छात्रों के एक गुट के कारण हजारों की पढ़ाई अधर में, JNU ने जारी की अपील- क्लास में लौटें प्रदर्शनकारी

जेएनयू में हॉस्टल फी बढ़ाने का आरोप लगा कर छात्र सड़कों पर उतर आए हैं (फोटो साभार: HT)

जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी ने उपद्रवी छात्रों के लिए अपील जारी की है। जेएनयू ने अपने बयान में कहा है कि छात्रों के एक गुट के कारण हजारों अन्य छात्रों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। जेएनयू में वामपंथी छात्र संगठन के कई छात्र सड़कों पर उतरे हुए हैं। इस दौरान उन्होंने पुलिस के साथ झड़प की। पुलिस को छात्रों को तितर-बितर करने के लिए वाटर कैनन का इस्तेमाल करना पड़ा। दीक्षांत समारोह के दौरान जब उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू यूनिवर्सिटी कैम्पस में समारोह को सम्बोधित कर रहे थे, तब भी बाहर छात्रों ने ख़ासा उपद्रव किया। केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक का भी रास्ता रोकने की कोशिश की गई।

वहीं अब जेएनयू प्रशासन उन छात्रों के लिए चिंतित है, जिन्हें समय पर पढ़ाई पूरी करनी है। कुछेक छात्रों के कारण हजारों छात्रों को तकलीफों का सामना करना पड़ रहा है। जेएनयू ने अपने बयान में कहा:

“छात्रों के एक गुट द्वारा लगातार किए जा रहे विरोध प्रदर्शन के कारण हजारों छात्रों को दिक्कतें आ रही हैं। ये छात्र समय पर अपनी पढ़ाई और कोर्स पूरा करना चाहते हैं। वो यूनिवर्सिटी के अकादमिक कार्यक्रमों में हिस्सा लेते हुए कोर्स पूरा करने की दिशा में बढ़ना चाहते हैं। जेएनयू सभी प्रदर्शनकारी छात्रों से निवेदन करता है कि वो अपने-अपने क्लास में लौट आएँ। इस विरोध प्रदर्शन के कारण पहले ही कोर्स पीछे चला गया है, छात्रों के लौटते ही उसे जल्द से जल्द पूरा किया जा सकेगा।”

जेएनयू ने बताया कि अकादमिक काउंसिल और एग्जीक्यूटिव काउंसिल द्वारा नया अकादमिक कैलेंडर जारी कर दिया गया है। जेएनयू प्रशासन ने कहा कि छात्रों के प्रदर्शन की वजह से यूनिवर्सिटी के कैलेंडर में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा और समय-सीमा में किसी प्रकार की ढील नहीं दी जाएगी। यानी जेएनयू ने बता दिया है कि उपद्रवी छात्रों के सामने झुकते हुए अकादमिक कैलेंडर में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा और फॉर्म भरने सहित अन्य प्रक्रियाओं के लिए तय समय-सीमा के तहत ही कार्य होगा।

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छात्रों के विरोध प्रदर्शन के कारण जेएनयू के डीन उमेश कदम की तबियत बिगड़ गई थी। नारेबाजी के कारण प्रोफेसर कदम की तबियत बिगड़ गई, जिसके बाद उन्हें एम्बुलेंस से अस्पताल ले जाया गया। एम्बुलेंस के रास्ते में भी छात्र लगातार नारेबाजी करते रहे। इस दौरान प्रोफेसर के बीवी-बच्चे भी वहीं मौजूद थे। इसी तरह छात्राओं ने एक महिला प्रोफेसर के कपड़े फाड़ने का प्रयास किया। महिला पत्रकार के साथ भी छात्रों ने बदतमीजी की। वामपंथी छात्र नेताओं में कैम्पस में सरकार द्वारा सीआरपीएफ के जवानों को तैनात किए जाने की झूठी अफवाह भी फैलाई। वामपंथी छात्रों ने स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा के साथ भी छेड़छाड़ की और उनका अपमान किया।

बता दें कि जेएनयू में छात्र अब तक मात्र 10 प्रतिमाह रुपए देकर हॉस्टल में रहते आए हैं। उन्हें मात्र 20 रुपए में हॉस्टल में सिंगल रूम मिल जाता है। जेएनयू जहाँ स्थित है, वहाँ आसपास के इलाक़ों में आम कमरों का किराया काफ़ी ज्यादा है। पूरा बवाल इसी को लेकर किया गया गया कि हॉस्टल फी को बढ़ा कर 300 रुपए और 600 रुपए प्रतिमाह कर दिया गया। इसे मीडिया में हजारों प्रतिशत की बढ़ोतरी बता कर पेश किया गया। साथ ही छात्रों को उनके द्वारा प्रयोग किए जाने वाले बिजली-पानी का बिल भरने को कहा गया, जिससे वो सड़क पर उतर आए।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया