एक से शादी, एक को मार कर जंगल में फेंका, कई को बेचा: ST बन जनजातीय लड़कियों को फँसाता था अरबाज आलम, बीवी भी करती थी मदद

पुलिस की गिरफ्त में अरबाज आलम और उसकी बीवी

झारखंड के साहिबगंज में जनजातीय युवती सुशीला हांसदा की हत्या मामले में गिरफ्तार अरबाज आलम को लेकर चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। रिपोर्ट के अनुसार वह कई जनजातीय लड़कियों को अलग-अलग शहरों में बेच चुका है। इन लड़कियों को वह खुद को ST बताकर प्रेमजाल में फँसाता था। उसकी बीवी रेहिना भी जनजातीय वर्ग से ही आती है। निकाह से पहले उसका नाम मिसलता टुडू था। बताया जाता है कि अरबाज के अपराधों में वह भी मददगार रही है।

12 जनवरी 2022 को 26 साल की सुशीला की जली हुई लाश जंगल में मिली थी। करीब 14 महीने बाद इस मामले में अरबाज, उसकी बीवी सहित चार को गिरफ्तार किया गया था। यह बात सामने आई थी कि सुशीला को अरबाज बेचना चाहता था। जब इसकी भनक सुशीला को लग गई तो उसने पहले उसकी हत्या कर दी। फिर जंगल में लाश को ठिकाने लगा दिया।

दैनिक जागरण की रिपोर्ट के अनुसार अरबाज ने पुलिस के आगे अपना गुनाह कबूल किया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक जनजातीय लड़कियों को अपने जाल में फँसाने के लिए अरबाज कई हथकंडे अपनाता था। खुद को लड़कियों के समुदाय का ही बताता था। इसके लिए वह सोशल मीडिया का भी प्रयोग करता था। उसने कई फर्जी नाम से प्रोफाइल बना रखे थे। अब तक पुलिस को उसके आर्यन मुर्मू, आर्यन सोरेन और आर्यन हेंब्रम जैसे नाम रखने की जानकारी मिली है। पुलिस के मुताबिक अरबाज की बीवी रेहिना उर्फ मिसलता अपने शौहर के गलत कामों में पूरा साथ दिया करती थी।

रेहिना उर्फ मिसलता शादीशुदा और बाल-बच्चेदार थी। उसने अपने पति और बच्चों को छोड़ कर अरबाज से शादी की थी। शादी बाद अरबाज ने उसका नाम बदल दिया। धीरे-धीरे वह अरबाज के अपराधों में भी शरीक हो गई। फिलहाल वह भी पुलिस की गिरफ्त में है। सुशीला भी शादीशुदा थी जो अपने पति से अलग रहा करती थी। अरबाज ने सुशीला से भी शादी का वादा किया था।

जाँच के दौरान झारखंड पुलिस ने अरबाज द्वारा पहले से बेची गई 2 जनजातीय लड़कियों को आज़ाद भी करवाया है। दोनों को उत्तर प्रदेश के बरेली में उनसे कहीं अधिक उम्र के लोगों के हाथ बेच दिया गया था। बचाई गई एक लड़की दुमका जिले की है तो दूसरी गोड्डा की। सुशीला का वह 50 हजार रुपए में सौदा करने की फिराक में था।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया