Friday, April 26, 2024
Homeदेश-समाजराणा अयूब के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग और धोखाधड़ी को लेकर यूपी में FIR, 'सोशल...

राणा अयूब के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग और धोखाधड़ी को लेकर यूपी में FIR, ‘सोशल वर्क’ के नाम पर वसूला था चंदा

पिछले महीने केटो ने इन अभियानों के लिए दान करने वालों को इस बात की जानकारी दी थी कि राणा अय्यूब द्वारा जुटाए गए धन की जाँच चल रही है। बताया था कि फंड रेज होने के बाद उसका सही इस्तेमाल नहीं हुआ और इस फंड का बहुत हिस्सा अब भी अकाउंट में ही है।

विवादित पत्रकार राणा अय्यूब के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग और धोखाधड़ी के आरोप में मामला दर्ज किया गया है। 7 सितंबर 2021 को उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद के इंदिरापुरम थाने में एफआईआर दर्ज की गई। मामला फंड इकट्ठा करने के कैंपेन से जुड़ा हुआ है। इस संबंध में हिंदू आईटी सेल के विकास शाकृत्यायन ने शिकायत दर्ज कराई थी।

शिकायत में राणा अय्यूब पर मनी लॉन्ड्रिंग, धोखाधड़ी, संपत्ति में हेराफेरी, आपराधिक विश्वासघात का आरोप लगाया गया है। अवैध रूप से चैरिटी के नाम पर आम जनता से धन की वसूली का आरोप है। इसमें कहा गया है कि राणा अय्यूब पेशे से पत्रकार हैं और सरकार से किसी भी प्रकार की अनुमति या रजिस्ट्रेशन के बिना ही वो विदेशी धन प्राप्त कर रही थीं। जबकि, ऐसा करने के लिए विदेशी योगदान विनियमन अधिनियम 2010 के तहत सरकार की अनुमति या रजिस्ट्रेशन आवश्यक है। लिहाजा, वह एफसीआरए के नियमों का उल्लंघन करने के मामले में उत्तरदायी हैं।

शिकायत के आधार पर राणा के खिलाफ आईपीसी की धारा 403, 406, 418, 420, आईटी अधिनियम की धारा 66 डी और मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट-2002 की धारा 4 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है।

राणा के खिलाफ यह केस फंड इकट्ठा करने वाले प्लेटफॉर्म केटो (ketto) पर चलाए गए तीन अभियानों से संबंधित है। ये कैंपेन झुग्गीवासियों और किसानों, असम, बिहार और महाराष्ट्र में राहत कार्य तथा भारत में कोविड -19 से प्रभावित लोगों की मदद के नाम पर चलाया गया था। शुरू से ही राणा का यह कैंपेन शक के घेरे में था, क्योंकि उन्होंने एफसीआरए के अनिवार्य अप्रूवल के बिना ही विदेशों से चंदे की वसूली की थी।

केटो ने किया खुलासा

इस मामले में पिछले महीने केटो ने इन अभियानों के लिए दान करने वालों को इस बात की जानकारी दी थी कि राणा अय्यूब द्वारा जुटाए गए धन की जाँच चल रही है। बताया था कि फंड रेज होने के बाद उसका सही इस्तेमाल नहीं हुआ और इस फंड का बहुत हिस्सा अब भी अकाउंट में ही है।

केटो के मुताबिक, राणा अय्यूब ने उन्हें सूचित किया था कि उन्हें अभियानों में लगभग ₹2.69 करोड़ मिले थे, जिसमें भारतीय दानदाताओं से ₹1.90 करोड़ और विदेशी दान में $ 1.09 लाख (80,37,387.50 रुपए) शामिल थे। इस तरह के कुल ₹2.69 करोड़ का चंदा इकट्ठा हुआ था, जिसमें से उसने लगभग ₹1.25 करोड़ खर्च किए हैं। इसके अलावा राणा को अभी भी टैक्स के तौर पर 90 लाख रुपए देना बाकी है। लिहाजा अभी भी लगभग ₹1.44 करोड़ अभी भी खातों में पड़े होने चाहिए। इसमें से 90 लाख रुपए का टैक्स देना है औऱ बाकी का 54 लाख रुपए अभी तक लाभार्थियों तक नहीं पहुँचा है।

फंड रेजिंग में सामने आई हेरफेर के बाद राणा अय्यूब ने कैंपेन बंद कर दिया था। साथ ही दावा किया था कि वह विदेशी चंदा वापस कर रही हैं। लेकिन पिछले महीने केटो की तरफ से दी गई जानकारी से पता चला कि उन्होंने विदेशों से लिए गए इस तरह के किसी भी दान वापस नहीं किया। उन्होंने विदेशी चंदे में $1.09 लाख एकत्र किए थे और केटो मेल में किसी भी धनवापसी का उल्लेख नहीं है, जिसका अर्थ है कि उन्होंने दान वापस करने के बारे में झूठ बोला था।

Special coverage by OpIndia on Ram Mandir in Ayodhya

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

लोकसभा चुनाव 2024: दूसरे चरण की 89 सीटों पर मतदान, 1198 उम्मीदवारों का फैसला करेंगे मतदाता, मैदान में 5 केंद्रीय मंत्री और 3 राजघरानों...

दूसरे चरण में 5 केंद्रीय मंत्री चुनाव मैदान में हैं, जिसमें वी. मुरलीधरन, राजीव चंद्रशेखर, गजेंद्र सिंह शेखावत, कैलाश चौधरी और शोभा करंदलाजे चुनाव मैदान में हैं।

कॉन्ग्रेस ही लेकर आई थी कर्नाटक में मुस्लिम आरक्षण, BJP ने खत्म किया तो दोबारा ले आए: जानिए वो इतिहास, जिसे देवगौड़ा सरकार की...

कॉन्ग्रेस का प्रचार तंत्र फैला रहा है कि मुस्लिम आरक्षण देवगौड़ा सरकार लाई थी लेकिन सच यह है कि कॉन्ग्रेस ही इसे 30 साल पहले लेकर आई थी।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -

हमसे जुड़ें

295,307FansLike
282,677FollowersFollow
417,000SubscribersSubscribe