कथित ईशनिंदा के विरोध की आड़ में घाटी में अराजकता फैलाने वालों पर हमारी कड़ी नजर, इकट्ठा कर रहे हैं सबूत: जम्मू-कश्मीर डीजीपी

NIT श्रीनगर में हिन्दू छात्र पर ईशनिंदा के आरोप के बाद प्रदर्शन (चित्र साभार- वायरल वीडियो स्क्रीनशॉट)

जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में NIT (नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी) के छात्रों ने एक हिन्दू छात्र पर ईशनिंदा का आरोप लगाते हुए प्रदर्शन किया था। उनका आरोप था कि छात्र ने सोशल मीडिया पर पैगंबर मोहम्मद का अपमान किया है। प्रदर्शन के दौरान ‘लब्बैक या रसूल अल्लाह’ के नारे भी लगे थे और इस प्रदर्शन को पाकिस्तानी हैंडलों से भी हवा दी गई थी।

इसको लेकर जम्मू-कश्मीर के डीजीपी आरआर स्वैन का कहना है, “हमने सभी पहलुओं पर कानूनी कार्रवाई की है। मामले दर्ज कर लिए गए हैं और जाँच चल रही है। हम इस पर नजर रख रहे हैं और सबूत इकट्ठा कर रहे हैं। इस विरोध के बहाने कुछ और करने की कोशिश की जा रही है। उन पर भी हमारी नजर है और उनके खिलाफ भी सबूत इकट्ठा कर रहे हैं।”

डीजीपी ने कहा, “हमने तय किया है कि CrPC की धारा 144 के तहत सरसरी तौर पर एक कानून लाएँगे, जिसमें किसी किस्म का कंटेंट, मैसेज, वीडियो, ऑडियो… जिससे कम्युनल सेंसिटिविटी खत्म हो जाएगी या किसी को डराया जाएगा, धमकाया जाएगा… वो चाहे टेररिस्ट-सेपरेटिव्स की से हो या दहशत पंसद की तरफ से हो, ऐसे कंटेंट को पोस्ट करना कानून जुर्म हो जाएगा।”

उन्होंने आगे कहा, “पोस्ट करने वाले को जरूर हम कानून के दायरे में लाएँगे और उसको फॉर्वर्ड-शेयर करना भी कानूनन जुर्म हो जाएगा। कोई अगर ये कहे कि साब किसी ने इनोसेंटली मुझे भेज दिया, मैं क्या करूँ तो उसके जवाब में ये रहेगा कि साब अब आपको, आपके बगैर इजाजत के अगर किसी ने इस तरह के ऑब्जेक्शनेबल वीडियो, ऑडियो, मैसेज, टेक्स्ट भेजा तो आप नजदीकी थाने में जाकर कह सकते थे कि मैं नहीं चाहता था कि ये मैसेज मेरे फोन में आए। ये पता नहीं कि किसने और कहाँ से भेजा है।”

डीजीपी स्वैन ने कहा, “आप ये इन्फॉर्मेशन अपनी तरफ से थाने में दे दीजिएगा। इसके बाद आप क्रिमिनल लायब्लिटी के बाहर हो जाएँगे। लेकिन, अगर आप जानते हैं कि ये ये ऑडियो-वीडियो या टेक्स्ट माहौल को खराब करने वाले किसी टेटरिस्ट-सेपरेटिब्स नेटवर्क है या कोई ऐसा है जो दंगा-फसाद कराना चाहता है या पैगंबर साहब की इज्जत को ठेस पहुँचाने वाला काम करता है या कम्युनिली सेंसिटिव चीजों को पोस्ट करता है और आगे आप उसे फॉरवर्ड करते हो तो यह कानून जुर्म बन जाएगा।”

फिर खाली उसी बुनियाद पर कार्रवाई करने के लिए कानून हमें इजाजत देगी। हम उसको कोर्ट में पेश करेंगे और उसके खिलाफ कार्रवाई होगी। यकीनन ऐसे लोगों को हम इंडेक्स करके रखेंगे ताकि उनको हर हालत में, हर स्टेज में उनको पता रहे कि उन्होंने ये गलत काम किया है। ऐसे करने से ही लोगों के मन भय पैदा होता है। क्योंकि कुछ चंद लोग इसका फायदा लेते हैं और अपनी रोटी सेंकते हैं।”

दरअसल, कॉलेज में 28 नवंबर 2023 को पैगंबर मोहम्मद के कथित अपमान को लेकर श्रीनगर के NIT में बवाल और प्रदर्शन हुआ था। इसके बाद पुलिस ने आरोपित छात्र के खिलाफ FIR दर्ज कर ली। साथ ही आरोपित को इंस्टिट्यूट से सस्पेंड करते हुए आने वाले सेमेस्टर के लिए अयोग्य घोषित कर दिया गया है।

दरअसल, यहाँ पढ़ने वाले एक छात्र (जो हिंदू है) ने इस्लाम के नबी पैगंबर मोहम्मद के विरुद्ध आपत्तिजनक वीडियो अपने व्हाट्सएप स्टेस्ट्स और इंस्टाग्राम पर डाला था। इसके उलट हालाँकि सोशल मीडिया पर कई लोग उस वीडियो का स्क्रीनशॉट लगा कर यह दावा कर रहे हैं कि वो वीडियो हमास के संस्थापक के बेटे का है, खुद आरोपित लड़के ने अपनी ओर से कोई बात नहीं कही है।

सोशल मीडिया में आरोपित लड़के से संबंधित जिस स्क्रीनशॉट को शेयर किया जा रहा है, उसके अनुसार इस वीडियो में हमास संस्थापक का बेटा इस्लाम के बारे में कुछ बता रहा है। कट्टर मुस्लिमों ने इसे पैगंबर मोहम्मद की आपत्ति से जोड़ दिया, ईशनिंदा का आरोप लगा दिया। ऊपर के सोशल मीडिया पोस्ट में आरोपित लड़के और उसकी मुस्लिम गर्लफ्रेंड के बारे में भी लिखा गया है। नेटिजन्स इस पर भी बात कर रहे हैं कि स्थानीय कट्टर मुस्लिम भीड़ को इस बात से दिक्कत है कि एक हिंदू लड़के की गर्लफ्रेंड मुस्लिम क्यों?

ईशनिंदा की बात सुन कट्टर मुस्लिमों की भीड़ जुट गई। कुछ ही देर में इस वीडियो को ईशनिंदा बताते हुए श्रीनगर NIT के तमाम मुस्लिम छात्र ‘लब्बैक या रसूल अल्लाह’ (रसूल अल्लाह हम तेरे लिए हाजिर हैं) का नारा लगाते हुए प्रदर्शन करने लगे।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया