असम को ठिकाना बना ‘डॉ. बम’ बड़े शहरों को बनाता निशाना, पाकिस्तान जाने की भी थी प्लानिंग

बड़े शहरों को निशाना बनाना चाहता था आतंकी जलीस अंसारी (फाइल फोटो)

परोल पर जेल से बाहर निकला आतंकी जलीस अंसारी उर्फ डॉ. बम जनवरी में मुंबई से फरार हो गया था। उसे उत्तर प्रदेश के कानुपर से पकड़ा गया था। सुरक्षा एजेंसियों की पूछताछ में उसके खतरनाक मंसूबे सामने आए हैं। उसने बताया है कि वह असम को ठिकाना बनाकर देश के कई बड़े शहरों को निशाना बनाना चाहता था। इतना ही नहीं वह पाकिस्तान जाने की भी फिराक में था। उसकी योजना वहॉं नाम और पहचान बदकर शिक्षक के रूप में कुछ समय तक रहने की थी।

मुंबई की एक जेल में बंद आतंकी जलीस से पूछताछ करने के लिए लखनऊ से एनआईए टीम मुंबई पहुँची। कोर्ट से आदेश मिलने के बाद मुंबई एनआईए टीम के साथ लखनऊ टीम ने आतंकी जलीस से जेल में पूछताछ की। आतंकी ने पूछताछ में एजेंसी के अधिकारियों को बताया कि वह अपना नाम और पहचान बदलने के बाद कुछ समय तक टीचर बनकर पाकिस्तान में रहने वाला था। उसके बाद वहाँ से वह वापस असम आ जाता। यहाँ पर उसके सम्पर्क सूत्रों ने पूरी तैयारी करने का आश्वासन दे रखा था। असम में एक गुप्त ठिकाने पर वह अपना अड्डा बनाता और सम्पर्क सूत्रों के माध्यम से देश के बड़े शहरों में आतंकी घटनाओं की योजना बनाई जाती।

एक अधिकारी ने पूछा कि ठिकाने के रूप में असम ही क्यों? आतंकी ने जवाब दिया कि वहाँ पर प्रतिबंधित संगठनों के लिए काम करना आसान है। वर्तमान समय में वहाँ सुरक्षा बहुत ज्यादा सख्त नहीं है और आसानी से योजनाओं को अंजाम देने का उसे मौका मिल जाता है।

90 के शुरूआती दशक से अब तक 50 से ज्यादा जगहों पर बम धमाके कर चुके जलीस को 17 जनवरी को यूपी के कानपुर से गिरफ्तार किया गया था। वह वर्ष 1993 में मुंबई में हुए सीरियल ब्लास्ट मामले में उम्रकैद की सजा काट रहा था। उसे अजमेर जेल से 21 दिन के परोल पर छोड़ा गया था। इसी बीच वह अचानक गायब हो गया था।

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अंसारी को बम बनाने में महारत हासिल है। इसके कारण उसे डॉ. बम भी कहते हैं। वह सिमी और इंडियन मुजाहिदीन जैसे आतंकवादी संगठनों से जुड़ा था और उन्हें बम बनाना सिखाता था।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया