियों के वेतन से किया जाएगा।

कोर्ट ने अपने फैसले में कहा, “इसमें कोई शंका नहीं है कि कुत्ते या बिल्ली के मालिकों द्वारा उन्हें बच्चे या परिवार के सदस्य के रूप में माना जाता है, लेकिन जीवविज्ञान का मूल सिद्धांत ये कहता कि वे इंसान नहीं हैं। IPC की धारा 279 और 337 मानव जीवन को खतरे में डालने या किसी इंसान को जख्मी करने से संबंधित है।”

दरअसल, डिलीवरी पार्टनर राइडिंग के दौरान रोड पार कर रहे एक कुत्ते से टकरा गया था। इसमें दोनों घायल हो गए। बाद में कुत्ते की मौत हो गई थी। इसके बाद मानस गोडबोले नाम के डिलीवरी पार्टनर के खिलाफ एक महिला ने मामला दर्ज कराया था। घटना के समय मानस की उम्र 18 वर्ष थी और वह ‘डिप्लोमा इन इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्यूनिकेशन’ अंतिम वर्ष का छात्र था।

मानवीय जीवन को खतरे में डालने वाली धाराओं के अलावा, मुंबई की मरीन ड्राइव पुलिस ने गोडबोले के खिलाफ पशु क्रूरता अधिनियम की धाराएँ भी लगाई थीं। हालाँकि, इस कानून की धाराओं के तहत भी केस को खारिज करते हुए कोर्ट ने कहा कि जिस तरह से यह हादसा हुआ, उसमें आरोपित का इरादा जानबूझकर नुकसान पहुँचाने की नहीं थी।

दरअसल, साल 2020 में लॉकडाउन के दौरान गोडबोले 11 अप्रैल को खाने की डिलीवरी देने के लिए जा रहा था। रात 8 बजे के करीब एक महिला मरीन ड्राइव पर आवारा कुत्तों को कुछ खिला रही थी। इसी दौरान एक कुत्ता बाइक के नीचे आ गया। उसे बचाने के लिए स्पीड लिमिट में चल रहे राइडर ने ब्रेक लगाई और वह एक तरह गिर गया। उसी तरफ वह कुत्ता भी गिर गया। इससे कुत्ते को चोट लग गई और वह स्वर्ग सिधार गया।

लाइव लॉ के अनुसार, कोर्ट ने कहा कि आरोपित स्पीड लिमिट में गाड़ी चला रहा था। वह फूड आइटम देने के लिए जा रहा था, इसी दौरान रास्ते में कुत्ता आ गया। इससे यह दुर्घटना हुई और आरोपित खुद बाइक से नीचे गिर गया और उसे भी चोट लगी। उसका कोई आपराधिक इरादा नहीं था।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया