हल्द्वानी पुलिस की रडार पर ‘हैदराबाद यूथ करेज’, दंगाइयों के परिवारों को बाँटे थे पैसे: फंडिंग की हो रही जाँच, ‘दान’ देने वालों की भी होगी पहचान

अकबरुद्दीन ओवैसी के साथ पैसे बाँटने वाले सलमान और अयूब, फंडिंग की हो रही जाँच (फोटो साभार: HYV/FB & Nainital Police/X)

हल्द्वानी के बनभूलपुरा में दंगाइयों के परिवारों को नोटों की गड्डियाँ बाँटने के मामले में पुलिस ने जाँच करने की बात कही है। पुलिस ने कहा है कि पैसे बाँटने वाले NGO ‘हैदराबाद यूथ करेज’ की फंडिंग का पता लगाया जा रहा है। इस संबंध में अन्य एजेंसियों की भी मदद ली जा रही है। गौरतलब है कि दंगाइयों को पैसे बाँटे जाने के मामले में सबसे पहले ऑपइंडिया ने ही खबर प्रकाशित की थी।

नैनीताल पुलिस ने इस संबध में एक्स/ट्विटर पर बताया है, “सोशल मीडिया में एक वीडियो जिसमें एक युवक द्वारा बनभूलपुरा क्षेत्र में लोगों को पैसे बाँटे जाने की वीडियो प्रसारित की जा रही है। उक्त संबंध में पुलिस जाँच कर रही है। NGO के अकाउंट नंबर, रजिस्ट्रेशन नंबर, पैन नंबर से सम्बंधित सूचना आयकर विभाग एवं अन्य एजेंसियों को भी दी गई है, जिनके द्वारा आवश्यक कार्यवाही की जा रही है। हैदराबाद यूथ करेज NGO को दान देने वालों को भी चिन्हित किया जा रहा है।”

पुलिस ने बताया है, “इस NGO के अकाउंट, रजिस्ट्रेशन नंबर सीज करवाने की कार्यवाही की जा रही है। गलत तरीके से पैसा लेकर दंगाइयों का समर्थन करने, सोशल मीडिया में तथ्यों को तोड़-मरोड़कर पोस्ट करने एवं भ्रामक तथ्य पोस्ट करने वालों के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी। अतः सभी से अनुरोध है कि इस तरह के NGO को दान ना दें।”

क्या है मामला?

मंगलवार (21 फरवरी, 2024) को हल्द्वानी के दंगाग्रस्त इलाके बनभूलपुरा इलाके की कुछ वीडियो वायरल हुई थी। इन वीडियो में दो युवक मुस्लिम घरों में जाकर पैसा बाँट रहे थे। ये युवक ‘हैदराबाद यूथ करेज’ नामक संगठन से जुड़े हुए थे। इनका नाम सलमान और अयूब है।

दोनों युवक उन मुस्लिम परिवारों को पैसा बाँट रहे थे, जिनके परिवारीजन दंगा करने के कारण पुलिस की गिरफ्त में है या फिर दंगे के दौरान हिंसा में मारे गए थे। वे महिलाओं और युवकों को नोटों की गड्डियाँ देते हुए जेल में बंद दंगाइयों को छुड़ाने की बात कह रहे रहे थे।

ये वीडियो हैदराबाद यूथ करेज नाम के पेज से सोशल मीडिया में प्रसारित किए जा रहे थे। इसको लेकर जब सोशल मीडिया पर लोगों ने प्रश्न उठाए थे तो इन युवकों को नैनीताल पुलिस ने हिरासत में लिया था। हालाँकि, इसके बाद इन्होंने एक वीडियो डाल कर बताया था कि पुलिस ने इनसे कुछ देर के लिए पूछताछ की और फिर छोड़ दिया था।

ऑपइंडिया ने बताया था कि दंगाइयों को पैसा बाँटने वाले युवकों ने हल्द्वानी में पुलिस और प्रशासन पर हुए हमले का जश्न भी मनाया था। इन्होंने इससे पहले कई ऐसे ही वीडियो बनाए थे। इनके 10 फरवरी 2024 को हल्द्वानी पहुँचने की सूचना मिली थी। इन्होंने इस सम्बन्ध में कई पोस्ट सोशल मीडिया पर की थी और नफरत फैलाने का प्रयास किया था। ये युवक मौलाना सलमान अजहरी का भी समर्थन कर चुके हैं।

हल्द्वानी दंगा

बता दें कि 8 फरवरी 2024 को हल्द्वानी के बनभूलपुरा में नगर निगम और पुलिस की अवैध रूप से बनाए गए मस्जिद और मदरसे को गिराने गई थी। इस दौरान मुस्लिम भीड़ ने पुलिस-प्रशासन पर हमला कर दिया था। पुलिस और नगर निगम के कर्मचारियों पर पत्थर बरसाए गए और उन्हें जलाकर मारने की कोशिश की गई थी।

मुस्लिम भीड़ ने कई गाड़ियों में आग लगा दी थी और कई घंटे तक हिंसा की थी। प्रशासन ने इसके बाद कर्फ्यू लगा दिया था। इस मामले में 68 दंगाई अब तक गिरफ्तार किए जा चुके हैं। दंगे का मुख्य आरोपित अब्दुल मलिक अब भी फरार है, जिसे पकड़ने की कोशिश की जा रही है।

वांटेड दंगाइयों की तलाश में पोस्टर भी शहर भर में लगाए गए हैं। इस दंगे के सरगना अब्दुल मलिक और उसके बेटे के घर को पुलिस ने कुर्क कर लिया है। ऑपइंडिया ने इस दंगे के दौरान ग्राउंड पर जाकर बताया था कि यहाँ असल में क्या हुआ था और इस्लामी भीड़ ने कैसे यहाँ हिंसा की थी।

(हल्द्वानी में पैसे बाँटने को लेकर विस्तृत रिपोर्ट यहाँ क्लिक करके पढ़ी जा सकती है।)

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया