JNU हिंसा में धरे गए वामपंथी, 9 की तस्वीर जारी: AISA, AISF, DSF, SFI के कई रंगरूट

रविवार (जनवरी 5, 2019 को जवाहर लाल नेहरू विश्विद्यालय (JNU) में हुई हिंसा का खुलासा हो गया है। क्राइम ब्रांच के डीसीपी ने हिंसा का खुलासा करते हुए 4 लेफ्ट ग्रुप का हाथ बताया। उन्होंने कहा कि व्हाट्सएप ग्रुप, प्राइम विटनेस के आधार पर आरोपितों तक पहुँचना मुमकिन हो सका, क्योंकि विश्विद्यालय के छात्रों ने 4 जनवरी को सीसीटीवी को डैमेज कर दिया था। 

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पुलिस ने इसमें AISA, AISF, DSF और SFI के शामिल होने की भी बात कही। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय में हुई हिंसा में जेएनयू छात्र संघ प्रेसीडेंट आइशी घोष समेत चुनचुन कुमार, पंकज मिश्रा, प्रियरंजन, योगेंद्र भारद्वाज, वास्कर विजय मेक, सुचिता तालुकदार, डोलन सामंता और विकास पटेल का नाम शामिल है। डीसीपी ने बताया कि इस हिंसा के पीछे व्हाट्सएप ग्रुप का भी हाथ है, जिसका नाम है- यूनिटी अगेन्स्ट लेफ्ट। इस ग्रुप में 60 सदस्य हैं और योगेंद्र भारद्वाज इस ग्रुप का एडमिन है।

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डीसीपी का कहना है कि 4 जनवरी को ही जेएनयू के सीसीटीवी को डैमेज कर दिया गया था, जिसकी वजह से जाँच करने में काफी दिक्कतें हुईं। हालाँकि वहाँ पर मौजूद लोगों के द्वारा मोबाइल से बनाए वीडियो और विश्वविद्यालय प्रशासन ने इसमें काफी मदद की। पुलिस ने अब तक सभी आरोपितों की तस्वीरें भी जारी कर दी है।

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पुलिस ने बताया कि 4 जनवरी को फिर कुछ लोग विश्विद्यालय के अंदर घुसे और सर्वर को पूरी तरह तहस-नहस कर दिया। इसके बाद सारा प्रोसेस रुक गया। इसके बाद अगले दिन रजिस्ट्रेशन करने वाले छात्र के साथ मारपीट की गई। फिर अगले दिन इन्हीं लोगों ने पेरियार हॉस्टल में जाकर मारपीट की, जिसमें छात्रसंघ के लोग भी थे।

उसी समय कुछ वाट्सएप ग्रुप भी बनाया गया। प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा गया कि सीसीटीवी फुटेज नहीं मिल पाए, लेकिन वायरल फोटो और वीडियो से काफी मदद मिली है। यूनिटी अगेंस्ट लेफ्ट नाम के ग्रुप में 60 लोग हैं। कुछ लोगों को चिन्हित किया गया है। इन लोगों को नोटिस जारी किया जा रहा है। उनसे और जानकारी माँगी जाएगी।

दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता एमएस रंधावा ने कहा कि प्रदर्शनकारी लगातार कानून का उल्लंघन कर रहे हैं। कल भी कुछ प्रदर्शनकारी जबरन कनॉट प्लेस चले गए, जो जेएनयू स्टूडेंट यूनियन से जुड़े थे, इनकी वजह से आम लोगों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ा। मामले की जाँच चल रही है और जैसे-जैसे और तथ्य सामने आएँगे, मीडिया के सामने रखा जाएगा।

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ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया