‘जहाँगीरपुरी में हिन्दू महिलाओं का रेप और पुलिस से मारपीट आम’: स्थानीय का दावा – ममता बनर्जी के चुनाव में फंडिंग करते हैं बांग्लादेशी

जहाँगीरपुरी दंगों को लेकर स्थानीय व्यक्ति दिनेश ने किए अहम खुलासे

दिल्ली के जहाँगीरपुरी में हनुमान जन्मोत्सव के दिन हुई हिंसा के बाद दिल्ली पुलिस कार्रवाई में जुटी है। शोभा यात्रा निकाल रहे हिन्दू श्रद्धालुओं पर इस्लामी भीड़ ने पत्थरबाजी और गोलीबारी की। हिंसा में कई लोग और पुलिसकर्मी घायल हुए। अब तक 21 गिरफ्तारियाँ हो चुकी हैं। ऑपइंडिया ने इस हिंसा को लेकर स्थानीय लोगों से बातचीत की। जहाँगीरपुरी के H ब्लॉक में रहने वाले दिनेश ने बताया कि उन्होंने इस घटना के बारे में जाना-समझा है और ये नई नहीं है।

उन्होंने कहा कि जहाँगीरपुरी में इससे बड़ी-बड़ी घटनाएँ होती आई हैं और मीडिया में इसकी चर्चा तक नहीं होती। उन्होंने बताया कि कैसे छोटे-छोटे बच्चे हिन्दू महिलाओं को परेशान करते हैं। उन्होंने इलाके में कई हिन्दू महिलाओं का रेप होने का भी दावा किया। उन्होंने कहा कि शिकायत करने पर थाने में पुलिस वाले जबरन उनलोगों को ही परेशान करने लगते हैं। उन्होंने दावा किया कि कुछ दिनों पहले एक महिला का 15 दिनों तक बलात्कार हुआ था।

दिनेश ने बताया, “वो महिला हिन्दू थीं, जबकि बलात्कार आरोपित मुस्लिम थे। थाने के सामने उस महिला को आरोपितों ने मारा-पीटा। मुस्लिम बहुल इलाका होने के कारण उस महिला को वहाँ से घर बेच-बाच कर निकलने को मजबूर कर दिया है। एक अन्य लड़की के बलात्कार का मामला है। जहाँगीरपुरी पुलिस पर हमें भरोसा नहीं, इसीलिए नाम नहीं लूँगा। उस लड़की के परिवार को भी यहाँ से बाहर निकलना पड़ा। कोई FIR तक दर्ज नहीं की गई।”

उन्होंने अफ़सोस जताया कि ऐसी पीड़ितों की मदद भी कैसे की जा सकती है, जो डर और प्रताड़ना के कारण जगह छोड़ कर ही चले गए हैं। उन्होंने बताया कि 4-5000 रुपए छीने जाने के एक मामले में आरोपित ने पुलिस पर ही पिस्तौल तान दी, ये 5-6 महीने की बात है। उन्होंने याद दिलाया कि जहाँगीरपुरी में कभी मुहर्रम पर कोई खतरे की बात सामने नहीं आई जबकि वहाँ हर साल इसके जुलूस निकलते हैं, क्योंकि हिन्दू लोगों ने कभी कोई दिक्कत नहीं की।

उन्होंने हिन्दू श्रद्धालुओं पर पत्थरबाजी की घटनाओं को एक साजिश करार देते हुए कहा कि जहाँगीरपुरी में पुलिसकर्मियों को कई बार मारा-पीटा गया है। उन्होंने नेत्रपाल नाम के एक पुलिस अधिकारी का नाम लिया, जिसे यहाँ सट्टा बाजार चलाने वाले एक व्यक्ति ने मारा-पीटा था। उन्होंने बताया कि यहाँ के ‘मछली बाजार’ को कोरोना के दौरान भी खुला रखा गया और पुलिस तक लॉकडाउन के दिशानिर्देशों का पालन नहीं कराया गया।

इलाके में अपराध की घटनाओं की बात करते हुए उन्होंने कहा कि छोटे-छोटे बच्चे चाकूबाजी की घटनाओं को अंजाम देते हैं। एक घटना के बारे में उन्होंने बताया कि लड़के ने जबरन एक हिन्दू लड़की से चाकू के बल पर शादी कर ली और उसका रेप किया था। पुलिस ने कोई उम्मीद न होने की बात कहते हुए उन्होंने माँग की कि उचित कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि जब पुलिस बात ही नहीं सुनती है, तो किस्से गुहार लगाई जाए।

उन्होंने कहा, “यहाँ अधिकतर बांग्लादेशी हैं और पुलिस उन सबसे बहुत डरती है। इन पर हाथ डालने से डरती है पुलिस। पुलिस वालों को दौड़ा-दौड़ा कर मारते हैं ये। अधिकतर झुग्गियों में रहते हैं। कई ऐसे हैं, जिन्होंने दो नंबर के धंधे कर के बड़ी संपत्ति अर्जित कर ली है। एजेंसियों को इसकी जाँच करनी चाहिए। ये लोग ममता बनर्जी को चुनाव लड़वाने के लिए पश्चिम बंगाल भी गए थे।” अब देखना ये है कि पुलिस इस्लामी दंगे के कितने गुनहगारों को सज़ा दिला पाती है।

राहुल पाण्डेय: धर्म और राष्ट्र की रक्षा को जीवन की प्राथमिकता मानते हुए पत्रकारिता के पथ पर अग्रसर एक प्रशिक्षु। सैनिक व किसान परिवार से संबंधित।