अपने नकाबपोश गुंडों के साथ आगजनी करता रहा कॉन्ग्रेस का पार्षद मतलूब अहमद, खामोश देखती रही पुलिस: छतों पर जमा थे पत्थर

राजस्थान के करौली में पुलिस के सामने कॉन्ग्रेस पार्षद मतलूब अहमद ने करवाई हिंसा (प्रतीकात्मक चित्र साभार: PTI)

राजस्थान के करौली में हुई हिन्दू विरोधी इस्लामी हिंसा में राज्य की सत्ताधारी कॉन्ग्रेस के पार्षद मतलूब अहमद का नाम सामने आ चुका है। पुलिस तमाशबीन बनी रही और दंगाई आगजनी में मशगूल रहे। आगे-आगे कॉन्ग्रेस का पार्षद चल रहा था और उसके पीछे-पीछे उसके शागिर्द नकाब में लाठियाँ लेकर दुकानों में आग लगा रहे थे। बताया जा रहा है कि कॉन्ग्रेस पार्षद के इशारों पर ही दंगे हुए। पुलिस के सामने गुंडे लाठी लेकर गुजरे, उसके बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई।

‘दैनिक भास्कर’ ने अपनी खबर में बताया है कि करौली दंगों के एक सप्ताह से अधिक बीतने के बावजूद लोग घरों में कैद हैं। अख़बार की रिपोर्ट के अनुसार, फूटाकोट से गणेश गेट तक हिन्दू नव वर्ष का जुलूस गुजर रहा था। छतों पर पत्थरों के ढेर लगा कर दर्जनों युवकों को छिपा दिया गया था। बाइक रैली आते ही पत्थरबाजी शुरू हो गई। भगदड़ मचने पर वो सभी हथियार लेकर निकले और दंगे शुरू कर दिए। लाठी, सरिया और चाकू का इस्तेमाल किया गया।

‘दैनिक भास्कर’ ने वीडियोज खँगालने के बाद ये भी बताया है कि पार्षद मतलूब अहमद अपने शागिर्दों को बता रहा था कि आगे क्या-क्या करना है। बीच-बीच में वो फोन पर भी लगा हुआ था, लेकिन पुलिस खामोश खड़ी रही। पहले दो जीप और 30 से अधिक बाइकों को आग के हवाले किया गया। दंगाइयों के तोड़फोड़ करने के बाद मतलूब अहमद ने उनसे आगे चलने को कहा। पुलिस ने भी कहा कि अब तुमलोग आगे जाओ, यहाँ बहुत तोड़फोड़ हो गई।

कई लोगों को खून से लथपथ होकर अस्पताल में भर्ती कराया गया। दंगा हो जाने के बाद पुलिसकर्मियों ने वरिष्ठ अधिकारियों को इसकी सूचना दी। कई घायल लोग पुलिस से मदद माँगते रहे। रैली के आसपास 40 के करीब पुलिसकर्मी तैनात थे, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने कुछ नहीं किया और बाद में अपने वरिष्ठों से और फ़ोर्स भेजने की गुहार लगाई। पुलिस ने एक पक्ष के 20 और दूसरे पक्ष के 17 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की।

राज्य के डीजीपी एमएल लाठर ने कहा कि पुलिस की मौजूदगी में दंगा के मामले की जाँच के लिए गृह सचिव की अध्यक्षता में कमिटी गठित की गई है। उन्होंने लापरवाही के दोषी पुलिसकर्मियों को न बख्शे जाने की बात कही। उन्होंने कहा कि 300-400 की भीड़ बताई गई थी और उस हिसाब से बलों की तैनाती उचित संख्या में की गई थी। इन सबके बावजूद राजस्थान की पुलिस उलटा हिन्दुओं को ही इन सब के लिए जिम्मेदार ठहरा रही है।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया