महाराष्ट्र में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की छापेमारी के बाद शिवसेना नेता और अमरावती से पूर्व सांसद आनंदराव अडसुल की तबीयत बिगड़ने की खबर सामने आई है। उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। शिवसेना नेता और उनके बेटे अभिजीत अडसुल सिटी को-ऑपरेटिव बैंक में 980 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी में शामिल होने का आरोप है। इसी मामले में ईडी की टीम ने उनके घर पर दबिश दी थी।
https://twitter.com/ANI/status/1442366319517523974?ref_src=twsrc%5Etfwसमाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, अडसुल को हिरासत में लेने के बाद पूछताछ के लिए ईडी ऑफिस लाया जा रहा था, तभी उनकी तबीयत बिगड़ गई। इसके बाद उन्हें मुंबई के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया।
https://twitter.com/ANI/status/1442388646502408195?ref_src=twsrc%5Etfwईडी ने अडसुल और उनके बेटे को समन जारी कर सोमवार (27 सितंबर 2021) से पहले हाजिर होने को कहा था। लेकिन उन्होंने दिल्ली में पूर्व निर्धारित व्यस्तताओं का हवाला दे इसमें असमर्थता जताई थी।
https://twitter.com/ANI/status/1442352738373804032?ref_src=twsrc%5Etfwकथित तौर पर, यह दूसरी बार है जब शिवसेना नेता के आवास पर तलाशी ली गई है। ईडी ने उनके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज करने के बाद आवास के अलावा उनसे जुड़े छह अन्य परिसरों की तलाशी भी ली है। एजेंसी ने जाँच और तलाशी के दौरान कई दस्तावेज जुटाए।
दरअसल, सिटी को-ऑपरेटिव बैंक के पूर्व अध्यक्ष अडसुल ने मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) में एक शिकायत दर्ज कराई थी। इसमें उन्होंने बैंक अधिकारियों द्वारा ऋण के माध्यम से धन की हेराफेरी और अवैध हस्तांतरण का आरोप लगाया गया था। शिवसेना नेता ने बैंक अधिकारियों पर संस्थाओं और लोगों को बहुत कम या बिना जमानत के ऋण देने का आरोप लगाया था। ईडी ने अडसुल की शिकायत के आधार पर जाँच शुरू की थी और इस मामले भी उनकी भूमिका की भी पड़ताल हो रही है।
अशोक गहलोत के भाई को नोटिस
यूपीए शासनकाल में हुए करोड़ों रुपए के उर्वरक घोटाले के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने अग्रसेन गहलोत को पूछताछ के लिए तलब किया है। साल 2020 में प्रवर्तन निदेशालय ने इस मामले में अग्रसेन गहलोत और अन्य के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया था। अग्रसेन राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बड़े भाई हैं। अग्रसेन गहलोत पर आरोप है कि उनकी कंपनी अनुपम कृषि ने साल 2007 एवं 2009 में सरकार की अनुमति के बिना खाद विदेश भेजा। मामले में जुलाई 2021 में ईडी ने अग्रसेन से जुड़े ठिकानों पर छापेमारी भी की थी। कॉन्ग्रेस नेता के भाई पर 35000 मीट्रिक टन से अधिक पोटेशियम क्लोराइड विदेश भेजने का आरोप है, जबकि इसका निर्यात प्रतिबंधित है। इसका मूल्य 130 करोड़ रुपए था, जो वास्तव में किसानों के लिए था। ईडी ने पहले भी उन्हें बुलाया था, लेकिन वह जाँच एजेंसी के सामने पेश नहीं हुए थे।
अतीक अहमद, मुख्तार अंसारी भी रडार पर
सीतापुर जेल में बंद समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान से भी मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सोमवार को प्रवर्तन निदेशालय की दो सदस्यीय टीम ने पूछताछ की। आजम खान के अलावा, ED मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में पूर्व बसपा विधायक मुख्तार अंसारी से भी जल्द पूछताछ कर सकती है। वहीं, बसपा का पूर्व सांसद अतीक अहमद भी ईडी के निशाने पर हैं। इस समय मुख्तार अंसारी यूपी की बाँदा जेल में बंद है, जबकि अतीक अहमद गुजरात की अहमदाबाद जेल में बंद है। गैंगस्टर से नेता बने मुख्तार अंसारी पर गाजीपुर पुलिस ने उत्तर प्रदेश गैंगस्टर और असामाजिक गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया था। यूपी सरकार राज्य भर में फैली अंसारी की कई अवैध संपत्तियों को ध्वस्त कर रही है। साथ ही योगी सरकार ने अंसारी के सहयोगियों के अवैध व्यवसायों पर भी नकेल कसी है।
प्रयागराज से पूर्व सांसद अतीक अहमद वर्तमान में अहमदाबाद की जेल में बंद है। उसके खिलाफ हत्या, अपहरण, अवैध खनन, जबरन वसूली, डराने-धमकाने और धोखाधड़ी सहित 90 से अधिक आपराधिक मामले दर्ज हैं। उसे साल 2019 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर उत्तर प्रदेश से अहमदाबाद की जेल में ट्रांसफर किया गया था।