तिलक लगाने पर शाहरुख खान को कट्टरपंथियों ने बताया ‘ग़लत मुस्लिम’

शाहरुख ख़ान द्वारा साझा की गई तस्वीर (साभार: twitter.com/iamsrk)

बॉलीवुड सुपरस्टार शाहरुख ख़ान ने सोशल मीडिया पर अपने प्रशंसकों को परिवार समेत दिवाली की शुभकामनाएँ देते हुए ट्वीट किया, “सभी को हैप्पी दिवाली। आपका जीवन उज्ज्वल और खुशहाल रहे। दिवाली की शुभकामनाएँ देते हुए उन्होंने अपने परिवार के साथ तिलक लगाए हुए एक तस्वीर भी शेयर की। इस तस्वीर में उनका बेटा अबराम और पत्नी गौरी की एक तस्वीर थी। लेकिन, यह तस्वीर कट्टर इस्लामियों को एक आँख ना भाई और उन्होंने तिलक लगी इस तस्वीर का मज़ाक उड़ाना शुरू कर दिया।

https://twitter.com/iamsrk/status/1188427434665791488?ref_src=twsrc%5Etfw

शाहरुख द्वारा शेयर की इस तस्वीर को अपलोड किए कुछ वक़्त ही गुज़रा था कि एक यूज़र ने उन्हें “झूठा मुस्लिम (मुनाफिक)” कहा और उन्हें ईद की शुभकामनाएँ दीं। हैरानी इस बात पर होती है कि हिन्दू त्यौहार के लिए नफ़रत इतनी प्रबल है कि दिवाली की शुभकामना देने वाले ने शाहरुख ख़ान को उस ट्विटर यूज़र ने एक झूठा मुस्लिम तक करार दिया।

एक अन्य ट्विटर यूज़र ने शाहरुख ख़ान के माथे पर तिलक लगी तस्वीर का उल्लेख करते हुए लिखा कि यह शर्म की बात है कि मुस्लिम होने के बावजूद, शाहरुख एक हिन्दू के कर्तव्यों को पूरा कर रहे हैं।

फेसबुक पर भी उनके पोस्ट पर इसी तरह की प्रतिक्रियाएँ मिलीं। एक फेसबुक यूजर फ़ैयाज़ अफ़रीदी ने SRK द्वारा पोस्ट की गई दिवाली की बधाई की निंदा करते हुए उन्हें मुस्लिम होने के कारण दिवाली मनाने पर शर्म करने के लिए कहा। 

एक अन्य फेसबुक यूजर ने SRK की आलोचना करते हुए कहा कि यह उनके लिए “½ किलोमुस्लिम” जैसी अभद्र टिप्पणी की।

ऐसा पहली बार नहीं है कि शाहरुख ख़ान इस्लामिक कट्टरपंथियों की के निशाने पर आए हों। एक महीने पहले, रबीद इस्लामी कट्टरपंथियों ने गणेश चतुर्थी के अवसर पर शाहरुख ख़ान की मुस्लिम पहचान पर सवाल उठाया था। पिछले साल भी उन्हें इस्लामवादियों द्वारा निशाना बनाया गया था, जब उन्होंने अपने बेटे की गणेश पूजा मनाते हुए एक तस्वीर ट्वीट की थी, कट्टरपंथियों ने इसे ‘पाप’ कहा था और उनकी निंदा की थी।

मुंबई से भी एक ऐसी ही घटना सामने आई थी, जिसमें एक अभिनेता के रूप में फ़िल्म उद्योग से जुड़े मुंबई के मलाड पश्चिम के रहने वाले विश्व भानू ने फेसबुक पर अपने मुस्लिम पड़ोसियों की असहिष्णुता के बारे में लिखा था। अपनी फेसबुक पोस्ट में उन्होंने लिखा कि दिवाली के मौक़े पर सोसायटी के लोग (मुस्लिम) उन्हें और उनकी पत्नी को घर में दीये जलाकर रोशनी करने और रंगोली बनाने की अनुमति नहीं दे रहे हैं। भानू ने अपनी पोस्ट में लिखा कि उनकी सोसायटी के लोगों ने न सिर्फ उनके घर की लाइट्स को नष्ट किया बल्कि बाक़ी लगी लाइट्स को हटाने के लिए मजबूर भी किया।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया