Sunday, November 10, 2024
Homeदेश-समाज'मैं बलात्कार के बदले बलात्कार के सिद्धांत में विश्वास रखता था': गंदी गालियों के...

‘मैं बलात्कार के बदले बलात्कार के सिद्धांत में विश्वास रखता था’: गंदी गालियों के स्क्रीनशॉट्स वायरल होने पर बोले देवदत्त पटनायक

देवदत्त पटनायक ने कहा कि पुरानी कहावत में हम एक आँख के बदले एक आँख वाली थ्योरी में विश्वास रखते थे। साथ ही उन्होंने कहा कि नई कहावत में जीसस क्राइस्ट ने एक गाल के बाद दूसरा गाल आगे बढ़ाने की बात कही।

खुद को ‘हिन्दू माइथोलॉजी’ का विशेषज्ञ कहने वाले देवदत्त पटनायक ने सोशल मीडिया पर बकी अपनी गालियों के स्क्रीनशॉट्स वायरल होने पर अजीबोगरीब तरीके से माफीनामा जारी किया है। उन्होंने कहा कि कई लोग उनके पुराने ट्वीट्स के स्क्रीनशॉट्स लगातार शेयर कर रहे हैं, जिनमें उन्होंने गंदे और नारी विरोधी शब्दों का प्रयोग किया है। साथ ही उन्होंने दावा किया कि ‘निष्ठुर और विषैले ट्रोल्स’ के खिलाफ उन्होंने ये शब्द कहे थे। देवदत्त पटनायक ने कहा कि वो हैरान हैं कि उन्होंने कभी ऐसे शब्द लिखे थे और कई बार इनका बचाव भी किया।

उन्होंने 20वीं सदी के एक भारतीय चिंतक और स्वतंत्रता सेनानी का नाम लेते हुए कहा कि वो उनसे प्रेरित होकर ‘बलात्कार के बदले बलात्कार’ वाली थ्योरी में यकीन कर के चल रहे थे। उन्होंने कहा कि वो तब उक्त चिंतक की पुस्तकें पढ़ रहे थे। साथ ही उन्होंने का कि वो इन चिंतक के सभी नहीं तो कुछ क्षमताओं से खासे प्रेरित हैं, जैसे हिन्दू के नए शब्दों का ईजाद करना। इसके लिए उन्होंने फ़ारसी/उर्दू के ‘शहीद’ की जगह ‘हुतात्मा’ के प्रयोग का उदाहरण दिया।

देवदत्त पटनायक ने कहा कि पुरानी कहावत में हम एक आँख के बदले एक आँख वाली थ्योरी में विश्वास रखते थे। साथ ही उन्होंने कहा कि नई कहावत में जीसस क्राइस्ट ने एक गाल के बाद दूसरा गाल आगे बढ़ाने की बात कही। उन्होंने दावा किया कि महात्मा गाँधी ने इसी सिद्धांत पर विश्वास किया। बकौल देवदत्त पटनायक, उक्त स्वतंत्रता सेनानी और चिंतक ने पुराने सिद्धांत पर विश्वास किया और बलात्कार को एक ‘राजनीतिक हथियार’ के रूप में देखा।

देवदत्त पटनायक का दावा है कि उक्त चिंतक ने मुस्लिम महिलाओं की इज्जत करने के लिए छत्रपति शिवाजी महाराज तक की निंदा की और कहा कि कहा कि मुस्लिम पुरुषों ने हिन्दू महिलाओं का सम्मान नहीं किया। देवदत्त पटनायक के अनुसार, उक्त राष्ट्रवादी चिंतक ये विश्वास करते थे कि राम की दया भावना और कुलीनता से अच्छा है रावण की बदला लेने वाली दुष्ट भावना। उन्होंने कहा कि ये सिद्धांत घृणास्पद है, लेकिन इसे समझने में समय लगता है।

देवदत्त पटनायक ने लिखा, “कुछ लोग कहते हैं कि उक्त चिंतक ने ऐसा नहीं लिखा है, इसे गलत तरीके से समझा गया है। लेकिन, बाजार में उपलब्ध किताबें स्पष्ट कहती हैं कि उन्होंने बलात्कार को राजनीतिक हथियार के रूप में देखा। मुझे ये कुछ समय के लिए ठीक लगने लगा। शैतानी आत्माएँ? इसीलिए, मैंने अपने दिवंगत माता-पिता को गाली देने वाले और मुझे रेप से जन्मा बच्चा बताने वाले ट्रोल्स को ऐसी गालियाँ दी। इतना भड़काए जाने के बाद बिना सोचे प्रयोग में लाए गए इन शब्दों का मुझे पछतावा है।”

देवदत्त पटनायक ने लिखा कि उन्हें और संयम बरतना चाहिए था। उन्होंने कहा कि वो उक्त चिंतक को उन दिनों में पढ़ने और उनसे प्रेरित होने पर आज अफ़सोस कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जीवन में ऐसा होता है और हम गलतियाँ करते हैं। उन्होंने कहा कि हम कॉकरोच के गुलाम बन जाते हैं, लेकिन तब सरस्वती का हंस नियंत्रण में आता है और सब ठीक होता है। बकौल पटनायक, हमें आगे बढ़ना चाहिए और वो भी माफ़ी माँगते हैं। उन्होंने कहा कि वो उस चिंतक के कई माफीनामों की तरह कई लोग उनके इस माफीनामे को भी नकार देंगे।

Join OpIndia's official WhatsApp channel

  सहयोग करें  

एनडीटीवी हो या 'द वायर', इन्हें कभी पैसों की कमी नहीं होती। देश-विदेश से क्रांति के नाम पर ख़ूब फ़ंडिग मिलती है इन्हें। इनसे लड़ने के लिए हमारे हाथ मज़बूत करें। जितना बन सके, सहयोग करें

ऑपइंडिया स्टाफ़
ऑपइंडिया स्टाफ़http://www.opindia.in
कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया

संबंधित ख़बरें

ख़ास ख़बरें

साकेत गोखले ने जहाँ बंद करवाया जागरण, वहाँ भजनों के बिना हुई आरती, भंडारा में भी आने से डर रहे थे स्थानीय: ऑपइंडिया से...

दिल्ली में जहाँ TMC सांसद साकेत गोखले ने रुकवाया दुर्गा जागरण, वहाँ के हिन्दुओं ने कहा कि अगर आज चुप रहे तो कल रोकी जाएगी होली और दीवाली भी।

स्विट्जरलैंड में 1 जनवरी से नहीं पहन सकेंगे बुर्का-नकाब, मुँह ढकने पर देना पड़ेगा 97000 रुपए तक जुर्माना: नया कानून बना, जानें क्या होंगे...

ये कानून स्विस संसद के निचले सदन में 151-29 वोट से पारित हुआ है। स्विट्जरलैंड में इस कानून को 1 जनवरी 2025 से लागू किया जाएगा।

प्रचलित ख़बरें

- विज्ञापन -