झारखंड के गिरिडीह में पथराव के बाद दहशत में हिंदू, 150 मकान-दुकान पर लगे ‘बिक्री’ के पोस्टर: पुलिस ने एकतरफा कार्रवाई के आरोपों को नकारा

गिरिडीह में हिंदुओं ने मकान-दुकान पर लगाए 'बिक्री के लिए' के पोस्टर (चित्र साभार- @Sourabhsagarmi4)

झारखंड के गिरिडीह में पचंबा थाना क्षेत्र के हटिया रोड पर करीब 150 मकान-दुकानों पर ‘बिक्री है’ के पोस्टर लगे हैं। ये मकान-दुकान हिंदुओं के बताए जा रहे। रिपोर्टों के अनुसार 12 जून 2022 की रात पथराव की घटना के बाद पुलिस की एकतरफा कार्रवाई ने हिंदुओं को पलायन के लिए मजबूर किया है। हालाँकि पुलिस ने इन आरोपों को नकार दिया है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक 12 जून को छेड़खानी को लेकर दो समुदायों के बीच विवाद हुआ था। विवाद बढ़ने पर पथराव शुरू हो गया। भारी पुलिस बल ने हालत को काबू किया था। इसके अगले दिन सोमवार (13 जून 2022) को पुलिस ने 2 नाबालिगों सहित कुल 7 को गिरफ्तार कर हजारीबाग रिमांड होम और गिरिडीह जेल भेज दिया। इस कार्रवाई को हिन्दुओं ने एकतरफा बता कर पलायन का एलान किया है।

स्थानीय निवासियों का कहना है कि वे आए दिन होने वाली छेड़छाड़, पत्थरबाजी और विरोध करने वालों पर होने वाली FIR की घटनाओं से परेशान हैं। उन्होंने कहा कि गुनाहगार आराम से घूम रहे हैं, जबकि बेगुनाह जेल भेजे जा रहे हैं। पुलिस पर एकतरफा कार्रवाई का आरोप लगाते हुए स्थानीय लोगों ने बुधवार (15 जून 2022) को धरना भी दिया। धरने में शामिल लोगों के मुताबिक उन लोगों पर भी केस दर्ज हो गए हैं जो पथराव के दौरान अपनी दुकानों और घरों को बचाने की कोशिश कर रहे थे।

भारतीय जनता मजदूर ट्रेड यूनियन गिरिडीह के जिलाध्यक्ष सौरभ मिश्रा ने लिखा है, “झारखंड राज्य के गिरिडीह जिला के पचंबा में मुस्लिमों से परेशान होकर बहुसंख्यक समुदाय के निवासी दहशत में हैं। आलम यह है कि उन्होंने अपने दुकान और मकान पर बेचने का बोर्ड लगा कर यहाँ से भागने विचार कर लिया है।”

वहीं गिरिडीह पुलिस ने इन आरोपों को नकार दिया है। पुलिस के मुताबिक FIR CCTV फुटेज के आधार पर दर्ज की गई है। गिरिडीह के पुलिस अधीक्षक अमित रेणु ने कहा, “धरना दे रहे लोगों से बातचीत के लिए अधिकारी नियुक्त कर दिए गए हैं। एकतरफा कार्रवाई के आरोप निराधार हैं। मामले में शामिल अन्य आरोपितों की भी गिरफ्तारी के लिए निर्देश जारी किए गए हैं।”

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया