उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात में कहिजरी थाने की पुलिस दहेज़-उत्पीड़न के मामले में एक पिता-पुत्र को पकड़ने गई थी, लेकिन पुलिस टीम पर ही हमला हो गया और कई पुलिसकर्मी घायल हो गए। आरोपितों ने ही पुलिस पर हमला किया, जिनमें रफीक के नेतृत्व में पुरुषों के साथ-साथ महिलाएँ भी थीं।
उत्तर प्रदेश पुलिस पर जम कर ईंट-पत्थर चलाए गए। आत्मरक्षा के लिए पुलिस को फायरिंग भी करनी पड़ी। इस घटना में चौकी इंचार्ज और एक सिपाही के अलावा शिकायतकर्ता महिला भी घायल हो गई। चौकी इंचार्ज की हालत गंभीर है और उनका इलाज चल रहा है।
एसपी केशव कुमार चौधरी ने पुलिस बल के साथ आरोपितों की तलाश में दबिश दी है। दहेज उत्पीड़न का ये मामला भीखदेव के रहने वाले अजमल की पत्नी शाह बेगम ने दर्ज कराया था। 2 वर्ष पहले दर्ज कराए गए इस मामले में शौहर के अलावा ससुर रफीक उर्फ़ हक्कल को भी आरोपित बनाया गया था।
18 मार्च को शाह बेगम ने उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग की सदस्य पूनम कपूर के सामने भी ये मामला उठाया था। इसके बाद पुलिस ने रफीक को हिरासत में भी लिया था लेकिन समझौता होने के कारण उसे फिर से छोड़ दिया गया।
शाह बेगम अपने मायके कबीरनगर में रह रही थी। उसे लेकर पुलिस चौकी इंचार्ज गजेंद्र पाल सिपाहियों के साथ भीखदेव पहुँचे। समझौते के तहत पीड़िता को ससुराल में ही रुकना था, जिसके लिए पुलिस वहाँ गई थी। जब हमला हुआ, तब पुलिस रफीक के बड़े बेटे हसर अली से पूछताछ कर रही थी।
https://twitter.com/kanpurdehatpol/status/1373343484757700612?ref_src=twsrc%5Etfwतभी अचानक से आरोपितों के साथ घर की महिलाओं अफरुन, असरुन, रईशा व चांदतारा ने हमला कर दिया। पुलिसकर्मी इधर-उधर भागे और किसी तरह जान बचा कर वायरलेस से सूचना दी। पथराव के बीच चौकी इंचार्ज को ईंट-पत्थर लगे और वो मौके पर ही बेहोश हो गए। सिपाही समर सिंह भी लहूलुहान हो गए। रसूलाबाद थाने की पुलिस ने वहाँ आकर पीड़िता व अन्य घायलों को कानपुर के एक नर्सिंग होम में भर्ती कराया।
आरोपितों की तलाश में पुलिस की 5 टीमें गठित की गई हैं और उन्हें जल्द ही गिरफ्तार किए जाने की बात कही गई है। रफीक के खिलाफ पहले से ही कई संगीन मामलों में मुक़दमे दर्ज हैं। DIG कानपुर ने अस्पताल जाकर घायलों का हालचाल लिया। शिवली सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में प्राथमिक उपचार देने के बाद कानपुर के रीजेंसी अस्पताल में उन्हें भर्ती कराया गया है। एसपी मौके पर कैम्प कर रहे हैं।
https://twitter.com/kanpurdehatpol/status/1373399448475213826?ref_src=twsrc%5Etfwइस घटना की चश्मदीद रही घायल पीड़िता ने बयान देते हुए कहा कि ससुराल वाले उसे जान से मार देना चाहते थे। उसने कहा कि उसके पति अजमत अली और ससुर रफीक के अलावा ननद अफरूँ, अकरम अली, नन्दोई वाजिद अली, मुस्कान सहित सभी ने मारा। उसने कहा कि लोहे के डंडे का भी इस्तेमाल किया गया था। पूरे मामले में पुलिस ने बस इतना कहा कि समझौते के तहत पीड़िता को घर में रखो, जिस पर उग्र होकर हमला किया गया।