NDTV के पत्रकार की टुच्चागिरी: चंद्रयान-2 के ISRO से संपर्क टूटने के बाद वैज्ञानिकों पर चिल्लाया

एनडीटीवी पत्रकार पल्लव बागला

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत पूरा देश जहाँ मून मिशन चंद्रयान-2 के लिए इसरो और भारतीय वैज्ञानिकों पर गर्व कर रहा है, वहीं एनडीटीवी का एक पत्रकार अपनी ओछी हरकतों से बाज नहीं आया। चंद्रयान-2 के लैंडर विक्रम के इसरो से संपर्क टूटने की वजह से पहले से ही हताश वैज्ञानिकों पर चिल्लाकर पत्रकार महोदय ने साबित कर दिया कि पूरे मिशन की 95% सफलता उसके लिए मायने नहीं रखती।

https://twitter.com/iAnkurSingh/status/1170097437530157056?ref_src=twsrc%5Etfw

वायरल हुए वीडियो में प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करने आए वैज्ञानिकों पर एक पत्रकार को चिल्लाते हुए सुना जा सकता है। पत्रकार वैज्ञानिकों पर चिल्लाते हुए कहता है कि यह एक परंपरा है कि जब कुछ गलत होता है, तो इसरो प्रमुख मीडिया के साथ बातचीत करते हैं, तो फिर वो इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में मौजूद क्यों नहीं हैं? इतना ही नहीं, उस पत्रकार ने प्रेस ब्रीफिंग के लिए आए वैज्ञानिकों को जूनियर तक कह डाला। उसने कहा कि इसरो प्रमुख को मीडिया से बात करनी चाहिए थी, न कि किसी जूनियर को भेजना चाहिए था।

https://twitter.com/moronhumor/status/1170100678951391234?ref_src=twsrc%5Etfw

वीडियो में आप साफ देख सकते हैं कि पत्रकार के इस तरह के अशिष्ट और असभ्य सवाल से मीडिया को ब्रीफ करने आए वैज्ञानिक काफी दुखी और असहज हो जाते हैं। वीडियो में पत्रकार का चेहरा नहीं दिख रहा है, लेकिन बाद में पता चलता है कि इस तरह का अशिष्ट सवाल करने वाला कोई और नहीं बल्कि एनडीटीवी का पत्रकार पल्लव बागला है। 

https://twitter.com/pallavabagla/status/1170194270608707585?ref_src=twsrc%5Etfw

हालाँकि, पल्लव बागला ने देश की जनता का मूड और मामले को बढ़ता देख माफी माँग ली है। मगर, लोगों ने पल्लव के वैज्ञानिकों के साथ किए गए व्यवहार के लिए खूब खिंचाई की है। लोगों ने तो पल्लव बागला के इसरो चीफ के सिवन के साथ चंद्रयान 2 को लेकर किए गए इंटरव्यू को भी शेयर किया है।

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इस वीडियो में आप इसके सवाल का स्तर देखकर हैरान रह जाएँगे! दरअसल, पल्लव बागला इसरो चीफ से पूछता है कि चंद्रयान -2 के साथ कितने अंतरिक्ष यात्रियों को भेजा जा रहा है? बागला के इस तरह के स्तरहीन सवाल पर के सिवन ने बेहद ही धैर्यपूर्वक तरीके से समझाया कि यह एक स्वचालित और मानव रहित मिशन है। इसमें किसी भी अंतरिक्ष यात्री को नहीं भेजा जा रहा है।

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गौरतलब है कि भारत के महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट चंद्रयान-2 का सफर अपनी मंजिल से महज 2.1 किलोमीटर पहले थम गया। चंद्रयान-2 के लैंडर विक्रम का चाँद के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग से मात्र 2.1 किलोमीटर की दूरी से पहले कंट्रोल रूम से संपर्क टूट गया। मगर इसरो के एक अधिकारी ने बताया कि चंद्रयान-2 मिशन 5 फीसदी ही फेल हुआ है। पीएम मोदी ने भी वैज्ञानिकों का हौसला बढ़ाते हुए कहा था कि देश को उन पर गर्व है। उन्होंने इसे देश की बड़ी उपलब्धि बताते हुए कहा कि जीवन में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं। भविष्य में सर्वश्रेष्ठ की उम्मीद करें। एक वीडियो में पीएम मोदी इसरो चीफ के सिवन को गले लगाते हुए उनकी हिम्मत बढ़ाते हुए दिखाई दे रहे हैं।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया