खुद से पहले जूनियरों को यूक्रेन से बाहर निकालना चाहते थे नवीन, दोस्तों के लिए खाना लेने गए थे: पार्थिव शरीर का इंतजार कर रहा परिवार

खाना लेने बंकर से निकले थे नवीन, बमबारी में हुई मौत (फोटो साभार: The Tribune)

रूस-यूक्रेन के बीच चल रही जंग के बीच भारतीय छात्र नवीन कुमार की मौत हो गई। नवीन भूख से बेहाल अपने साथियों के लिए खाना लेने निकले थे, लेकिन लौटकर नहीं आ पाए। यह नवीन के जीवन का आखिरी निर्णय बन गया। उस पल को याद करते हुए नवीन के दोस्त और जूनियर दर्दनाक दास्तां बयाँ कर रहे हैं।

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक नवीन चाहते तो वो यूक्रेन से कब का निकल चुके होते, लेकिन उन्होंने वहाँ रुक कर अपने जूनियर सहयोगियों को पहले निकालने का विकल्प चुना। खार्किव नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी में चौथे वर्ष के छात्र अमित वैश्यर ने बताया, “एक समूह सोमवार को रवाना हुआ, लेकिन नवीन ने सुझाव दिया कि हम थोड़ा इंतजार कर लेते हैं, ताकि हम अपने जूनियर्स को भी साथ ले जा सकें, क्योंकि वे एक वर्ष से भी कम समय से यूक्रेन में थे। उसका विचार बुधवार (2 मार्च, 2022) की सुबह खार्किव छोड़ने का था। मगर मंगलवार (1 मार्च, 2022) जब वो हमारे लिए खाना लेने गया, तब उसकी मौत हो गई।”

‘एक यूक्रेनी ने बताया कि वो अब नहीं रहा’

अमित वैश्यर ने बताया, “जब भी कर्फ्यू हटता, हम सामान खरीदने जाते थे। मंगलवार को मैं सुबह 3.30 बजे सोने गया और देर से उठा। नवीन सुबह 6 बजे ही खाना लेने के लिए निकल गया। वो केवल हमारे बंकर से बाजार 50 मीटर की दूरी पर ही था। करीब 7.58 बजे उसने मैसेज भेजा कि उसके पास पैसे कम पड़ रहे हैं उसे कुछ पैसे ट्रांसफर करने को कहा। फिर जब उसके फोन पर 8.10 बजे हमने कॉल किया तो उसने पहले उठाया नहीं इसके बाद एक यूक्रेनी ने कॉल का जवाब दिया और कहा कि वह अब नहीं रहा।”

वहीं उनकी बैचमेट दिव्यांशी ने दैनिक भास्कर को बताया कि नवीन की मौत उस वक्त हुई जब उनके बैच के 16 भारतीय छात्र बंकर से निकलकर रेलवे स्टेशन जा रहे थे। इसी दौरान नवीन पास के शॉपिंग मॉल में सबके लिए ब्रेड आदि लेने गया था। तभी हुई गोलीबारी में नवीन की मौत ने सबको झकझोर दिया। 

द ट्रिब्यून के मुताबिक खारकीव में स्टूडेंट कॉर्डिनेटर पूजा प्रहराज ने बताया कि नवीन गवर्नर हाउस के पास रहता था और खाना लेने के लिए कतार में खड़ा था। अचानक एक हवाई हमला हुआ जिसने गवर्नर हाउस को उड़ा दिया और वह मारा गया। उनके अनुसार, हमले के तुरंत बाद एक यूक्रेनी महिला ने नवीन का फोन उठाया और कहा कि इस मोबाइल के मालिक को मुर्दाघर में ले जाया जा रहा है। 

इधर नवीन के अंकल उज्जनगौड़ा ने दावा किया कि नवीन की मौत तब हुई जब वह अपने बंकर से करेंसी एक्सचेंज और कुछ खाने के लिए निकला था। उज्जनगौड़ा ने कहा कि कर्नाटक के अन्य लोगों के साथ नवीन खारकीव में एक बंकर में फँस गया था। वह सुबह करेंसी का आदान-प्रदान करने और भोजन लेने के लिए निकला था, तभी वह गोलाबारी में मारा गया।

नवीन के पिता शेखरप्पा ज्ञानगौदर बेटे की मौत से बुरी तरह टूट चुके हैं। वो अब सरकार ये ये उम्मीद लगाए बैठे हैं कि किसी तरह वो नवीन के पार्थिव शरीर को देश ले आए। प्रधानमंत्री ने इसका आश्वासन भी दिया है। उन्होंने मंगलवार को भारतीय शिक्षा क्षेत्र में लागू आरक्षण नीतियों पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि यहाँ शिक्षा महँगी है। करोड़ों रुपए चुकाने पड़ते हैं। भारत में जातिवार सीटें आवंटित की जाती हैं। पीयूसी में 97 फीसदी अंक हासिल करने के बावजूद उनका बेटा राज्य में मेडिकल सीट हासिल नहीं कर सका।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया