हनुमान मंदिर के सामने ईदगाह का दूसरा गेट खोलने पर अड़े थे कट्टरपंथी: विरोध के बाद शुरू कर दी हिंसा, हिंदू महिला ने आँख की रोशनी गंवाई, पुलिसकर्मी की सर्जरी

जोधपुर में सांप्रदायिक तनाव और हिंसा में आंख की रोशनी गंवाई महिला (साभार: एनडीटीवी, पत्रिका)

राजस्थान के जोधपुर स्थित सूरसागर थाना क्षेत्र में 21 जून 2024 की रात को हिंसा भड़क गई। इसके बाद से इलाके में धारा-144 लागू है। हिंसा रूकी है, लेकिन इलाके में शांतिपूर्ण तनाव है। यह पूरा विवाद ईदगाह के गेट को शुरू हुआ था। इसके बाद आगजनी और पत्थरबाजी शुरू हो गई। मामला हिंसक होते ही दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर हमला बोल दिया।

इस हिंसा में दुकान और ट्रैक्टर को फूँक दिया गया है। बीच-बचाव करने आए पुलिसकर्मियों को भी चोटें आई हैं। आखिरकार पुलिस को लाठीचार्ज कर के स्थिति को सँभालना पड़ा। इस झगड़े में लाजवंती गहलोत ने अपनी एक आँख की रोशनी चली गई है। घटना के दिन उनका पोता बाहर खेल रहा था। उसे लेने बाहर आईं तो एक पत्थर आकर उनकी आँख में लग गई।

इसके बाद घर वाले उन्हें अस्पताल लेकर पहुँचे, जहां डॉक्टरों ने बताया कि उनकी आँख की रोशनी चली गई है। इस घटना के बाद लाजवंती ने शनिवार (22 जून 2024) को सूरसागर थाने में पहुँचकर अपने बयान दर्ज करवाए। इसके बाद पुलिस उन्हें एमएलसी करवाने के लिए अस्पताल लेकर गई। वहीं, घायल एक पुलिसकर्मी की सर्जरी कराई गई है। वह खतरे से बाहर है।

इस घटना को लेकर एक पक्ष शनिवार (22 जून 2024) को कलेक्ट्रेट पहुँचा। आरोप है कि कुछ लोगों द्वारा उनके घर में घुसकर परिवार के लोगों को पीटा गया है। इसके साथ ही महिलाओं से बदसलूकी भी की गई है। कई परिवार का यह भी आरोप है कि इस विवाद से उनका कोई लेना-देना नहीं है, फिर भी उनसे मारपीट की गई। कई लोगों को जबरदस्ती उठाकर ले जाया गया।

इलाके में भारी पुलिस बल तैनात है। ड्रोन से छतों पर रखे पत्थर और उसे फेंकने वाले आरोपितों की पहचान की जा रही है। सबूतों के आधार पर पुलिस लोगों के घरों में दबिश देकर पकड़ रही है। जाँच के दौरान इलाके के कुछ सीसीटीवी ऐसे भी मिले हैं, जिनके तार काट दिए गए थे। स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन तनाव बना हुआ है।

जोधपुर पश्चिम के पुलिस उपायुक्त राजेश कुमार यादव ने बताया कि बीते रात हुए इस तनाव में दो पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। दोनों पक्षों की शिकायतों के आधार पर दो एफआईआर दर्ज की गई हैं। इनमें कुल 200 लोगों के नाम हैं, जिनमें से अब तक 45 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तार लोगों में 7 हिंदू हैं। बाकी संदिग्धों को पकड़ने के लिए छापेमारी जारी है।

पुलिस उपायुक्त (पश्चिम) आलोक श्रीवास्तव ने प्रतापनगर वृत्त के पुलिस स्टेशन सूरसागर, प्रतापनगर, प्रतापनगर सदर, देवनगर व राजीव गांधी नगर थाना क्षेत्रों में शनिवार सुबह छह बजे से धारा 144 लगा दी। कोई भी व्यक्ति किसी भी तरह का हथियार लेकर इन क्षेत्रों में आ-जा नहीं सकेगा। धार्मिक उन्माद फैलाने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

क्या है मामला?

दरअसल, सूरसागर इलाके के राजाराम सर्किल के पास ईदगाह है। हिंसा की वजह यही ईदगाह है। इसके पीछे की तरफ एक गेट बनवाया जा रहा था। जहाँ गेट बनाया जा रहा था, उसके ठीक सामने हनुमान मंदिर है। हिंदू समुदाय इस नए दरवाजे का लगातार विरोध करता रहा है। इस गेट के निर्माण को लेकर करीब 15 साल पहले भी विवाद हुआ था। विवाद के बाद निर्माण कार्य पर रोक लगा दी गई थी।

हालाँकि, शुक्रवार (21 जून 2024) की शाम को एक पक्ष ने उस समझौते को तोड़ दिया और ईदगाह का दरवाजा फिर बनवाने लगे। इसकी जानकारी मिलते ही हिंदू समाज के लोग वहाँ पहुँच गए और उसका विरोध करने गए। विरोध को देखते हुए और बहसा-बहसी के बाद इस गेट को हटाने पर सहमति बन गई।

हालाँकि समुदाय के कट्टरपंथियों को यह फैसला पसंद नहीं आया। वे हर कीमत पर हनुमान मंदिर के सामने दूसरा गेट खोलना चाहते थे। इसके बाद वे घटना के दिन देर रात सड़कों पर उतर आए। इसका परिणाम हुआ कि लगभग दो घंटे तक दोनों तरफ से पत्थरबाजी हुई। इस दौरान एक दुकान और एक ट्रैक्टर को आग लगा दी गई, जबकि एक जीप में तोड़फोड़ की गई।

ऑपइंडिया स्टाफ़: कार्यालय संवाददाता, ऑपइंडिया