दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर चल रहे ‘किसान आंदोलन’ के बीच वहाँ एक किसान का शव पेड़ से लटका हुआ मिला है। मृतक की पहचान 45 वर्षीय गुरप्रीत सिंह के रूप में हुई है। दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर पर नीम के पेड़ से गुरप्रीत सिंह का शव लटका हुआ मिला। वो पंजाब के फतेहगढ़ साहिब के रहने वाले थे। कुंडली थाने की पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लेकर आगे की जाँच शुरू कर दी है। गुरप्रीत सिंह काफी लंबे समय से ‘किसान आंदोलन’ से जुड़े हुए थे।
मृतक किसान ‘भारतीय किसान यूनियन (BKU सिद्धपुर)’ का सदस्य था। तहसील अमलोह के रुड़की गाँव निवासी गुरप्रीत सिंह अपने कई साथियों के साथ लंबे समय से प्रदर्शन स्थल पर ही ट्रॉली में ठहरे हुए थे। दिवाली से पहले उनके बाकी के साथी अपने घर लौट गए थे, जिसके बाद ट्रॉली में गुरप्रीत सिंह को अकेला ही रहना पड़ रहा था। बुधवार (10 नवंबर, 2021) की सुबह अन्य किसानों ने देखा कि नांगल रोड पर पार्कर मॉल के पास एक नीम के पेड़ पर रस्सी से एक व्यक्ति का शव लटका हुआ है।
इसके बाद कुंडली थाने की पुलिस को इस सम्बन्ध में सूचित किया गया। पुलिस ने शव को अपनी निगरानी में पेड़ से उतरवाया और पोस्टमॉर्टम के लिए अस्पताल भेजा। आसपास अन्य ट्रॉलियों में रहने वाले किसानों से जानकारियाँ जुटाई जा रही है। मृतक के परिजनों को घटना की जानकारी दे दी गई है। पुलिस अब तक पता नहीं कर पाई है कि ये हत्या है या फिर आत्महत्या। उक्त किसान BKU के जिस गुट से जुड़ा हुआ था, उसका नेतृत्व जगजीत सिंह डल्लेवाल नाम के किसा नेता करते हैं।
याद दिला दें कि पिछले सप्ताह लखबीर सिंह की जघन्य हत्या कर शव को सिंघु बॉर्डर के पास लगे बैरिकेड से टाँग दिया गया था। निहंगों ने गुरु ग्रन्थ साहिब की बेअदबी के आरोप में लखबीर सिंह की बेरहमी से हत्या कर दी थी। उनके हाथ-पाँव काट डाले गए थे। हत्या के बाद उलटा मृतक के विरुद्ध ही FIR दर्ज करवा दी गई थी। इस मामले में 4 निहंग सिख गिरफ्तार किए गए हैं। उन्होंने अपना गुनाह कबूल करते हुए कहा था कि लखबीर सिंह को ‘सज़ा’ दी गई है।