राणा अयूब के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग और धोखाधड़ी को लेकर यूपी में FIR, ‘सोशल वर्क’ के नाम पर वसूला था चंदा

राणा अयूब पर एफआईआर (साभार: सीएनएन)

विवादित पत्रकार राणा अय्यूब के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग और धोखाधड़ी के आरोप में मामला दर्ज किया गया है। 7 सितंबर 2021 को उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद के इंदिरापुरम थाने में एफआईआर दर्ज की गई। मामला फंड इकट्ठा करने के कैंपेन से जुड़ा हुआ है। इस संबंध में हिंदू आईटी सेल के विकास शाकृत्यायन ने शिकायत दर्ज कराई थी।

शिकायत में राणा अय्यूब पर मनी लॉन्ड्रिंग, धोखाधड़ी, संपत्ति में हेराफेरी, आपराधिक विश्वासघात का आरोप लगाया गया है। अवैध रूप से चैरिटी के नाम पर आम जनता से धन की वसूली का आरोप है। इसमें कहा गया है कि राणा अय्यूब पेशे से पत्रकार हैं और सरकार से किसी भी प्रकार की अनुमति या रजिस्ट्रेशन के बिना ही वो विदेशी धन प्राप्त कर रही थीं। जबकि, ऐसा करने के लिए विदेशी योगदान विनियमन अधिनियम 2010 के तहत सरकार की अनुमति या रजिस्ट्रेशन आवश्यक है। लिहाजा, वह एफसीआरए के नियमों का उल्लंघन करने के मामले में उत्तरदायी हैं।

शिकायत के आधार पर राणा के खिलाफ आईपीसी की धारा 403, 406, 418, 420, आईटी अधिनियम की धारा 66 डी और मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट-2002 की धारा 4 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है।

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राणा के खिलाफ यह केस फंड इकट्ठा करने वाले प्लेटफॉर्म केटो (ketto) पर चलाए गए तीन अभियानों से संबंधित है। ये कैंपेन झुग्गीवासियों और किसानों, असम, बिहार और महाराष्ट्र में राहत कार्य तथा भारत में कोविड -19 से प्रभावित लोगों की मदद के नाम पर चलाया गया था। शुरू से ही राणा का यह कैंपेन शक के घेरे में था, क्योंकि उन्होंने एफसीआरए के अनिवार्य अप्रूवल के बिना ही विदेशों से चंदे की वसूली की थी।

केटो ने किया खुलासा

इस मामले में पिछले महीने केटो ने इन अभियानों के लिए दान करने वालों को इस बात की जानकारी दी थी कि राणा अय्यूब द्वारा जुटाए गए धन की जाँच चल रही है। बताया था कि फंड रेज होने के बाद उसका सही इस्तेमाल नहीं हुआ और इस फंड का बहुत हिस्सा अब भी अकाउंट में ही है।

केटो के मुताबिक, राणा अय्यूब ने उन्हें सूचित किया था कि उन्हें अभियानों में लगभग ₹2.69 करोड़ मिले थे, जिसमें भारतीय दानदाताओं से ₹1.90 करोड़ और विदेशी दान में $ 1.09 लाख (80,37,387.50 रुपए) शामिल थे। इस तरह के कुल ₹2.69 करोड़ का चंदा इकट्ठा हुआ था, जिसमें से उसने लगभग ₹1.25 करोड़ खर्च किए हैं। इसके अलावा राणा को अभी भी टैक्स के तौर पर 90 लाख रुपए देना बाकी है। लिहाजा अभी भी लगभग ₹1.44 करोड़ अभी भी खातों में पड़े होने चाहिए। इसमें से 90 लाख रुपए का टैक्स देना है औऱ बाकी का 54 लाख रुपए अभी तक लाभार्थियों तक नहीं पहुँचा है।

फंड रेजिंग में सामने आई हेरफेर के बाद राणा अय्यूब ने कैंपेन बंद कर दिया था। साथ ही दावा किया था कि वह विदेशी चंदा वापस कर रही हैं। लेकिन पिछले महीने केटो की तरफ से दी गई जानकारी से पता चला कि उन्होंने विदेशों से लिए गए इस तरह के किसी भी दान वापस नहीं किया। उन्होंने विदेशी चंदे में $1.09 लाख एकत्र किए थे और केटो मेल में किसी भी धनवापसी का उल्लेख नहीं है, जिसका अर्थ है कि उन्होंने दान वापस करने के बारे में झूठ बोला था।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया