बच्चे, बच्चियाँ, किन्नर, महिलाएँ, पुरुष – 40+ रेप करने वाले सिकंदर खान उर्फ जीवाणु को उम्रकैद, कहा – मुखबिर को मार डालूँगा

जीवाणु को कोर्ट ने समाज के लिए बताया खतरा (फोटो साभार: दैनिक भास्कर)

राजस्थान में एक बलात्कारी को उसकी प्राकृतिक मृत्यु तक कारावास की सज़ा सुनाई गई है। सिकंदर खान उर्फ़ जीवाणु पर आरोप है कि उसने 40 से भी अधिक बच्चों व वयस्कों का बलात्कार किया है। चौंकाने वाली बात ये है कि पीड़ितों में बालक-बालिकाएँ और महिलाएँ, सभी ही शामिल थे। वो एक सीरियल रेपिस्ट है। 2019 में जयपुर के शास्त्री नगर और भट्टा बस्ती में 4 व 7 साल की दो बच्चियों के बलात्कार कर के वो कोटा भाग गया था।

लेकिन, कमिश्नरेट की टीम ने उसे धर-दबोचा और महज 23 दिनों में जाँच पूरी करने के बाद उसका चालान पेश किया गया। कोर्ट में उसके खिलाफ कुल 36 गवाहों के बयान दर्ज किए गए। पुलिसकर्मियों दिनेश यादव और मोहम्मद मरगुब ने उसकी करतूतों का खुलासा किया था, जिन्हें आउट ऑफ टर्न प्रमोशन भी दिया गया। जून 2019 में दो बच्चियों के साथ बलात्कार के बाद शहर मे स्थिति तनावपूर्ण थी और उसकी गिरफ़्तारी के लिए प्रदर्शन भी हुए थे।

इस मामले में जब पूछताछ भी मुश्किल हो रही रही, तब कई टीमों का गठन कर के पुलिस ने आरोपित सिकंदर खान उर्फ जीवाणु की गिरफ़्तारी के लिए भेजा। उसे कोटा में पकड़ा गया। POCSO कोर्ट ने शुक्रवार (नवंबर 27, 2020) को उसे आजीवन कारावास और 3.11 लाख रुपए की सजा सुनाई। उसने पूछताछ में बताया कि जयपुर में अखबारों में अपनी सीसीटीवी फुटेज देखने के बाद वो वहाँ से फरार हो गया था।

बीच में उसने 20 हजार रुपए की लूट को भी अंजाम दिया। हालाँकि, पुलिस ने उसके मोबाइल लोकेशन के आधार पर उसे पकड़ लिया। उसने खुलासा किया कि वो कई खानाबदोश महिलाओं को झाँसा देकर उनके साथ बलात्कार कर चुका है। साथी कीटाणु (रफीक) के साथ मिल कर उसने लूट और चेन छीनने की कई घटनाओं को अंजाम दिया था। उसने ये भी धमकाया था कि उसकी सूचना देने वाले को वो जेल से निकलते ही मौत के घाट उतार देगा।

मेडिकल जाँच में ये भी पता चला है कि वो एड्स जैसी बीमारी से जूझ रहा है। उसने 40 से अधिक किन्नर, महिलाएँ, पुरुष, खानाबदोश, बच्चे – इन सभी से बलात्कार करने की बात कबूली थी। 2004 में एक बच्चे के साथ बलात्कार के मामले में पहले ही उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। पिछले साल 7 साल की बच्ची को बाइक से अमीनाशाह ले जाकर उसने बलात्कार किया था और फिर उसे वापस घर छोड़ दिया था।

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लेकिन, कोर्ट ने टिप्पणी की कि ये मामला ‘Rarest Of Rare’ में नहीं आता है, इसीलिए उसे फाँसी की सजा नहीं दी जा रही है। लेकिन, साथ ही कहा कि ऐसे अपराधियों को आजीवन समाज से दूर रखा जाना चाहिए, इसीलिए उसे मृत्यु तक जेल कि सजा दी जा रही है। कोर्ट में उसके खिलाफ 111 दस्तावेज पेश किए गए। उसके घर से उसकी एक पेंटिंग मिली थी, जिसमें उसने खुद को ‘मौत का कहर’ बता रखा था। वो अपने साथ खिलौने वाली बन्दूक भी रखता था, जिसका इस्तेमाल कर के वो बच्चों को डराता था

इस पर कोर्ट ने अभियोजन के अधिवक्ता एमएस किशनावात को 3 अगस्त को केस से संबंधित साक्ष्य पेश करने के लिए कहा था कि वो पॉक्सो एक्ट के अपराध, चोरी, हत्या व दुष्कर्म जैसे अपराध करने का आदी है। सिंकदर उर्फ़ जीवाणु पर पॉक्सो कोर्ट ने आईपीसी की धारा-323, 341, 363, 376, 376 एबी और पॉक्सो की धारा 3,4,5,6 में आरोप तय किए थे। शास्त्री नगर थाना पुलिस ने 24 जुलाई 2019 को चार्जशीट दाख़िल की थी। 

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया