ED ने विकास दुबे की ₹10 करोड़ की संपत्ति जब्त की, यूपी पुलिस के साथ एनकाउंटर में मारा गया था खूँखार अपराधी: मनी लॉन्ड्रिंग के तहत 28 संपत्तियाँ कुर्क

ईडी ने विकास दुबे और उसके सहयोगियों की संपत्तियाँ कुर्क की (फोटो साभार: ET)

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मारे गए गैंगस्टर विकास दुबे (Vikas Dubey) के गैंग पर कड़ी कार्रवाई की है। ईडी ने विकास दुबे और उसके साथियों की 10.12 करोड़ रुपए की 28 अचल संपत्तियाँ कुर्क की हैं। बताया जा रहा है कि यह संपत्ति विकास दुबे और उसके सहयोगियों द्वारा अपराधिक गतिविधियों के जरिए कमाई थी। इनकी संपत्ति धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत कुर्क की गई है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ईडी ने उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के चौबेपुर पुलिस स्टेशन में दर्ज प्राथमिकी के आधार पर दुबे के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग की जाँच शुरू की थी। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार (2 नवंबर 2022) को बताया कि कानपुर और लखनऊ में स्थित कुल 28 अचल संपत्तियों को कुर्क करने के लिए धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) 2002 के तहत एक अस्थायी आदेश जारी किया गया।

ईडी की जाँच में सामने आया है कि कुल 10.12 करोड़ रुपए की ये संपत्तियाँ विकास दुबे, उसके परिवार के सदस्यों और सहयोगी जयकांत बाजपेयी व उसके परिवार के सदस्यों के अलावा गैंगस्टर के अन्य सहयोगियों के नाम पर है।

बता दें कि उत्तर प्रदेश के कानपुर एनकाउंटर में 8 पुलिसकर्मियों की बेरहमी से हत्या करने वाले विकास दुबे को जुलाई 2020 में उज्जैन से गिरफ्तार किया गया था। बाद में यूपी लाते समय कानपुर के नजदीक फरार होने की कोशिश में वह मारा गया था। विकास दुबे ने कई ऐसी खूँखार वारदातों को अंजाम दिया था, जिसको याद करके आज भी कानपुर के लोगों के रोंगटे खड़े हो जाते हैं। कानपुर के लोग विकास दुबे को गुनाह और दरिंदगी का दूसरा चेहरा मानते हैं।

विकास दुबे ने स्कूल में पढ़ते समय ही वहाँ के प्रिंसिपल की बर्बरतापूर्ण हत्या कर दी थी। एक बार उसने कानपुर थाने के अंदर 5 सब इंस्पेक्टर और 25 सिपाही के सामने एक दर्जा प्राप्त राज्य मंत्री को गोलियों से भून दिया था।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया