ओडिशा (Odisha) के जगतसिंहपुर क्षेत्र के काटेसिंहपुर गाँव में कनाडाई नागरिक द्वारा धर्मांतरण की कोशिश की जा रही थी। इस मामले में ऑपइंडिया की रिपोर्ट के बाद राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) ने संज्ञान लिया है। NCPCR ने आरोपित व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए जगतसिंहपुर प्रशासन को पत्र लिखा है।
NCPCR ने जगतसिंगपुर के कलेक्टर पारुल पटवारी को लिखे पत्र में कहा है कि 11 नाबालिग हिंदू बच्चों को एक कार्यक्रम में अवैध रूप से धर्मांतरित किया जा रहा था। इस कार्यक्रम को कनाडाई नागरिक एपेन मोहन किडंगलील (Eapen Mohan Kidangalil) ने तिर्तोल की दो अन्य मिशनरियों के साथ मिलकर आयोजित किया था।
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने पत्र में आगे कहा, “आयोग इस मामले की गहन जाँच और बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कार्रवाई करने का अनुरोध करता है। यह पत्र मिलने के 3 दिन के भीतर बच्चों की जानकारी और अन्य सभी आवश्यक दस्तावेज आयोग के सामने प्रस्तुत किए जाएँ।”
एपेन मोहन किडंगलील पर ओडिशा पुलिस ने 24 जून 2023 को मामला दर्ज किया था। किडंगलील पर प्रार्थना सभा आयोजित करने के नाम पर अनुसूचित जनजाति (ST) समाज के गरीब लोगों को लालच देकर ईसाई बनाने की कोशिश का आरोप है। इन लोगों में बच्चे भी शामिल हैं। इसके बाद उसे पकड़कर VHP के कार्यकर्ताओं ने पुलिस को सौंप दिया।
22 जून 2023 को VHP कार्यकर्ताओं को जगतसिंहपुर क्षेत्र के काटेसिंहपुर गाँव में धर्मांतरण कार्यक्रम की जानकारी मिली थी। जब वे मौके पर पहुँचे तो पाया कि कनाडा की नागरिकता रखने वाला एपेन मोहन करीब 33 स्थानीय निवासियों को ईसाई बनने के लिए उकसा रहा था। इनमें महिलाओं सहित 11 नाबालिग भी थे।
VHP कार्यकर्ता सूर्यकांत नंदा का कहना है कि आरोपित के पास से कैश, कागजात, बाइबिल, टूरिस्ट वीजा और कुछ दवाएँ बरामद हुई हैं। कडंगलील की मदद क्षेत्र में सक्रिय ईसाई मिशनरी के 2 अन्य सदस्य कर रहे थे। प्रार्थना सभा में ये सभी लोग बिना नंबर प्लेट वाले वाहन से आए थे। रिपोर्ट के मुताबिक, VHP कार्यकर्ताओं ने उन्हें रोकने की कोशिश की तो उन पर हमले किए गए।
मामले का संज्ञान स्थानीय कानूनी कार्यकर्ता समूह कलिंगा राइट्स फोरम ने लिया है। कनाडाई नागरिक पर पर्यटक वीजा के कानूनों का उल्लंघन का आरोप लगाते हुए कलिंगा राइट्स फोरम ने विश्व हिंदू परिषद के सदस्यों पर मिशनरी सदस्यों द्वारा किए गए हमले की निंदा की है।
कलिंगा राइट्स फोरम के मुताबिक, किडंगलील पर्यटक वीजा पर भारत आया हुआ है, लेकिन उसने नियमों के विपरीत 22 जून को प्रार्थना सभा का आयोजन किया। ऑपइंडिया के पास मौजूद FIR की कॉपी के मुताबिक, आरोपित पर ओडिशा धर्म स्वतंत्रता अधिनियम, 1967 की धारा 4 के तहत कार्रवाई की गई है।
मिशनरियों की तरफ से हिन्दू संगठनों पर जवाबी FIR
इस घटना के बाद ईसाई मिशनरियों की तरफ से हिन्दू संगठन के कुछ लोगों पर जवाबी FIR दर्ज करवाई गई है। FIR में मिशनरियों ने VHP कार्यकर्ताओं पर अपने ‘व्यक्तिगत कार्यक्रम’ में बाधा डालने का आरोप लगाया है। शिकायतकर्ता के तौर पर लक्ष्मीप्रिया मलिक का नाम सामने आया है।
लक्ष्मीप्रिया की शिकायत पर VHP सहित हिंदू संगठन के कार्यकर्ताओं पर भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 448, 294, 323, 506 और 34 के तहत केस दर्ज किया गया है। शिकायत में महिला ने बताया है कि नाबालिग बच्चे उसके बेटे के जन्मदिन में आए थे। उसने आरोप लगाया है कि सुबह लगभग 11 बजे उनका परिवार पूजा कर रहा था। इसी दौरान कुछ लोगों ने उनके घर में घुस कर दुर्व्यवहार किया।
महिलाओं ने भगवान जगन्नाथ भगवान की पूजा बंद की
ऑपइंडिया से बात करते हुए VHP सदस्य सूर्यकांत नंदा ने बताया कि बजरंग दल के सदस्यों को बेरहमी से पीटा गया था, क्योंकि उन्होंने प्रार्थना के नाम हो रहे धर्मान्तरण को रोकने का प्रयास किया। उन्होंने आगे बताया कि घटना के दिन बिना नंबर की सफेद बोलेरो गाड़ी देखकर जब पड़ताल की गई तो उसमें कनाडा के नागरिक के आने की जानकारी मिली।
नंदा ने आगे बताया कि थोड़ी देर बाद एक घर की तरफ जनजातीय समाज के करीब 40-50 गरीब हिन्दुओं को जाते देखा गया। जमावड़े की बजरंग दल सदस्यों ने जाकर पड़ताल की तो उन्हें वहाँ प्रार्थना के नाम पर धर्म परिवर्तन का प्रयास होता दिखा।
VHP नेता नंदा ने कहा कि हिन्दू संगठन के सदस्यों को देख कर लक्ष्मीप्रिया नाम की महिला ने इस कार्यक्रम में हुए जमावड़े को घर में जन्मदिन का आयोजन बताया। बजरंग दल के सदस्यों ने प्रार्थना में बैठी कुछ महिलाओं से बातचीत की। महिलाओं ने बताया कि उन्होंने भगवान जगन्नाथ की पूजा करना बंद कर दी है, क्योंकि उनका धर्म परिवर्तित हो गया है।
ऑपइंडिया से बातचीत के दौरान VHP नेता सूर्यकांत नंदा ने स्थानीय पुलिस पर भी एकतरफा कार्रवाई का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि पहले तो पुलिस ने सब कुछ जानते हुए भी कनाडा के नागरिक को छोड़ दिया और अब हिन्दू संगठनों से भी पूछताछ करने जा रही है।
कनाडा के नागरिक को छोड़ने पर SHO की सफाई
ऑपइंडिया ने इस घटना पर SHO शुभ्रांशु परिदा से बात की। SHO ने बताया कि कनाडाई व्यक्ति एपेन मोहन किडंगलील के पास OCI (ओवरसीज सिटीजन ऑफ इंडिया) कार्ड पाया गया है। उन्होंने किडंगलील को मूल रूप से केरल का निवासी और जन्मजात ईसाई बताया।
बकौल SHO एपेन मोहन किडंगलील को भारत में अपने धर्म का पालन करने का अधिकार है, क्योंकि वो पर्यटक वीजा पर नहीं है। पुलिस के मुताबिक, किडंगलील ने नियमों को नहीं तोड़ा है, इसलिए उसे धारा 41 का नोटिस जारी करके रिहा किया गया है। पुलिस का कहना है कि गिरफ्तारी संज्ञेय अपराध पाए जाने पर ही की जाती है।
पुलिस की कार्रवाई संतोषजनक नहीं
ऑपइंडिया ने SHO से यह जानना चाहा कि OCI कार्ड धारक को क्या मिशनरी गतिविधि में शामिल होने का अधिकार है? इस सवाल के जवाब पर SHO ने कहा कि पुलिस को मौके से ऐसा कोई भी सबूत नहीं मिला, जिससे यह कहा जा सके कि घटनास्थल पर धर्मान्तरण जैसा कुछ चल रहा था।
थाना प्रभारी शुभ्रांशु के मुताबिक, मामले में आगे की जाँच चल रही है। हालाँकि कलिंगा राइट फोरम पुलिस की दलीलों से संतुष्ट नहीं है। फोरम ने पुलिस पर आरोपितों को बचाने का आरोप लगाते हुए ऑपइंडिया को बताया कि वह पूरी साजिश का पर्दाफाश करेगी।