आलम के साथ 14 वर्षीय तन्वी को कमरे में अकेला छोड़ा… अम्मी ने जब पढ़ाना चाहा कुरान तो खुली हिन्दू लड़की की आँखें

बॉयफ्रेंड आलम और उसके परिवार वालों की करतूत से तन्वी की आँखें खुल गईं (प्रतीकात्मक तस्वीर)

सोशल मीडिया पर अक्सर लोग अपने अनुभव शेयर करते रहते हैं। इसी क्रम में तन्वी नामक एक यूजर ने अपना अनुभव शेयर किया, जो चर्चा का विषय बना। तन्वी ने बताया कि जब वो स्कूल में थीं और उनकी उम्र महज 14 वर्ष थी, तब वो एक मुस्लिम लड़के के साथ रिलेशनशिप में थीं। उसका नाम आलम था और उसका सबसे अच्छा दोस्त भी एक हिन्दू लड़का ही था। आलम के बारे में तन्वी ने आगे बताया कि वो दिखने में अच्छा था और वो कभी-कभी उनके घर भी आया करता था। दरअसल, तन्वी ये देखना चाहती थीं कि उनके माता-पिता के आलम को लेकर क्या विचार हैं?

तन्वी भी कभी-कभी आलम के यहाँ जाया करती थीं। आलम उनके साथ काफ़ी अच्छा व्यवहार किया करता था और उसके अब्बू-अम्मी भी तन्वी के साथ काफ़ी मीठा व्यवहार करते थे। आलम ने तो अपने घर में सबको ये भी बता रखा था कि तन्वी उसकी गर्लफ्रेंड है। तन्वी मानो आसमान में उड़ रही थी। जिसके साथ वो रिलेशनशिप में थी, वो और उसका परिवार उसके साथ न सिर्फ़ सलीके से पेश आ रहा था बल्कि इतना अपनापन भी दिखा रहा था। उस उम्र में तन्वी के लिए ये बहुत बड़ी बात थी।

गड़बड़ियाँ तब शुरू हुईं, जब एक दिन तन्वी आलम के घर गईं। अचानक से आलम की 2 बहनें और 3 भाई बिना कुछ बताए घर से बाहर निकल गए। तन्वी और आलम को वहाँ अकेले छोड़ दिया गया। तन्वी बताती हैं कि उनके मन में काफ़ी सारी बातें चलने लगीं और उन्होंने अपनी ‘छठी इन्द्रिय’ का इस्तेमाल कर के सोचना शुरू कर दिया कि पाँचों उन दोनों को अकेले छोड़ कर घर से क्यों निकल गए? इसी बीच आलम भी तन्वी के काफ़ी नजदीक आना चाह रहा था लेकिन सोच में पड़ी तन्वी को लगा कि दाल में कुछ काला है और वो वहाँ से निकलने के उपाय ढूँढने लगीं।

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लगभग 15 मिनट के बाद तन्वी ने अपनी माँ का फोन आने का बहाना बनाया और वो वहाँ से निकल गईं। अगले दिन आलम ने फोन कर के तन्वी से माफ़ी माँगी। तन्वी ने उससे पूछा भी कि वो किस बात के लिए सॉरी बोल रहा है? इसके जवाब में आलम ने कहा कि उस दिन जो भी हुआ, उसे लगता है कि तन्वी को ये सब अच्छा नहीं लगा, इसीलिए वो माफ़ी माँग रहा है। ये सब होने के 3-4 दिन बाद आलम की अम्मी ने तन्वी को कॉल किया और फोन में मीठी-मीठी बातें की। आलम की अम्मी ने तन्वी से पूछा कि वो उनके घर क्यों नहीं आ रही हैं?

आलम की अम्मी ने तन्वी को बताया कि वो उसे काफ़ी मिस कर रही हैं और जब उन्होंने चिकेन बिरयानी बनाई थी, तब भी उन्हें तन्वी की काफ़ी याद आई थी। तन्वी का माथा ठनका और वो ये सोचने लगी कि आलम की अम्मी, जिनके घर में बच्चों की कमी नहीं है, उनके ख़ुद के 5 बेटे-बेटियाँ हैं, वो भला उसे क्यों इतना याद करेंगी? आलम की अम्मी ने तन्वी को घर आने को भी कहा था। काफ़ी सोच-विचार के बाद तन्वी ने फ़ैसला किया कि वो उनसे मिलने जाएँगी क्योंकि वो आलम की अम्मी को एक अच्छी महिला मानती थीं।

जब वो आलम के यहाँ पहुंचीं, तो उसकी अम्मी कुरान पढ़ रही थीं। उन्होंने तन्वी को बैठने का इशारा किया और कुरान पढ़ने लगीं। कुछ देर बाद आलम की अम्मी ने तन्वी से कहा कि वो कुरान का पहला पन्ना पढ़ कर सुनाने जा रही हैं। तन्वी ने उन्हें बताया कि उसकी माँ हनुमान चालीसा पढ़ती हैं लेकिन उन्हें इस चीजों में उतना इंटरेस्ट नहीं है। ये सुनते ही आलम की अम्मी ने तन्वी से कहा कि ये सब ‘काफिरों की चीजें’ हैं और उसे इन सब से दूर ही रहना चाहिए। यही वो पल था जब तन्वी को पूरी तरह आलम के परिवार की सच्चाई पता चली। माँ का फोन आने के बहाने तन्वी वहाँ से किसी तरह भाग खड़ी हुईं।

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तन्वी ने दौड़ते हुए घर आकर अपने पिता को ये बातें बताई। उसे डर था कि उसके पिता उसे मारेंगे-पीटेंगे लेकिन उन्होंने उसे गले से लगा लिया और रोने लगे। ये सब सुन कर तन्वी की माँ भी चिंतित हो गईं। दोनों ने उसके स्कूल में कॉल कर के तन्वी की सुरक्षा का ध्यान रखने को कहा। तन्वी के एक भाई को हमेशा उसके साथ रहने को कहा गया। उसके भाई ने आलम के घर जाकर उसके परिवार वालों को समझाया भी लेकिन उन्होंने अनसुना कर दिया। तन्वी को आज भी जब ये घटना याद आती हैं तो वो सोचती हैं कि समय पर आँखें न खुलतीं तो आलम का परिवार उसे पूरी तरह बर्बाद कर चुका होता।

तन्वी कहती हैं कि वो अभी भी भगवान शिव को धन्यवाद देती हैं क्योंकि अगर वो आलम या उसके परिवार के जाल से नहीं निकलतीं तो आज उनके भी 3 बच्चे होते और वो फिर से एक और को जन्म देने की तैयारी कर रही होतीं। आलम का परिवार फ़िलहाल एक मुस्लिम बहुल इलाक़े में रहता है। आलम और उसके सभी भाइयों की शादी हो चुकी है। वो सभी अपनी बीवियों, बच्चों और अब्बू-अम्मी के साथ एक 2 कमरे वाले फ्लैट में रहते हैं। तन्वी के इस अनुभव को सोशल मीडिया पर ख़ूब शेयर किया गया।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया