मुझे भारत में ही रहने दो, मेरे देश में कोरोना से मची है अफरातफरी: हाई कोर्ट पहुँचा अमेरिकी पर्यटक

अमेरिकी नागरिक जानी पॉल पियर्स (साभार: New indian express)

कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए लगाए गए यात्रा प्रतिबंध के कारण कई विदेशी भारत में फँस गए और वे अपने देश वापस जाने के लिए बेताब हैं। लेकिन केरल में 5 महीने से रुके 74 साल के अमेरिकी नागरिक जॉनी पॉल पियर्स ऐसा बिल्कुल नहीं चाहते हैं। वे अपनी बाकी जिंदगी यहीं बिताना चाहते हैं।

कोच्चि में रह रहे पियर्स ने इसके लिए हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। उन्होंने अपने टूरिस्ट वीजा को बिजनेस वीजा में बदलने की अपील की है।

जॉनी पॉल पियर्स कोरोना काल में भारत सरकार के अपने नागरिकों को लेकर अपनाए जा रहे रवैए से इतने खुश हैं कि वापस नहीं जाना चाहते हैं। उनका कहना है कि अमेरिका में कोरोना वायरस के कारण काफी अफरातफरी मची हुई है और भारत सरकार की तरह वहाँ की सरकार देखभाल नहीं कर रही है। ऐसे में वे यहीं रहना चाहते हैं।

पियर्स ने अपने टूरिस्ट वीजा को बिजनेस वीजा में बदलने के लिए हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। जॉनी पियर्स ने कहा, “कोविड-19 बीमारी की वजह से अमेरिका में अफरातफरी मची है। अमेरिका की सरकार लोगों का उस तरह ख्याल नहीं रख रही है, जैसा भारत की सरकार रख रही है। मैं यहीं रहना चाहता हूँ।”

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उन्होंने बताया, “मैं एक याचिका दायर कर रहा हूँ कि मुझे केरल में और 180 दिनों तक रहने और यहाँ एक ट्रैवल कंपनी शुरू करने के लिए बिजनेस वीजा दिया जाए। काश मेरा परिवार भी यहाँ आ पाता। यहाँ जो कुछ हो रहा है, उससे मैं बहुत प्रभावित हूँ। अमेरिका में लोग कोरोना वायरस की परवाह नहीं करते।”

जॉनी ने कहा, “निवासी बनने का सबसे आसान तरीका एक भारतीय से शादी करना है, लेकिन मैं 74 साल का हूँ और शायद यह विकल्प पीछे छूट गया है।” जॉनी विदेशियों के लिए एक केंद्र स्थापित करने और केरल में पर्यटन की संभावनाओं का पता लगाने की योजना बना रहे हैं।

वह 26 फरवरी को टूरिस्ट वीजा पर भारत आए थे, जो 26 जनवरी 2025 तक वैध है। हालाँकि इस पर वो लगातार 180 दिनों तक ही भारत में रह सकते हैं। उनके 180 दिन 24 अगस्त को समाप्त होने वाले थे, जिसे विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय (FRRO) ने 30 अगस्त तक बढ़ा दिया था।

एक पर्यटक के रूप में भारत की यह उनकी पाँचवीं यात्रा है। देश छोड़े बिना वह अपने पर्यटक वीजा को व्यवसाय वीजा में बदलने के लिए आवेदन नहीं कर सकते हैं। इस पर उन्होंने कहा, “74 साल की उम्र में अमेरिका की यात्रा करना जोखिम भरा है। वहाँ अराजकता है। मुझे केरल बहुत पसंद है। मैं वापस नहीं जाना चाहता हूँ। मैं यहाँ शांति से रहना चाहता हूँ।”

उन्होंने अपने गृह देश में वापस जाने के जोखिम के बारे में बात करते हुए कहा, “केरल में केवल 27 मौतें हैं और अमेरिका में 1.3 लाख से अधिक मौतें हुई हैं। मैं वापस अमेरिका नहीं जाना चाहता। मैं 74 साल का हूँ। ऐसे में अमेरिका की यात्रा करना जोखिम भरा है। यह मेरे लिए बहुत सुरक्षित जगह है। मुझे उम्मीद है कि भारत मुझे अपनाएगा और मुझे यहाँ रहने की अनुमति देगा।”

बता दें कि अमेरिका में इस समय पूरी दुनिया में कोरोना वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित देश है। अमेरिका में इस समय 3,291,786 केस सामने आ चुके हैं जिसमें से 136,671 लोगों की मौत हो चुकी है। अब तक कुल 1,460,495 लोग ठीक हो चुके हैं और फिलहाल 1,694,620 केस एक्टिव हैं।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया