लाल किला पर खालिस्तानी झंडा फहराने पर SFJ देगा ₹1.83 करोड़, पहुँच गई ‘किसानों’ की ट्रैक्टर रैली

ट्रैक्टर रैली के दौरान लालकिले पर हुई हिंसा (फोटो: ट्विटर)

दिल्ली में जगह-जगह जारी ‘किसानों’ का विरोध प्रदर्शन अब हिंसा और अराजकता में बदल गया है। लाल किला तक किसानों की ट्रैक्टर रैली का जत्था पहुँच चुका है और वहाँ पर उन्हें नियंत्रित करने में पुलिस को खासी परेशानी हो रही है। लाल किला पुरानी दिल्ली का एक महत्वपूर्ण स्थल है और वहाँ प्रदर्शनकारियों के पहुँचने से कानून-व्यवस्था के लिए संकट पैदा हो गया है। ये गाजीपुर सीमा से निकले किसान हैं, जिन्होंने दो पुलिस बैरिकेड्स भी तोड़ डाले हैं।

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ये भी ध्यान देने वाली बात है कि दो सप्ताह पहले प्रतिबंधित खालिस्तानी संगठन ‘सिख्स फॉर जस्टिस (SFJ)’ ने ऐलान किया था कि जो भी दिल्ली के लाल किला पर खालिस्तानी झंडा फहराएगा, उसे 2.5 लाख डॉलर (1.83 करोड़ रुपए) इनाम के रूप में दिए जाएँगे। अब किसानों की ट्रैक्टर रैली लाल किला पर पहुँच गई है। उधर ITO तक भी किसानों की ट्रैक्टर रैली पहुँच गई है। उन्होंने अचानक से रूट बदल दिए हैं।

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किसानों की पूरी कोशिश है कि वो लुटियंस दिल्ली में पहुँच कर अराजकता फैलाएँ। नंगलोई में तो दिल्ली पुलिस के जवानों को सड़क पर बैठना पड़ा, ताकि वो किसी तरह प्रदर्शनकारियों को आगे बढ़ने से रोक सकें। गाजीपुर में बैरिकेड्स तोड़ कर किसानों ने जश्न भी मनाया। दिल्ली मेट्रो के अधिकतर स्टेशनों को बंद कर दिया गया है। एंट्री-एग्जिट गेट्स बंद कर दिए गए हैं। हर ट्रैक्टर पर 10 लोग हैं और कइयों के साथ ही ट्रेलर भी लगे हुए हैं।

दिल्ली में ही प्रदर्शन के दौरान एक अन्य जगह में किसान तलवार लेकर पिल पड़े और पुलिसकर्मियों को खदेड़ने लगे। पुलिस उन्हें पीछे हटने के लिए कहती रही और किसान तलवार भाँजते हुए आगे बढ़ते रहे। इस दौरान वो धमकियाँ भी दे रहे थे।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया