कट्टरपंथियों के हाथों मारे गए हरीश का परिवार आत्मदाह की तैयारी में, नेत्रहीन पिता पहले ही कर चुके हैं आत्महत्या

हरीश के परिजन पुलिस पर लगा रहे मामले को दबाने का आरोप

मजहबी भीड़ के हाथों मारे गए हरीश जाटव के परिवार ने आत्मदाह की चेतावनी दी है। न्याय मिलने में देरी से आहत हरीश के नेत्रहीन पिता रत्तीराम पहले ही जहर खा कर जान दे चुके हैं। अब परिजनों ने जल्द न्याय नहीं मिलने पर आत्मदाह की बात कही है।

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मामला राजस्थान के अलवर का है। हरीश के परिजनों ने पुलिस पर मामले को दबाने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि पुलिस के काम करने के तरीके से परेशान होकर ही रत्तीराम ने आत्महत्या की। पीड़ित परिवार का आरोप है कि अलवर पुलिस मॉब लिंचिंग के इस मामले को एक्सीडेंट साबित करने पर तुली हुई है।

गत 16 जुलाई को हरीश जाटव बाइक पर सवार होकर अलवर के भिवाड़ी से अपने गाँव झिवाणा जा रहा था। रास्ते में फलसा गाँव में हरीश की बाइक से दूसरे समुदाय की एक महिला को टक्कर लग गई थी। इसके बाद महिला के परिजनों ने हरीश की जमकर पिटाई की। वह गंभीर रूप से घायल हो गया था। इलाज के दौरान 18 जुलाई को
हरीश की मौत हो गई। हरीश के परिजन इसे मॉब लिंचिंग की घटना बता रहे, वहीं अलवर एसपी ने प्रेसवार्ता कर हरीश की मौत को एक एक्सीडेंट करार दिया।

इस मामले में पुलिस की कथित लापरवाही और हरीश के नेत्रहीन पिता की आत्महत्या के बाद दलित समाज के लोग टपूकड़ा में एकत्रित हो गए और आरोपितों की गिरफ्तारी नहीं होने पर जयपुर-दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग जाम करने की चेतावनी दी।

मामला सामने आने के बाद बसपा और भाजपा के नेता टपूकड़ा पहुँच गए हैं। दलित समाज के आक्रोश को देखते हुए पुलिस फोर्स तैनात की गई है। पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी दलित समाज के प्रमुख लोगों को समझाने के प्रयास में जुटे है। बसपा विधायक संदीप यादव ने बताया कि पार्टी के सभी 6 विधायक इस मामले में मुख्यमंत्री से मिलकर दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की माँग करेंगे।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया