‘ये जामिया है, यहाँ शाकाहारी नहीं मिलेगा’: छात्र ने यूनिवर्सिटी कैंटीन में माँगा वेज सैंडविच, दिया चिकन वाला; ABVP का दावा- शिकायत भी नहीं सुनी

जामिया की कैंटीन में शाकाहारी छात्र को नॉन-वेज सैंडविच देने का आरोप (फोटो साभार: thevioletjourno)

दिल्ली की जामिया मिलिया इस्लामिया (Jamia Millia Islamia) की सेंट्रल कैंटीन में शाकाहारी छात्र को कथित तौर पर नॉनवेज सैंडविच परोसने का मामला सामने आया है। कैंटीन स्टाफ से शिकायत करने पर जवाब मिला कि कैंटीन में शुद्ध शाकाहारी खाना नहीं मिलता है। यह मामला अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) की जामिया मिलिया की इकाई ने उठाया है।

एबीवीपी की जामिया इकाई ने 19 जुलाई 2022 को किए एक ट्वीट में कहा है, “आज सेंट्रल कैंटीन में एक शाकाहारी छात्र को वेज सैंडविच की जगह नॉन-वेज सैंडविच परोसा गया। जब इसकी शिकायत की गई तो उसे बताया गया कि ये जामिया है, यहाँ आपको शुद्ध शाकाहारी खाना नहीं मिलेगा।”

फोटो साभार: ABVP का ट्विटर

जामिया एबीवीपी से जुड़े एक छात्र ने पहचान उजागर नहीं किए जाने की शर्त पर बताया, “सेंट्रल कैंटीन में एक शाकाहारी छात्र को वेज सैंडविच की जगह नॉन वेज सैंडविच दिया गया और शिकायत करने पर माफी तक नहीं माँगी। कर्मचारियों ने दावा किया कि चिकन के टुकड़े गलती से सैंडविच में चले गए होंगे। कैंटीन के मालिक को बार-बार फोन किया गया, लेकिन उसने फोन नहीं उठाया। कैंटीन के कर्मचारियों ने तो यहाँ तक कह दिया कि यह आरएसएस का एजेंडा है।”

छात्र ने पूछा, “वहाँ मौजूद अन्य छात्रों ने भी देखा कि सैंडविच के अंदर चिकन के टुकड़े थे। सेंट्रल कैंटीन में अलग से शाकाहारी खाने का काउंटर क्यों नहीं है? विश्वविद्यालय में शाकाहारी छात्र ऐसी घटनाओं से कब तक परेशान होते रहेंगे? कैंटीन का ठेका देने से पहले मालिकों को शाकाहारी भोजन के लिए अलग काउंटर रखने के लिए क्यों नहीं कहा जाता है? शाकाहारी और मांसाहारी भोजन के लिए एक ही बर्तन का उपयोग क्यों किया जाता है?”

छात्र ने अनुरोध किया कि विश्वविद्यालय के कुलपति इस मामले की जल्द से जल्द जाँच करें। वह या तो कैंटीन का टेंडर रद्द करें, या फिर उचित कार्रवाई करें ताकि किसी भी अन्य शाकाहारी छात्र को इस तरह से मांसाहारी भोजन ना परोसा जाए।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया