‘इंस्पेक्टर थाने में कराते है गंदा काम…’: डिप्टी सीएम को भेजी चिट्ठी सोशल मीडिया पर वायरल, जाँच कर सख्त कार्रवाई के आदेश

(प्रतीकात्मक तस्वीर- साभार-PTI)

सोशल मीडिया पर यूपी के एक ऐसे मामले की चर्चा हो रही है, जिसको लेकर पुलिस महकमे में हड़कंप मचा हुआ है। दरअसल, सोशल मीडिया पर डिप्टी सीएम और एसएसपी को भेजा गया एक पत्र वायरल हुआ है, जिसमें कहा गया है कि एक इंस्पेक्टर थाने में गंदा काम करते है।

इंस्पेक्टर पर आरोप भी अजीबो-गरीब है। दैनिक भास्कर के पत्रकार सचिन गुप्ता ने इसको लेकर ट्वीट में कहा, “इंस्पेक्टर को बवासीर है, इसलिए सरकारी आवास में हस्तमैथुन कराते हैं। छुट्टी देने के बहाने नए पुलिसकर्मियों से ये काम कराते हैं। रात में निवस्त्र होकर घर से बाहर निकल आते हैं।” सोशल मीडिया पर यही दावे किए जा रहे हैं। 

दरअसल, ऐसे आरोपों वाली चिट्ठी डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक और एसएसपी को भेजी गई है। इसके बारे में कहा जा रहा है कि थाने के सामूहिक पुलिसकर्मियों ने यह चिट्ठी दी है। हालाँकि, पत्र में जो आरोप लगाए गए हैं, उसको लेकर सवाल भी उठ रहे हैं। कुछ लोग इसे किसी शरारती तत्व की हरकत भी बता रहे हैं। 

SP ने बताया मामला

चिट्ठी के सामने आने के बाद एसपी क्राइम ब्रांच मुकेश प्रताप सिंह ने इस पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा, “सोशल मीडिया पर एक पत्र वायरल हो रहा है। इस पत्र में भेजने वाले किसी व्यक्ति का नाम नहीं है। एक थाने के इंस्पेक्टर के ऊपर गंभीर आरोप लगाए गए है।”

उन्होंने कहा, “इस संबंध में चार दिन पहले एक प्रार्थना पत्र प्राप्त हुआ था, जिसे अनूप सिंह के नाम से दिया गया था। उसका पता नहीं चल सका है कि वह कहाँ रहता है। पत्र के माध्यम से इंस्पेक्टर की छवि खराब करने का प्रयास किया गया है।”

SP का कहना है कि इस बात का पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है कि पत्र को किसने वायरल किया है। एसपी क्राइम ने इस पत्र के सामने आने के बाद जाँच के निर्देश दिए हैं। वहीं, पुलिस का कहना है कि साजिश करने वालों को जल्द ही बेनकाब किया जाएगा। उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

सम्बंधित थाने के सभी पुलिसकर्मियों ने आरोपों को बताया झूठा

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, जिस थाने के थानेदार पर आरोप लगाया गया है, उसी थाने के इंस्पेक्टर क्राइम ने इसका खंडन किया है। उन्होंने बताया, “थाना प्रभारी नियमित विभाग और जनता की समस्याओं को सुनते है। उनका आवास थाना परिसर में ही है, लेकिन कोई भी अधिकारी, कर्मचारी व जनता का कोई आदमी उनके आवास पर नहीं जाता है। उनकी छवि खराब करने के लिए किसी ने झूठा प्रार्थना पत्र दिया है।”

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया