राजस्थान पुलिस द्वारा बेटे की हत्या मामले में संवेदनहीनता दिखाने से परेशान दलित युवक के नेत्रहीन पिता ने गुरुवार (15 अगस्त) को ज़हर खाकर आत्महत्या कर ली। दरअसल, पिछले महीने फसला गाँव में एक मुस्लिम महिला को बाइक से चोट लगने के बाद भीड़ द्वारा बाइक सवार युवक की लोगों ने बेरहमी से पीट-पीट कर हत्या कर दी थी।
रिश्तेदारों के अनुसार, रतिराम जाटव (मृतक) पुलिस से परेशान था क्योंकि वो उसके बेटे हरीश जाटव की मौत की जाँच को दबाने की कोशिश कर रही थी। उन्होंने आगे कहा कि अपने अंतिम क्षणों में भी पुलिस पर आरोप लगाया कि वो उसके बेटे की हत्या के आरोपितों को बचाने की कोशिश कर रही है। चौंकाने वाली बात यह है कि अलवर पुलिस ने दावा किया है कि रतिराम को मृत अवस्था में अस्पताल लाया और उन्होंने मामले में जाँच शुरू कर दी है।
पिछले महीने, रतिराम का बेटा हरीश जाटव राजस्थान के अलवर में चोपांकी पुलिस स्टेशन के अंतर्गत आने वाले फसला गाँव के बाज़ार से गुजर रहा था, तभी एक मुस्लिम हकीम (पारंपरिक मुस्लिम महिला चिकित्सक) उसकी बाइक से टकरा गई। हादसे के बाद गुस्साए स्थानीय लोगों ने हरीश की जमकर पिटाई कर दी। इसके दो दिन बाद ही उसने दम तोड़ दिया।
हरीश के परिवार ने आरोप लगाया कि उसकी बाइक से महिला को टक्कर लगने के बाद, हरीश को उमर शेर और उसके साथियों द्वारा बेरहमी से पीटा गया था। परिवार ने आईपीसी की धारा-323, 343 और एससी/ एसटी (अत्याचारों की रोकथाम) अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत FIR दर्ज करवाई है।