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हल्द्वानी हिंसा ग्राउंड रिपोर्ट
फैक्ट फाइंडिंग के नाम पर हल्द्वानी की आग को फिर भड़काने पहुँचे हर्ष मंदर, मौलाना ने ही फेर दिया पानी: कहा – किसी भी...
उत्तराखंड अल्पसंख्यक आयोग के उपाध्यक्ष मजहर नईम नवाब ने कहा कि दंगाइयों नहीं, बल्कि घायल नगर निगम कर्मचारियों और पुलिसकर्मियों को मिले मुआवजा।
किराने वाले मुल्ला जी फेंक रहे थे पत्थर, घोड़ी वाले चचा की छत से पेट्रोल बम: जिसके पास सरकारी ठेका वही दंगाई, हल्द्वानी में...
गाँधीनगर के निवासियों के लिए यह अप्रत्याशित था क्योंकि हिंसा से पहले अक्सर किराना दुकानदार उनके मोहल्ले में दोस्ताना माहौल में व्यापारिक कार्यों से आया-जाया करते थे।
‘जय श्री राम’ का नारा लगा दंगाइयों से भिड़े पुरुष, दुपट्टा फाड़ महिलाओं ने पुलिस वालों का रोका खून: हल्द्वानी के हिन्दू बोले –...
मनीष ने अपने घर के दरवाजे खोल दिए जिस से तमाम पुलिस वालों व नगर निगम स्टाफ अंदर आ गए। तब मनीष के परिजनों ने उन पुलिस वालों की मरहम-पट्टी की।
कँटीले तार, रेलवे वाले पत्थर, मारो-भगाओ चिल्लाती भीड़… नगर निगम कर्मियों ने बताया हल्द्वानी में कैसे इस्लामी ने बरपाया कहर, बोले – हमें...
मनोज वाल्मीकि कहते हैं कि उन्हें हनुमान जी ने बचाया है। उन्होंने बताया कि कई छोटे-बड़े पत्थर पड़े, गमले जैसी चीज चला कर भी मारी गई।
अब्दुल मलिक पर सपा के मुस्लिम नेता की हत्या का आरोप, पुलिस पर हमले के लिए दुश्मनी भूले दोनों परिवार: हल्द्वानी के वरिष्ठ पत्रकार...
हल्द्वानी में 26 साल पहले भी हुए थे दंगे, कारण था - अब्दुल मलिक पर सपा के युवा नेता के हत्या का आरोप। आज दोनों परिवार पुलिस पर हमले में एक-दूसरे के साथ।
पकड़ा, मारा, लूटा, फूँक दी गाड़ी… हल्द्वानी हिंसा में चुन-चुन कर हिंदू पत्रकारों पर हुआ हमला: ऑपइंडिया ग्राउंड रिपोर्ट में खुलासा
पत्रकार ने हल्द्वानी हिंसा को लेकर बताया कि दंगाई नाम पूछकर पत्रकारों पर हमला कर रहे थे। दूसरे समुदाय के पत्रकारों को खरोंच भी नहीं आई।
‘जिंदा आग में झोंक दिया, हिन्दुओं की पहचान कर-कर के हत्या की कोशिश’: जिन पत्रकारों ने कभी चलाई इनके दुख-दर्द की खबरें, हल्द्वानी में...
पत्रकार ने कहा कि उन्हें जलती हुई आग में उन्हें झोंक दिया गया। पंकज अग्रवाल बोले, "चुन-चुन कर हिन्दुओं पर किए गए हमले।"
‘नाम पूछ-पूछ कर मार रहे थे हल्द्वानी के दंगाई, मुस्लिमों को छोड़ दिया’: जिस पत्रकार के हाथ और पाँव में आया फ्रैक्चर, उसका खुलासा...
हल्द्वानी में घायल पत्रकार पंकज सक्सेना ने बताया कि दंगाई कह रहे थे कि अपना नाम बताइए, कई पत्रकारों को छोड़ दिया गया क्योंकि वो उनकी बिरादरी से थे।
हल्द्वानी में खुद की ही गोली से मरा फईम कुरैशी, चश्मदीद ने किया खुलासा: हिंदुओं को पीटने वाली भीड़ में शामिल था मृत मुस्लिम...
हल्द्वानी हिंसा में मारे गए फईम कुरैशी को लेकर चश्मदीद का कहना है कि उसकी मौत उसी की अपनी गोली लगने से हुई थी।
‘पानी की बोतलों में पेट्रोल भरकर किए हमले, महिला पुलिसकर्मियों के फाड़े कपड़े’: हल्द्वानी में घायलों की सेवा के लिए आगे आया ‘बजरंग दल’
हिन्दू कार्यकर्ताओं से पुलिस-प्रशासन ने निवेदन किया कि वो घायल पुलिसकर्मियों की देखरेख करें। खतरे के बावजूद वो लोग अस्पताल पहुँचे, सेवा की।