राजस्थान में सुसाइड करने वाली डॉक्टर के पति ने नेताओं-पत्रकार पर लगाया प्रताड़ना का आरोप, मुआवजे का लालच का ऑडियो भी लीक

आत्महत्या करने वाली डॉ. अर्चना और उनके पति डॉ. सुनीत

राजस्थान (Rajasthan) में मरीज की मौत के बाद प्रताड़ना की शिकार डॉ. अर्चना शर्मा की आत्महत्या (Dr. Archana Sharma Suicide) के मामले में मृतका के पति ने राज्य के प्रभावशाली लोगों पर आरोप लगाया है। वहीं, सोशल मीडिया पर भी एक वीडियो सामने आया है, जिसमें पैसे के लेन-देन की बात की जा रही है।

आनंद हॉस्पिटल के मैनेजर और मृतका अर्चना शर्मा के पति डॉ. सुनीत उपाध्याय ने भाजपा नेता (BJP Leader) और लालसोट विकास मोर्चा के अध्यक्ष शिवशंकर बाल्या जोशी और राजस्थान पत्रिका के रिपोर्टर महेश बिहारी सहित भाजपा के कई बड़े नेताओं पर आरोप लगाया है। उनका एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

वहीं, मृतका के भाई पवन शर्मा ने आरोप लगाया कि बाल्या जोशी उनकी बहन को कई महीनों से प्रताड़ित कर रहा था। उसके ऊपर भाजपा के नेताओं का हाथ और उसके कहने पर ही अर्चना के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज हुआ था।

सुसाइड करने वाली डॉ. अर्चना के पति का भाजपा नेताओं पर आरोप

वायरल वीडियो में डॉ. उपाध्याय ने कहा, “परसों आशा बैरवा नाम की एक महिला की डिलीवरी हुई थी हॉस्पिटल में और वो लेडी कॉम्प्लीकेटेड थी। पहले उसको लालसोट से रेफर किया दौसा, दौसा से रेफर किया जयपुर। जयपुर से फिर उनलोगों का (मरीज के परिजनों का) फोन आया कि साहब यहाँ जबरदस्ती हमारा लाइगेशन (नसबंदी) भी करेंगे। हमारी तीन लड़कियाँ हैं। अगर आप जबरदस्ती लाइगेशन ना करो तो हम लालसोट आ जाएँ। हमने कहा कि कोई प्राइवेट हॉस्पिटल क्यों लाइगेशन करेगा। ये आपकी इच्छा है। उस महिला का पहली सिजेरियन (ऑपरेशन के जरिए बच्चे का जन्म) भी यहीं हुआ था और उसके ट्विन्स हुए थे। तब वो लालसोट आ गए। उसकी डिलीवरी हो गई। नॉर्मल सिजेरियन हो गया उसका। दो घंटे बाद उसे मैसिव बीपीएस हुआ, एटॉनिक पीपीएच हुआ। हम बहुत देर तक, दो घंटे तक जूझते रहे उससे। दो यूनिट ब्लड भी चढ़ाया, पर हम उसको बचा नहीं पाए। उसके घरवालों ने ये सब चीज देखी थी कि हमने कितनी मेहनत करी उसपे, सारा हॉस्पिटल बंद करके, सारी ओपीडी बंद करके। घरवाले तो हाथ जोड़ते हुए हमसे कह रहे थे कि साहब आपने तो पूरी कोशिश की थी बचाने की, लेकिन हमारी तकदीर खराब थी। तो उन्होंने कहा कि साहब एंबुलेंस भेजवा दो बस इसको घर छुड़वाने के लिए तो हमने एंबुलेेंस उनको फ्री में भेजी और वे (शव को) घर ले गए और अंतिम संस्कार की तैयारियाँ करने लगे।”

इस मामले को राजनीतिक पक्ष को लेकर उन्होंने कहा, “इसी दौरान मुझे किसी ने बताया कि शिवशंकर बाल्या जोशी, मरीज के घर जाके उनको उठाके लेके आया कि मैं तुमको खूब अच्छा मुआवजा दिलवाऊँगा और लाश को लाकर अस्पताल के आगे पटक दिया। 100-200 लोगों की भीड़ इकट्ठा कर ली और भारतीय जनता पार्टी के कुछ और नेताओं को बुला लिया उसने। हरकेश मटलाना, जितेंद्र गोठवाल और फिर ये बात भी आ रही थी कि डॉ. किरोड़ीलाल मीणा भी आ रहे हैं।”

जोशी को ब्लैकमेलर और हिस्ट्रीशीटर बताते हुए उपाध्याय ने कहा, “शिवशंकर बाल्या जोशी पहले भी हमारे हॉस्पिटल में फिरौती और ब्लैकमेलिंग की कोशिशें करते रहा है। हमने उसके खिलाफ FIR भी दी थी, पर पुलिस डॉ. किरोड़ीलाल मीणा के दबाव में उसके खिलाफ FIR दर्ज नहीं करती। वो लालसोट थाने का हिस्ट्रीशीटर है। पहले पुलिसवालों का सिर भी फोड़ चुका है, पर हर बार डॉ. किरोड़ीलाल मीणा उसको बचा लेते हैं और वो उनके नाम पर गुंडागर्दी करता है। हमने पूरी कोशिश करी कि ये मामला टले, लेकिन पुलिस ने उसके दबाव में दफा 302 हत्या का मुकदमा दर्ज कर दिया।”

राजस्थान पत्रिका के रिपोर्टर पर सवाल

इस मामले में उन्होंने राजस्थान पत्रिका के एक पत्रकार पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा, “अगले दिन सुबह डॉ. अर्चना ने जब ये खबर पढ़ी तो वो घबरा गई थी। बोली बाल्या जोशी और पत्रकार महेश बिहारी क्या मुझे जेल भेज देंगे? राजस्थान पत्रिका का एक रिपोर्टर है महेश बिहारी। वो भी एक ऐसा ही दलाल है। उसने हमारा पक्ष नहीं छापा। उसने सिर्फ एकतरफा खबर छापी। तो राजस्थान पत्रिका पढ़के वो बहुत डर गई। तो उसको लगा कि ये तो मुझे अब जेल भेज देंगे। फिर मैंने उसको समझाया कि ऐसे जेल नहीं होती है, पर शायद उसकी दहशत नहीं पाई।”

कथित दलित नेता का वीडियो वायरल

इसके अलावा, सोशल मीडिया पर एक और ऑडियो वायरल हो रहा है, जिसमें मृतक मरीज के परिजनों को उकसाते हुए रुपए के लेन-देन और मुआवजे की बात कही जा रही है। कहा जा रहा है कि जो मृतक मरीज के घरवालों से बात कर रहा है वो कोई दलित नेता है। हालाँकि, ऑपइंडिया इस इसकी सत्यता की पुष्टि नहीं करता है।

ऑडियो में एक व्यक्ति कह रहा है, “अबे यार! सारा खेल खराब कर दिया। सारा खेल खराब कर दिया। एक गरीब आदमी को पैसे मिल जाते, उसके बच्चे को पैसे मिल जाते। एससी-एसटी एक्ट में चार-पाँच लाख रुपए ही मिल जाते अलग से।”

ऑडियो में सामने वाला व्यक्ति कह रहा है कि उसने एससी-एसटी एक्ट के तहत केस कर दिया है और इसमें 10 लाख रुपए नकद मुआवजा मिलेगा। उसे कुछ लोगों ने इंदिरा आवास आदि बनवाने का भी वादा किया था।

क्या है मामला?

राजस्थान में महिला डॉक्टर अर्चना शर्मा ने खुद की बेगुनाही साबित करने के लिए मंगलवार (29 मार्च 2022) को अपने घर में ही फाँसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। एक सुसाइड नोट भी छोड़ा है। वे राजस्थान के दौसा जिले का लालसोट कस्बे की एक निजी अस्पताल में डॉक्टर थीं। प्रसव के दौरान एक महिला की मौत होने के बाद उसके परिजनों ने महिला डॉक्टर के खिलाफ हत्या का केस दर्ज कराया था।

रिपोर्ट के मुताबिक, डॉ. अर्चना (42) और उनके पति डॉ. सुनीत उपाध्याय (45) का लालसोट कस्बे में आनंद नाम का अस्पताल है। पास में खेमवास गाँव है। वहीं के रहने वाले लालूराम बैरवा की पत्नी आशा गर्भवती थी और सोमवार को उन्हें प्रसव के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया। दोपहर में महिला की डिलीवरी कराई जाने लगी तो बहुत अधिक ब्लीडिंग होने के कारण मौत हो गई। हालाँकि, नवजात को बचा लिया गया। इसके बाद मृतक महिला के परिजनों ने मुआवजे की माँग को लेकर अस्पताल के बाहर धरना दिया। साथ ही डॉ. अर्चना के खिलाफ लालसोट थाने में हत्या की धारा 302 के तहत केस दर्ज कराया।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया