हर घर में हो PFI की पहुँच, सेना से लेकर कोर्ट तक हो घुसपैठ: भारत को 25 साल में ‘इस्लामी’ बनाने की इस रणनीति पर हो रहा काम

कर्नाटक के मंगलुरु में पॉपुलर फ्रंट ऑफ़ इंडिया (PFI) के कई ठिकानों पर छापेमारी (फाइल फोटो)

पटना के फुलवारी शरीफ में कट्टरपंथी पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के ट्रेनिंग सेंटर पर छापेमारी के बाद उसके खतरनाक इरादे का खुलासा हुआ है। PFI ने भारत को इस्लामी मुल्क बनाने के लिए ‘इंडिया विजन 2047’ नाम से खाका भी तैयार किया है, जिसे पुलिस ने बरामद किया है।

आठ पृष्ठों वाले इस खतरनाक रोडमैप में PFI की कार्यशैली, उसके इरादों और उसके बाद के कामों का विस्तार से वर्णन किया गया है। भारत को इस्लामी मुल्क बनाने के लिए सत्ता पर सबसे पहले कब्जा जरूरी है और इसके लिए ‘जय भीम, जय मीम’ के तहत ST/SC/OBC को जोड़ने की मुहिम रखी गई है।

लेकिन, भविष्य में किसी तरह के अड़चनों को खत्म करने के लिए PFI ने हर घर में घुसपैठ करने का लक्ष्य रखा है। बरामद दस्तावेजों के अनुसार, हर मुस्लिम के परिवार का हर सदस्य PFI का मेंबर होना चाहिए और यदि हर सदस्य नहीं बन पाया तो कम से कम एक सदस्य तो होना ही चाहिए।

PFI का कहना है कि अगर मुस्लिमों की सिर्फ 10 प्रतिशत आबादी भी उसके साथ आ गई तो वह ‘कायर हिंदुओं’ को उनके घुटने पर ला देगा और भारत में शरिया लागू करके इस्लाम के गौरव को फिर से स्थापित कर देगा।

दस्तावेज के अनुसार, “पीएफआई का उद्देश्य हर मुस्लिम घर से हर सदस्य की भर्ती करना है। हालाँकि, यदि यह संभव नहीं है तो 1) प्रत्येक मुस्लिम घर से कम से कम एक सदस्य की भर्ती करें, यदि नहीं तो 2) एक व्यक्ति को पार्टी में भर्ती करें। यदि नहीं, तो 3) उनमें से किसी को हमारे किसी भी फ्रंटल संगठन (SDPI या अन्य NGO के नाम पर चलने वाले संगठन) में भर्ती करें, यदि नहीं, तो 4) उन्हें हमारी पत्रिकाओं/लेखों का पाठक बनाएँ या कम से कम उन्हें सोशल मीडिया पर पोस्ट करें।”

PFI इस बात पर अफसोस जताता है कि भारत का शासक समुदाय मुस्लिम अब दोयम दर्जे का नागरिक बनकर रह गया है। इसमें कहा गया है कि देश में 9 जिले ऐसे हैं, जहाँ मुस्लिमों की आबादी 75% से ऊपर है। दस्तावेज में कहा गया है कि मुस्लिम समुदाय ‘मूर्खतापूर्ण मतभेदों’ से विभाजित है और इसलिए ‘हिंदुत्व ताकतों’ से लड़ना मुश्किल है।

इसमें आगे कहा कि मुस्लिमों को दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा समुदाय (भारतीय आबादी के मामले में) होने के नाते ‘दुनिया को एक मॉडल’ देने की जरूरत है कि कैसे समुदाय को ‘मुस्लिम विरोधी ताकतों’ से लड़ने की जरूरत है।

दस्तावेज में कहा गया है, “पीएफआई कैडरों और मुस्लिम युवाओं को बार-बार बताया जाना चाहिए कि वे सभी दीन (इस्लाम) के लिए काम कर रहे हैं। अल्लाह ने दुनिया/कायनात की रचना की थी और मुस्लिम दो वजहों से बने थे। पहला, अल्लाह का कानून स्थापित करने के लिए और दूसरा, मुस्लिम धरती पर दाई है। यह हमेशा ध्यान में रखा जाना चाहिए कि इस्लाम का शासन स्थापित करना है।”

भारत में इस्लामी शासन स्थापित करने के लेकर पहले चरण में PFI का कहना है कि हर क्षेत्र में और हर वर्ग के मुस्लिमों को पीएफआई के बैनर तले एकजुट होने की जरूरत है। वह और अधिक लोगों की भर्ती करेगा और उन्हें हथियारों का प्रशिक्षण देगा, जिनमें छड़, तलवार और अन्य हथियारों का उपयोग शामिल है। इस प्रशिक्षण में आक्रमण करने और खुद को बचाने की तकनीक भी शामिल होगी।

दस्तावेज में कहा गया है, “इसके लिए मुस्लिम समुदाय को उनके कष्टों को बार-बार याद दिलाने और जहाँ कोई शिकायत निवारण तंत्र (जहाँ मुस्लिमों की समस्याओं के लिए उनकी मदद की जा सके) नहीं है, वहाँ उसे स्थापित करने की जरूरत है। पार्टी सहित हमारे सभी फ्रंटल संगठनों को नए सदस्यों के विस्तार और भर्ती पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। साथ ही हमें भारतीय होने की अवधारणा से परे सभी के बीच एक इस्लामी पहचान स्थापित करनी होगी।”

PFI अपने दस्तावेज में जिस PE विभाग की बात करता है, संभवत: वह उसका लड़ाकू विभाग है। इसके बारे में दस्तावेज में कहा गया है, “PE विभाग में सदस्यों की भर्ती और प्रशिक्षण शुरू करेंगे, जिसमें उन्हें तलवारों, छड़ों और अन्य हथियारों के हमलावर और रक्षात्मक तकनीकों का प्रशिक्षण दिए जाएँगे।”

इतना ही नहीं, वह सेना, पुलिस, कार्यपालिका और न्यायपालिका में भी घुसपैठ करने की बात करता है। डॉक्यूमेंट कहता है, “एक बार सत्ता में आने के बाद कार्यपालिका और न्यायपालिका के साथ-साथ पुलिस और सेना में सभी महत्वपूर्ण पदों को वफादार कार्यकर्ताओं से भरा जाएगा। सेना और पुलिस सहित सभी सरकारी विभागों के दरवाजे वफादार मुस्लिमों और एससी/एसटी/ओबीसी को भरने के लिए खोले जाएँगे, ताकि पिछली भर्ती में उनके साथ हुए अन्याय और असंतुलन को ठीक किया जा सके।”

(बिहार के फुलवारी शरीफ में PFI के ट्रेनिंग सेंटर से बरामद ‘इंडिया विज़न 2047’ के बारे में विस्तार से जानने के लिए इस लिंक को क्लिक करें।)

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया