Thursday, April 25, 2024
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दिल्ली को दहलाना चाहता था जलीस अंसारी, 20 लोगों का तैयार किया था दस्ता: ATS के सामने खोले राज

‘डॉ. बम’ के नाम से कुख्यात अंसारी को 17 जनवरी को यूपी के कानपुर से पकड़ा गया था। वह परोल पर अजमेर की जेल से निकला था। परोल खत्म होने से ठीक पहले वह मुंबई से फरार हो गया था।

50 से ज्यादा धमाकों में शामिल रहा आतंकी जलीस अंसारी मुंबई एटीएस की पूछताछ में नए-नए राज उगल रहा है। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार देश की राजधानी दिल्ली भी उसके निशाने पर थी। कनाट प्लेस, करोलबाग सहित साउथ इलाकों के कुछ इलाकों की उसने रेकी भी कर रखी थी। ‘डॉ. बम’ के नाम से कुख्यात अंसारी को 17 जनवरी को यूपी के कानपुर से पकड़ा गया था। वह परोल पर अजमेर की जेल से निकला था। परोल खत्म होने से ठीक पहले वह मुंबई से फरार हो गया था।

मुंबई में सिलसिलेवार धमाकों के दोषी इस आतंकी को जब 19 जनवरी को एसटीएफ अधिकारी लखनऊ के अमौसी एयरपोर्ट से ले जा रहे थे तब उसने देश की कानून-व्यवस्था को कमजोर बताते हुए कहा था कि उसका कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता। उसने कहा था कि अब तक उसने 65 से ज्यादा धमाके किए, लेकिन पुलिस केवल 3 मामलों में उस पर आरोप सिद्ध कर पाई।

जलीस को 1995 में दिल्ली से ही पकड़ा गया था। हिन्दुस्तान की रिपोर्ट के अनुसार उसने अपने दम पर दिल्ली को दहलाने का प्लान बनाया था। लेकिन, उसके गुट के लोगों तक सीबीआई पहुॅंच गई और उसके मंसूबे विफल हो गए थे। गिरफ्तारी से बचने के लिए उसने पाकिस्तान, दुबई और नेपाल में अपने आकाओं से संपर्क भी किया था। मुंबई एटीएस को उसने बताया कि उसने कुछ युवाओं को बम बनाने की सामग्री और कुछ को उपकरण इकट्ठा करने का का काम दिया था। 20 लोगों को चिह्नित जगहों की रेकी सौंपी थी। लेकिन, इनमें से कुछ सीबीआई के हत्थे चढ़ गए और जलीस का भेद खुल गया।

एटीएस को जलीस ने बताया कि सूचना लीक करने वाले का पता लगाने की उसने बहुत कोशिश की। जेल से भी अपने कुछ लोगों को इस काम पर लगाया था। लेकिन, उसके बारे में वह अब तक कुछ जान नहीं पाया है।

कानपुर से गिरफ्तारी के बाद जलीस ने अधिकारियों से कहा था, “कोई भी बड़ा आतंकी मेरे बिना कुछ नहीं हैं। जेल में रहकर जो मैं कर सकता हूँ, वह कोई संगठन बाहर रहकर भी नहीं कर सकता।” उसने यह भी दावा किया था कि ‘डेंजरस माइंड’ नामक किताब उसके ऊपर ही है। अगर वे इसे पढ़ेंगे तो उन्हें कई तथ्यों के बारे में जानकारी मिल जाएगी। बता दें कि डेंजरस माइंड किताब को हुसैन जैदी ने लिखा है। हुसैन जैदी मुंबई के रहने वाले और लंबे समय तक उन्होंने अंडरवर्ल्ड समेत आतंकवाद पर बहुत काम किया है।

अंसारी ने बताया था कि मुंबई से भागकर कानपुर वह अपने दो दोस्तों से मिलने आया था। इनमें से एक का इंतकाल हो चुका था और दूसरा अब वहॉं नहीं रहता था। इसके बाद पुलिस को झॉंसा देने के लिए वह एक बच्चे को साथ लेकर मस्जिद से निकल रहा था जब उसे दबोच लिया गया।

मुंबई से नमाज पढ़ने निकला था ‘डॉ. बम’, कानपुर की मस्जिद से निकलते धराया
नमाज के लिए निकला ‘डॉ. बम’ लापता, परोल पर बाहर था मुंबई धमाकों का गुनहगार
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ऑपइंडिया स्टाफ़
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