झारखंड के इंजीनियर ने ली ₹10 हजार घूस, पड़ताल करते-करते नोटों के पहाड़ तक पहुँच गई ED: जिस जहाँगीर के घर से अब तक मिले हैं ₹20 करोड़, उसकी सैलरी ₹15 हजार

इंजीनियर वीरेंद्र राम (बाएँ) और नौकर के घर से पाया गया कैश (चित्र साभार: Prokerala & Business Today)

झारखंड की राजधानी राँची में प्रर्वतन निदेशालय (ED) की टीमें सोमवार (6 मई, 2024) सुबह से ही छापेमारी में जुटी हुई हैं। यहाँ झारखंड सरकार में मंत्री आलमगीर आलम के निजी सचिव संजीव लाल के एक नौकर के घर से ED को करोड़ों की नकदी मिली है। ₹20 करोड़ की गिनती हो चुकी है जबकि बाकी गिनती के लिए मशीनें लाई जा रही हैं। यह पूरा घोटाला और नकद का पहाड़ एक ₹10 हजार की रिश्वत के कारण सामने आ सका है।

ED की टीमों ने राँची के 9 ठिकानों पर छापेमारी की। यह छापेमारी ग्रामीण विकास मंत्रालय से जुड़े लोगों पर हुई। मंत्री आलमगीर आलम के निजी सचिव संजीव लाल के नौकर जहाँगीर के यहाँ भी ED पहुँची। यहाँ उसे नोटों का पहाड़ मिला। इसकी गिनती सुबह से जारी है। अद्यतन सूचना तक ED ₹20 करोड़ गिन चुकी थी जबकि आगे की गिनती के लिए नोट गिनने वाले मशीनें मँगाई जा रही थीं। यह पैसा बड़े-बड़े बैग में भर कर रखा गया था।

यह पूरा मामला मात्र ₹10 हजार की रिश्वत के एक मामले के बाद खुला है। इसमें अब तक सैकड़ों करोड़ का खुलासा हो चुका है। दरअसल, नवम्बर 2019 में झारखंड सरकार में कार्यरत एक जूनियर इंजीनियर सुरेश प्रसाद वर्मा को ₹10 हजार की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया गया था। वह यह रिश्वत एक ठेकेदार से ले रहे थे। उनकी गिरफ्तारी एसीबी ने की थी। इसके बाद एजेंसी ने वर्मा के घर और बाकी ठिकानों की जाँच चालू की।

जब वर्मा के घर पर एजेंसी जाँच करने के लिए पहुँची तो उसे यहाँ ₹2 करोड़ से अधिक की धनराशि बरामद हुई। एजेंसी को पूछताछ में पता चला कि वर्मा किराए के घर में रहते हैं और यह घर ग्रामीण विकास विभाग के चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम का है। वर्मा ने यह भी बताया कि यहाँ मिला पैसा उनसे सम्बन्धित नहीं बल्कि यह पैसा भी वीरेंद्र राम का है और उन्होंने ही यह उन्हें रखने के लिए दिया था। इसके बाद जाँच की सुई वीरेंद्र राम की तारफ घूमी।

फरवरी, 2023 में वीरेंद्र राम के ठिकानों पर छापेमारी हुई। वीरेंद्र राम के यहाँ ED को ₹30 लाख मिले। इसके अलावा ₹1.5 करोड़ के जेवर मिले। ED को यहाँ कई कागजात भी मिले। इसमें पता चला कि वीरेंद्र राम के पास ₹100 करोड़ की चल-अचल सम्पत्ति है। वीरेंद्र राम को एजेंसी ने गिरफ्तार कर लिया गया था। वीरेंद्र राम पर ग्रामीण विकास विभाग से जुड़ी योजनाओं के क्रियान्वन में गड़बड़ी करने का आरोप भी मिला था।

अब इस मामले में ED फिर सक्रिय हो गई है और उसने ग्रामीण विकास मंत्रालय के मंत्री आलमगीर आलम के निजी सचिव के ठिकानों को तलाशना चालू कर दिया है। बताया गया कि जिस नौकर के यहाँ करोड़ों की नकदी मिली है, वह मात्र ₹15 हजार प्रति माह पाता है। एजेंसी अब इस पैसे का स्रोत पता करने की कोशिश करेगी।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया