किसान नेता ने ही ‘भारत बंद’ को बताया आतंकी हरकत: सिंघु बॉर्डर पर मौत, गाजीपुर बॉर्डर से कॉन्ग्रेस नेता को लौटाया

किसान नेता ने ही 'भारत बंद' को बताया आतंकी हरकत: सिंघु बॉर्डर पर मौत, गाजीपुर बॉर्डर से कॉन्ग्रेस नेता को लौटाया

भारत बंद के चलते दिल्ली-एनसीआर में लोगों को भीषण जाम की दिक्कत तो पेश आ रही है, लेकिन इसका असर अन्य क्षेत्रों मसलन कारोबारियों-व्यापारियों पर नहीं है। देश की राजधानी दिल्ली में भारत बंद का असर बिल्कुल भी नहीं है। स्कूल, कालेज, दुकान और व्यापारिक प्रतिष्ठान सब कुछ खुला है। वहीं गाजीपुर में हिरासत में लेकर किसान नेताओं को बस से पुलिस लाइन भेजा गया है। नागपुर में संयुक्त किसान मोर्चा के प्रदर्शनकारियों ने जबरन लोगों की दुकानें बंद करवाईं

इधर बिहार में बंद समर्थकों ने पटना जंक्‍शन के पास वाहनों में तोड़फोड़ की और अशोक राजपथ पर आगजनी व हंगामा किया। दरभंगा में बिहार संपर्क क्रांति एक्‍सप्रेस को रोक दिया। इतना ही नहीं, हाजीपुर में आरजेडी कार्यकर्ताओं ने आगजनी तथा सड़कों पर निकले रिक्‍शा चालकों से मारपीट भी की।

इस बीच भारतीय किसान यूनियन भानु गुट के राष्ट्रीय अध्यक्ष भानु प्रताप सिंह ने संयुक्त किसान मोर्चा के भारत बंद को आतंकी हरकत बताया है। एटा में सोमवार (सितंबर 27, 2021) को प्रेसवार्ता कर भानु प्रताप सिंह ने कहा कि भारत बंद का कोई सहयोग ना करें। इसका विरोध करें। उन्होंने कहा कि ऐसे संगठन जो आतंकी गतिविधियों में शामिल हैं उनको सरकार दबाने की कोशिश करे।

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उन्होंने कहा, “इसमें किसान का क्या फायदा है? मैं ये पूछना चाहता हूँ। जो भारत बंद की घोषणा कर रहे हैं वो केवल ये बताएँ कि हम किसानों के किस फायदे के लिए ये कर रहे हैं? जैसे आतंकवादी संगठन तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जा किया है, उस तरह की गतिविधियों को ये बढ़ाना चाहते हैं। इसलिए भारतीय किसान यूनियन भानु के समस्त पदाधिकारियों से और ब्लॉक से लेकर सभी को अह्वान करता हूँ कि भारत बंद का सहयोग न करें। भारत बंद का सब लोग विरोध करें और सरकार से भी ये निवेदन करना चाहता हूँ कि ऐसे संगठन, जो आतंकवादी गतिविधियों (26 जनवरी से हम देख रहे हैं) में लिप्त हैं, उन्हें सरकार दबाने की कोशिश करें। भानु प्रताप सिंह की ये उत्तर प्रदेश सरकार से, सभी प्रदेशों की सरकार से और केंद्र सरकार से ये माँग है।”

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इधर गाजीपुर बॉर्डर पर कृषि क़ानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों के समर्थन में पहुँचे कॉन्ग्रेस नेता और डीपीसीसी अध्यक्ष अनिल चौधरी को प्रदर्शनकारियों ने गैर राजनीतिक प्रदर्शन बताते हुए उन्हें धरना स्थल से उठने को कहा।

बता दें कि कॉन्ग्रेस ने शुरू से किसान आंदोलन का सियासी फायदा लेने की कोशिश की है। भारत बंद के दौरान भी दिल्ली के अनिल चौधरी ने ऐसा ही करने की कोशिश की, लेकिन किसानों ने उल्टे पाँव लौटा दिया। गाजीपुर पर मौजूद किसानों ने अनिल चौधरी से कहा कि क्या आप इसे कॉन्ग्रेस का आंदोलन बनाना चाहते हैं।

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वहीं प्रदर्शन के दौरान दिल्ली-सिंघु बॉर्डर पर एक किसान की मौत हो गई है। पुलिस का कहना है कि दिल का दौरा पड़ने से उसकी जान गई है। मृतक किसान की पहचान भगेल राम के तौर पर हुई है। पुलिस अधिकारी ने कहा कि पोस्टमॉर्टम के बाद इसे लेकर ज्यादा जानकारी दी जा सकेगी।

उल्लेखनीय है कि भारत बंद से दिल्ली बेअसर है। हालाँकि दिल्ली, मुंबई, गुरुग्राम में भारी जाम लगा है। गाड़ियों की कई किलोमीटर लंबी कतार लगी है जिसमें लोग काफी देर से फँसे हुए हैं। आलम ये है कि कोई ऑफिस, कोई अस्पताल के लिए घर से निकला, लेकिन भारी जाम में फँस गए।

शाम चार बजे तक बंद का एलान है। ऐसे में जाम में लोग कब तक फँसे रहेंगे कह पाना मुश्किल है। कुल मिलाकर भारत बंद की कीमत आम लोग चुका रहे हैं। भारत बंद सुबह 6 बजे से शुरू हो गया है और शाम 4 बजे तक चलेगा। दिल्ली के अलग अलग बॉर्डर पर प्रदर्शन चल रहा है। स्थिति काबू में रहें, इसके लिए दिल्ली पुलिस ने भी कमर कस ली है।

किसानों के भारत बंद से मुंबई अहमदाबाद हाइवे पर भी लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इस हाइवे पर कई किलोमीटर लंबा जाम लग गया है। प्रदर्शन कर रहे किसानों ने हाइवे पर जबरन गाड़ियों को रोका है। हजारों यात्री हाइवे पर फँसे हुए हैं। हाइवे के रास्ते मुम्बई, ठाणे, नवी मुंबई की ओर जाने वाले लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया