‘मस्जिद से पत्थरबाजी, दंगाई भीड़ में महिलाएँ-बच्चे भी’: गोली लगने से घायल इंस्पेक्टर ने बताया – बांग्लादेशी भाषा में लग रहे थे नारे

एसआई मेदा लाल ने बताया कि मस्जिदों के ऊपर से चलाए गए थे पत्थर (फोटो साभार: एबीपी/एचटी)

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के जहाँगीरपुरी (Delhi Jahangirpuri riots) में हनुमान जयंती के मौके पर हिंदुओं द्वारा निकाली गई शोभा यात्रा पर इस्लामी कट्टरपंथियों ने हमला किया था। मुस्लिम भीड़ ने ‘अल्लाहु अकबर’ के नारे लगाते हुए दंगा, पत्थरबाजी, आगजनी और गोलीबारी की। ऐसी ही एक गोली वहाँ ड्यूटी पर तैनात सब इंस्पेक्टर मेदा लाल के हाथ पर लगी। इसमें वो गंभीर रूप से घायल हो गए। अस्पताल से घर लाए गए इंस्पेक्टर मेदा लाल ने खुद जहाँगीरपुरी के दंगे के बारे में बताया है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, घायल मेदा लाल ने बताया, “पहले दो जुलूस निकल चुके थे और तीसरा जुलूस निकल रहा था, जो खत्म होने वाला था। जब ये मस्जिद सी ब्लॉक के सामने पहुँची, शोभा यात्रा में शामिल लोग श्रीराम के नारे लगाते हुए चल रहे थे, लेकिन मस्जिद के ऊपर से पत्थरबाजी शुरू हो गई। पहले तो दोनों को अलग कर दिया, लेकिन कुशल चौक पर पब्लिक दोबारा आ गई। हाथ में लाठी, डंडे, तलवार और काँच की बोतलें लेकर उन्होंने हमला कर दिया।”

पथराव कैसे हुआ इसको लेकर मेदा लाल का कहना है कि सी ब्लॉक में जहाँ पर मस्जिद थी, वहाँ पर पहले नारेबाजी हो रही थी, जिसके बाद पथराव हुआ। हालाँकि, हनुमान जयंती में शामिल लोग वहाँ से हटकर जी ब्लॉक की तरफ चले गए। लेकिन, बाद में मस्जिद के पास वाले दंगाई दोबारा से आ गए, उस भीड़ में बच्चे और महिलाएँ भी शामिल थीं। छतों के ऊपर से वो पत्थरबाजी कर रहे थे।

पुलिस अधिकारी के मुताबिक, गोली पब्लिक की तरफ से चलाई गई। 8-10 बार फायर किया गया, जिसमें से एक गोली उन्हें भी लगी। गोली उनके हाथ को फाड़कर आर-पार हो गई। हालाँकि, हड्डी में लगने के कारण उसकी दिशा बदल गई थी। दंगाई हाथ में तलवार, लाठी और मीट काटने वाला औजार लिए थी। वो लोग बांग्लादेशी भाषा में नारेबाजी कर रहे थे। उन्होंने बताया, “हमारे एक साथी कॉन्स्टेबल सुमन को पीठ पर और हाथ में तलवार से मारा गया। मेरे अलावा मेरे 6-7 और साथी भी घायल हुए हैं।”

सब इंस्पेक्टर मेदा लाल का कहना है कि दंगाइयों ने कई दुकानों, गाड़ियों में आग लगा दी। उन्होंने बताया, “मेरी पोस्टिंग जहाँगीरपुरी थाने में ही है। ये दंगा साजिश के तहत किया गया या नहीं ये तो नहीं कह सकते। लेकिन छतों से पत्थर और बोतलें फेंकी गई थीं।” पुलिस अधिकारी ने ये स्पष्ट किया कि गोली और पत्थरबाजी बंगाली भाषी लोगों द्वारा चलाई गई। जबकि, हनुमान जयंती में शामिल लोग उनके पीछे थे।

गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर से की बात

गौरतलब है कि इस दंगे के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली के पुलिस कमिश्नर से फोन पर बात कर हालात का जायजा लिया था। साथ ही केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने भी मौके पर पहुँच कर स्थिति को समझा।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया