Sunday, October 6, 2024
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‘माफी माँगें जावेद अख्तर वरना देश भर में उनकी फिल्में नहीं’: RSS = तालिबान पर बुरे फँसे, पुलिस में शिकायत दर्ज

''आरएसएस, वीएचपी और बजरंग दल का समर्थन करने वालों की मानसिकता भी तालिबान जैसी ही है। उन्हें तालिबान की तरह अल्पसंख्यकों से कोई प्यार नहीं है।''

बॉलीवुड में काम करके पैसा कमाने वाले जावेद अख्तर अपने बयानों के कारण अक्सर विवादों में रहते हैं। इस बार वह आरएसएस की तुलना तालिबान से करके बुरी तरह से फँस गए हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस), विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल की तुलना तालिबान से करने को लेकर जावेद अख्तर के खिलाफ शनिवार (4 सितंबर) को शिकायत दर्ज की गई है।

वकील आशुतोष जे. दुबे द्वारा मानखुर्द पुलिस स्टेशन में दायर शिकायत में ग्रेटर मुंबई पुलिस से मामले पर संज्ञान लेने और अख्तर के खिलाफ कार्रवाई करने का अनुरोध किया गया है। यह शिकायत अख्तर द्वारा शुक्रवार को NDTV पर दिए गए विवादित बयान को लेकर दर्ज कराई गई है।

वहीं, भाजपा ने जावेद अख्तर से माफी की माँग की है। भाजपा नेता राम कदम ने कहा है कि जब तक अख्तर आरएसएस और वीएचपी की तुलना तालिबान से करने वाले अपने बयान के लिए माफी नहीं माँगते, तब तक उनकी फिल्में देश में नहीं दिखाई जाएँगी।

3 सितंबर को एनडीटीवी के एक शो में अख्तर ने कहा, ”आरएसएस, वीएचपी और बजरंग दल का समर्थन करने वालों की मानसिकता भी तालिबान जैसी ही है।” उन्होंने कहा, ”जिस तरह तालिबान एक मुस्लिम राष्ट्र बनाने की कोशिश कर रहा है। उसी तरह कुछ लोग हमारे सामने हिंदू राष्ट्र की अवधारणा पेश करते हैं।”

जावेद अख्तर ने आगे कहा, “इन लोगों की मानसिकता एक जैसी है। तालिबान हिंसक हैं। जंगली हैं। उसी तरह आरएसएस, विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल का समर्थन करने वाले लोगों की मानसिकता एक जैसी है।

तालिबान की तुलना आरएसएस, विहिप और बजरंग दल से करते हुए अख्तर ने कहा कि हिंदू संगठन जिन विचारधाराओं का पालन करते हैं, वे तालिबान से अलग नहीं हैं। उन्होंने हँसते हुए कहा, “उन्हें तालिबान की तरह अल्पसंख्यकों से कोई प्यार नहीं है। वे चाहते हैं कि तालिबान की तरह महिलाएँ घर में ही रहें। दोनों के बीच क्या अंतर है? वे कहते हैं कि उनकी धार्मिक आस्था से बढ़कर कोई कानून नहीं है, ऐसा तालिबान भी कहता है। आप उनसे कैसे अलग हैं?”

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ऑपइंडिया स्टाफ़
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कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

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