ED ने छत्तीसगढ़ में 2000 करोड़ रुपए के शराब घोटाले का किया पर्दाफाश: कॉन्ग्रेस नेता एजाज ढेबर का भाई अनवर गिरफ्तार, कई और रडार पर

ईडी और अनवर (साभार: हिंदुस्तान)

छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में लगभग 2000 करोड़ रुपए का शराब घोटाला और मनी लॉन्ड्रिंग का मामला सामने आया है। इस मामले में रायपुर के मेयर एजाज ढेबर के बड़े भाई अनवर ढेबर का नाम सामने आया है। यह सिंडिकेट शराब की हर बोतल पर अवैध रूप से पैसा लेता था।

इस मामले में ED ने शुक्रवार (5 मई 2023) की रात होटल कारोबारी अनवर ढेबर को गिरफ्तार किया था। अनवर को अगले दिन कोर्ट में पेश किया, जहाँ कोर्ट ने उसे चार दिन की ईडी रिमांड पर भेज दिया। अनवर से पूछताछ के बाद सामने आया कि यह पूरा एक सिंडिकेट काम कर रहा था।

इस मामले में ED ने कहा, “छत्तीसगढ़ में शराब घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय ने कल अनवर ढेबर को PMLA 2002 के प्रावधानों के तहत गिरफ्तार किया। इससे पहले मार्च में ईडी ने कई स्थानों पर तलाशी ली थी और इस प्रक्रिया में शामिल विभिन्न व्यक्तियों के बयान दर्ज किए थे। साल 2019-2022 के बीच 2,000 करोड़ रुपए के भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग के सबूत मिले थे।”

केंद्रीय जाँच एजेंसी ने कहा कि अनवर ढेबर को सात बार पूछताछ के लिए बुलाया गया था, लेकिन वह जाँच में शामिल नहीं हुआ। ED का यह भी आरोप है कि वह लगातार बेनामी सिम कार्ड और इंटरनेट डोंगल का उपयोग करते हुए स्थान बदल रहा था। जब उसे रायपुर के होटल में रोका गया तो वह समन लेने के बजाय पिछले दरवाजे से भागने की कोशिश की।

एजाज ढेबर को छत्तीसगढ़ में सत्तारूढ़ कॉन्ग्रेस के एक प्रभावशाली नेता के रूप में जाना जाता है। एजाज का बड़ा भाई अनवर नेताओँ और वरिष्ठ नौकरशाहों के लिए काम कर रहा था। ईडी ने आरोप लगाया, “उसने एक विस्तृत साजिश रची और घोटाले को अंजाम देने के लिए एक व्यापक नेटवर्क तैयार किया, ताकि छत्तीसगढ़ में बेची जाने वाली शराब की प्रत्येक बोतल से अवैध रूप से पैसा इकट्ठा किया जा सके।”

ईडी का कहना है कि अनवर ढेबर ने अन्य लोगों के साथ मिलकर बेहिसाब देसी शराब बनवाना शुरू कर दिया और सरकारी दुकानों के माध्यम से इसे बेचना शुरू कर दिया। इस तरह वह सरकारी खजाने में एक रुपए भी जमा किए बिना बिक्री की सारी आय खुद रख लेता था। 2019 से 2022 के बीच यह अवैध बिक्री राज्य की कुल शराब बिक्री का लगभग 30-40 प्रतिशत थी।

इस घोटाले को तीन तरीके से अंजाम दिया गया। पहला सरकारी शराब की बोतलों पर 70-150 पैसे अनवर दुकानदारों से कमीशन लेता था। दूसरे पैटर्न में वह नकली शराब बनाकर सरकारी दुकानों के माध्यम से बिक्री करवाता था और उसका पैसा खुद रखता था। तीसरा पैटर्न था कि लाइसेंस में कमीशन को लेकर था। यह एक वार्षिक कमीशन था, जिसका भुगतान मुख्य डिस्टिलर्स द्वारा डिस्टिलरी लाइसेंस प्राप्त करने और सीएसएमसीएल की बाजार खरीद में निश्चित हिस्सेदारी प्राप्त करने के लिए किया जाता था।

ED का कहना है कि IAS अधिकारी अनिल टुटेजा अनवर के साथ शराब कारोबार का सरगना है। एजेंसी ने दावा किया कि इस अवैध कमाई का इस्तेमाल चुनावों में किया गया। एजेंसी की यह भी कहना है कि इस मामले में राज्य के कई नौकरशाह और राजनेता उसकी रडार पर हैं।

बता दें कि छत्तीसगढ़ में शराब की बिक्री 800 सरकारी दुकानों के जरिए की जाती है। निजी दुकानों को शराब बेचने का अधिकार नहीं है। दुकान चलाने वाले लोगों के मैन पावर से लेकर कैश कलेक्शन तक का काम राज्य की सरकारी कंपनी छत्तीसगढ़ राज्य विपणन निगम लिमिटेड (CSMCL) देखती है।

गौरतलब है कि 11 अक्टूबर 2022 को राज्य में कोयला कारोबार से जुड़े कारोबारियों और रायपुर में सस्पेंड आईएएस समीर विश्नोई के यहाँ भी रेड की गई थी। इसके बाद ED ने विश्नोई और 3 कारोबारियों को गिरफ्तार कर लिया था। इसके बाद दिसंबर 2022 में मुख्यमंत्री सचिवालय में तैनात अधिकारी सौम्या चौरसिया को भी ED ने गिरफ्तार कर लिया था।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया