जावेद अख्तर के खिलाफ मुंबई में FIR, तालिबान के साथ RSS की तुलना बनी मुसीबत: ये है मामला

जावेद अख्तर के खिलाफ FIR दर्ज (फाइल फोटो)

गीतकार जावेद अख्तर का विवादों से गहरा और पुराना नाता है। अपनी बयानबाजी की वजह से वे अक्सर विवादों में फँसते रहते हैं। एक बार फिर कुछ ऐसा ही हुआ हैं। बीते दिनों जावेद अख्तर ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के खिलाफ टिप्पणी की थी, जिसके बाद अब वह कानूनी पचड़े में फँस गए हैं। आरएसएस के खिलाफ बयानबाजी करने के चलते सोमवार (4 अक्टूबर, 2021) को जावेद अख्तर पर एफआईआर दर्ज करवाई गई है। 

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दरअसल, मुंबई के वकील संतोष दुबे ने जावेद अख्तर के खिलाफ मुलुंड पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज करवाई है। मुलुंड पुलिस स्टेशन के एक अधिकारी ने कहा, “भारतीय दंड संहिता की धारा 500 (मानहानि की सजा) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है।” जावेद अख्तर ने पिछले महीने अपने एक इंटरव्यू में आरएसएस के खिलाफ बयान दिया था। उन्होंने आरएसएस की तालिबान और हिंदू चरमपंथियों के बीच समानताएँ बताई थीं। उनके इसी बयान को लेकर उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है।

वकील ने कहा, “मैंने पहले जावेद अख्तर को कानूनी नोटिस भेजा था और उनसे अपनी टिप्पणी पर माफी माँगने को कहा था, लेकिन वह ऐसा करने में विफल रहे। अब मेरी शिकायत पर उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है।”

वकील ने की थी 100 करोड़ रुपए हर्जाने की माँग

इससे पहले, वकील संतोष दुबे ने दावा किया था कि अगर जावेद अख्तर ‘बिना शर्त लिखित माफी’ माँगने और नोटिस मिलने के सात दिनों के भीतर जवाब देने में विफल हुए तो वह उनसे 100 करोड़ रुपए हर्जाने के रूप में माँगते हुए उनके खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज कराएँगे। वकील का दावा था कि इस तरह की बयानबाजी करके जावेद अख्तर ने भारतीय दंड संहिता की धारा 499 और 500 के तहत अपराध किया है।

जावेद अख्तर ने अपने बयान में ये कही थी बात

जानकारी के लिए बता दें कि जावेद अख्तर ने कुछ समय पहले ही एक इंटरव्यू दिया था, जिसमें उन्होंने आरएसएस के खिलाफ खुलकर अपने विचार रखे थे। 3 सितंबर 2021 को एनडीटीवी के एक शो में अख्तर ने कहा था, “RSS, VHP और बजरंग दल का समर्थन करने वालों की मानसिकता भी तालिबान जैसी ही है।” उन्होंने कहा, “जिस तरह तालिबान एक मुस्लिम राष्ट्र बनाने की कोशिश कर रहा है। उसी तरह कुछ लोग हमारे सामने हिंदू राष्ट्र की अवधारणा पेश करते हैं।” जावेद अख्तर ने आगे कहा, “इन लोगों की मानसिकता एक जैसी है। तालिबान हिंसक हैं। जंगली है। उसी तरह RSS, VHP और बजरंग दल का समर्थन करने वाले लोगों की मानसिकता एक जैसी है।”

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया