‘अग्निवीर’ बनने के लिए सिर्फ वायुसेना-नौसेना में 10.5 लाख आवेदन, हिंसा के कारण रेलवे को हुआ ₹260 करोड़ का नुकसान

'अग्निपथ योजना' के तहत 22 जुलाई तक आए 3,03,328 आवेदन (प्रतीकात्मक चित्र)

भले ही राजनीतिक दलों और भाजपा विरोधी वामपंथी गिरोह ने जम कर ‘अग्निपथ योजना’ के खिलाफ प्रदर्शन और हिंसा की हो, लेकिन देश के युवाओं में इसे लेकर जोश देखने को मिल रहा है। केंद्रीय रक्षा मंत्रालय ने जानकारी दी है कि भारतीय नौसेना में शुक्रवार (22 जुलाई, 2022) तक ‘अग्निपथ योजना’ के लिए 3,03,328 आवेदन आ चुके हैं। ये भी जानने वाली बात है कि इनमें से 20,499 महिलाएँ हैं। ये आँकड़े केवल इंडियन नेवी के हैं।

बता दें कि इसके लिए 1 जुलाई, 2022 को ही आवेदन लेने शुरू हो गए थे। तीनों सेनाओं के लिए इसके तहत भर्तियाँ निकाली गई हैं। भारतीय नौसेना इसके पहले चरण में 2800 नौकरियाँ ऑफर कर रही हैं। इन्हें ‘अग्निवीर’ के नाम से जाना जाएगा। इसके तहत योग्यता 12वीं पास की रखी गई है। साथ ही 200 ऐसे उम्मीदवारों का चयन भी किया जा रहा है, जिनकी योग्यता मैट्रिकुलेशन (10वीं) है। भारतीय वायुसेना ने भी बताया है कि युवाओं की अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है।

भारतीय वायुसेना के लिए इसके तहत अब तक 7.5 लाख आवेदन आ चुके हैं। यहाँ 3000 की वैकेंसी है। IAF ने बताया कि पिछले साल के मुकाबले इस साल की वैकेंसियों के लिए ज्यादा आवेदन आए हैं। सबसे ज्यादा भारतीय थलसेना में 40,000 भर्तियाँ होनी हैं। उधर संसद में भारत सरकार ने जानकारी दी है कि ‘अग्निपथ योजना’ के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों के कारण भारतीय रेलवे को 259.44 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ।

राज्यसभा में केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने ये जानकारी दी। कॉन्ग्रेस नेता अखिलेश प्रसाद सिंह के सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने बताया कि इस विरोध प्रदर्शन के कारण ट्रेनों के रद्द होने के बाद यात्रियों को रिफंड भी दिया गया, जिसके आँकड़े फ़िलहाल उपलब्ध नहीं हैं। लेकिन, 14 जून से लेकर 30 जून तक 102.96 करोड़ रुपए का कुल रिफंड दिया गया। उन्होंने बताया कि रेलवे की संपत्तियाँ तबाह करने के मामलों की जाँच GRP और स्थानीय पुलिस जगह-जगह कर रही हैं।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया