सरकारी संस्था ने ‘गालीबाज’ देवदत्त पटनायक को चर्चा के लिए बुलाया, विरोध के बाद डिलीट किया रजिस्ट्रेशन वाला ट्वीट: राम मंदिर पर फैला चुका है झूठ

IGNCA ने देवदत्त पटनायक वाला ट्वीट डिलीट किया, हो रहा था विरोध

खुद को ‘Mythologist’ बताने वाले हिन्दू विरोधी देवदत्त पटनायक को एक सरकारी संस्था द्वारा चर्चा के लिए आमंत्रित किया गया, जिसके बाद सोशल मीडिया पर लोग आक्रोशित हो गए। ‘इंदिरा गाँधी राष्ट्रीय कला केंद्र (IGNCA)’ ने मंगलवार (9 जनवरी, 2024) को सोशल मीडिया पर बताया कि उसके वडोदरा स्थित क्षेत्रीय केंद्र ने ‘प्रख्यात मिथोलॉजिस्ट, लेखक एवं वक्ता’ देवदत्त पटनायक से चर्चा वाले कार्यक्रम के लिए आमजनों को आमंत्रित किया जाता है।

बताया गया कि ये कार्यक्रम बुधवार (17 जनवरी, 2024) को शाम 5 बजे लक्ष्मी विलास पैलेस प्रसार स्थित रवि वर्मा स्टूडियो में आयोजित होगा। साथ ही इसके लिए एक वेब लिंक जारी किया गया, जिस पर क्लिक कर वहाँ आने के इच्छुक लोग रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं। बताया गया कि पंजीकरण अनिवार्य है, क्योंकि सीटों की संख्या सीमित है। हालाँकि, जब हमने गूगल डॉक वाला फॉर्म खोला तो ‘बताया गया कि ‘टॉक बाय देवदत्त पटनायक’ शीर्षक के साथ बताया गया कि अब पंजीकरण बंद हो चुका है।

IGNCA ने इसमें लिखा, “हम आप सब से गंभीरता से माफ़ी माँगना चाहते हैं, साथ ही हमें ये सूचित करते हुए दुःख हो रहा है कि हमारे आने वाले कार्यक्रम के लिए रजिस्ट्रेशन बंद किया जा चुका है। लोगों द्वारा अत्यधिक रुचि लेने और कार्यक्रम के लिए अप्रत्याशित संख्या में पंजीकरण के कारण हम अपनी अधिकतम क्षमता तक अपनी उम्मीद से पहले ही पहुँच चुके हैं (सीटें भर चुकी हैं)।” साथ ही किसी भी प्रकार के सवालों या सहायता को लेकर editorigncavrc@gmail.com पर संपर्क करने को कहा गया।

सीटों की संख्या भर जाने के कारण ‘इंदिरा गाँधी नेशनल सेंटर फॉर द आर्ट्स’ ने बंद कर दिया रजिस्ट्रेशन

अधिवक्ता शशांक शेखर झा ने इस कार्यक्रम को लेकर हैरानी जताते हुए केंद्रीय संस्कृति मंत्री G किशन रेड्डी से इस मामले में संज्ञान लेने का निवेदन किया। हालाँकि, विरोध होने के बाद IGNCA ने अपना ट्वीट डिलीट कर लिया है, लेकिन इस संबंध में कोई सूचना नहीं दी गई है कि कार्यक्रम रद्द किया गया है या नहीं।

देवदत्त पटनायक के बारे में बता दें कि वो अक्सर हिन्दू विरोधी बातें करता रहता है। इसीलिए, उसे देवदत्त ‘नालायक’ भी लोग कहते हैं। ऊपर से वो अव्वल दर्जा का गालीबाज भी है। उसने खुद लिखा था कि वो ‘बलात्कार के बदले बलात्कार’ वाली थ्योरी में विश्वास रखता था। उसने झूठ फैलाई थी कि जो भी राम मंदिर के लिए दान देने से इनकार कर देता है, उसके घर को चिह्नित कर लिया जाता है और सरकारी प्रशासन को इसकी सूचना दे दी जाती है।

इससे पहले केंद्रीय खेल मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय युवा दिवस’ के उपलक्ष्य पर आयोजित कार्यक्रम में भी गालीबाज देवदत्त पटनायक को आमंत्रित किया गया था, लेकिन विरोध के बाद फैसला लिया गया कि उसके वाले सत्र का प्रसारण नहीं किया जाएगा। उसे ‘ग्रेट माइंड डिस्कस आइडियास’ कार्यक्रम में अतिथि के तौर पर बुलाया गया था। देवदत्त पटनायक सोशल मीडिया पर भी माँ-बहन की गालियाँ बक चुका है। ओडिशा के भुवनेश्वर में भी उसके खिलाफ शिकायत दर्ज हुई थी, क्योंकि उसने जगन्नाथ मंदिर को लेकर समाज को विभाजित करने वाली बातें कही थीं।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया